नई दिल्ली : राज्य सभा में रविवार को कृषि विधेयकों पर वोटिंग के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था. भारी हंगामे के बीच कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 ध्वनिमत से पारित हो गए थे.
भाजपा ने राज्य सभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे की निंदा करते हुए इसे अलोकत्रांतिक बताया था. राज्य सभा के सभापति ने सोमवार को हंगामा करने वाले आठ सांसदों को मौजूदा संसद सत्र की कार्यवाही के लिए निलंबित कर दिया है.
विपक्षी सांसदों के हंगामे पर केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि कृषि बिल को लेकर राज्य सभा में जो हुआ, शर्मनाक और लोकतंत्र विरोधी है. उन्होंने मांग कि कांग्रेस और टीएमसी के जिन सदस्यों ने वेल में आकर गलत व्यवहार किया उनके खिलाफ और कठोर कारवाई की जाए.
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा है कि नए कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसी प्रकार से आंच नहीं आएगी. आने वाले समय में विपक्षी पार्टियों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे, जब एमएसपी के जरिए फसलों के दाम बढ़ाए जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि यह बिल किसानों के लिए लाभाकारी है. किसान अपनी फसल मंडी के अंदर या बाहर कहीं भी बेच सकता है. कटारिया ने कहा कि विपक्ष दुष्प्रचार कर रहा है कि किसान तबाह हो जाएगा, किसानों की जमीन छीन ली जाएगी.