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बगावत करने वाले जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए : सिब्बल

राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दल बदलने वाले नेताओं के सरकारी पद पर रहने और अगला चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. साथ ही उन्होंने दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन की मांग की है.

kapil sibal
कपिल सिब्बल
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Published : Jul 19, 2020, 12:50 PM IST

नई दिल्ली : सचिन पायलट के बगावत करने के बाद राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को दल बदलने वाले सभी जन प्रतिनिधियों के पांच साल तक किसी सरकारी पद पर रहने और अगला चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने के लिए दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन की मांग की.

kapil sibal tweet
कपिल सिब्बल का ट्वीट

सिब्बल ने यह भी कहा कि निर्वाचित सरकारों को सत्ता से बाहर करने के लिए 'भ्रष्ट तरीकों के वायरस' के खिलाफ 'एंटीबॉडीज' संविधान की दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के संशोधन में निहित हैं. पायलट के अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ खुले तौर पर बगावत करने के मद्देनजर उनकी यह टिप्पणी आई है. पायलट को इस सप्ताह राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया.

कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होकर गहलोत सरकार को गिराने की कोशिशें करने का आरोप लगाया है. सिब्बल ने जाहिर तौर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'टीके की जरूरत है : निर्वाचित सरकारों को गिराने के लिए भ्रष्ट तरीकों का वायरस दिल्ली में ‘वुहान जैसे केंद्र’ के जरिए फैल गया है.'

उन्होंने कहा, 'इसके एंटीबॉडीज दसवीं अनुसूची के संशोधन में निहित हैं. सभी दल-बदलुओं के पांच साल तक किसी सरकार पद पर रहने और अगला चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए.'

पढ़ें :- पायलट की 'वापसी के दरवाजे खुले,' कांग्रेस नेताओं को टिप्पणी से बचने का निर्देश

पायलट ने भाजपा में शामिल होने के दावों का खंडन किया है. इस पर सिब्बल ने पूछा कि उनकी घर वापसी का क्या हुआ और क्या राजस्थान के बागी विधायक भाजपा की निगरानी में हरियाणा में छुट्टियां मना रहे हैं. राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं, जिनमें से 19 असंतुष्ट विधायकों को अध्यक्ष ने अयोग्य करार देने का नोटिस जारी किया है और उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.

कांग्रेस ने दावा किया है कि गहलोत सरकार के पास बीटीपी के दो विधायकों समेत 109 विधायकों का समर्थन है.

नई दिल्ली : सचिन पायलट के बगावत करने के बाद राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को दल बदलने वाले सभी जन प्रतिनिधियों के पांच साल तक किसी सरकारी पद पर रहने और अगला चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने के लिए दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन की मांग की.

kapil sibal tweet
कपिल सिब्बल का ट्वीट

सिब्बल ने यह भी कहा कि निर्वाचित सरकारों को सत्ता से बाहर करने के लिए 'भ्रष्ट तरीकों के वायरस' के खिलाफ 'एंटीबॉडीज' संविधान की दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के संशोधन में निहित हैं. पायलट के अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ खुले तौर पर बगावत करने के मद्देनजर उनकी यह टिप्पणी आई है. पायलट को इस सप्ताह राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया.

कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होकर गहलोत सरकार को गिराने की कोशिशें करने का आरोप लगाया है. सिब्बल ने जाहिर तौर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'टीके की जरूरत है : निर्वाचित सरकारों को गिराने के लिए भ्रष्ट तरीकों का वायरस दिल्ली में ‘वुहान जैसे केंद्र’ के जरिए फैल गया है.'

उन्होंने कहा, 'इसके एंटीबॉडीज दसवीं अनुसूची के संशोधन में निहित हैं. सभी दल-बदलुओं के पांच साल तक किसी सरकार पद पर रहने और अगला चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए.'

पढ़ें :- पायलट की 'वापसी के दरवाजे खुले,' कांग्रेस नेताओं को टिप्पणी से बचने का निर्देश

पायलट ने भाजपा में शामिल होने के दावों का खंडन किया है. इस पर सिब्बल ने पूछा कि उनकी घर वापसी का क्या हुआ और क्या राजस्थान के बागी विधायक भाजपा की निगरानी में हरियाणा में छुट्टियां मना रहे हैं. राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं, जिनमें से 19 असंतुष्ट विधायकों को अध्यक्ष ने अयोग्य करार देने का नोटिस जारी किया है और उन्होंने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.

कांग्रेस ने दावा किया है कि गहलोत सरकार के पास बीटीपी के दो विधायकों समेत 109 विधायकों का समर्थन है.

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