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भारत-चीन विवाद : कांग्रेस ने कहा- पीएम मोदी और उनकी सरकार ने साध रखा है मौन

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारत-चीन तनाव पर मीडिया से बातचीत की. उन्होंने पीएम से कहा कि वह देशवासियों को विश्वास में लें.

randeep surjewala briefs media on india china face off
भारत-चीन तनाव पर मीडिया से बातचीत कर रहे कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
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Published : Jun 17, 2020, 5:35 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारत-चीन तनाव पर मीडिया से बातचीत की. सुरजेवाला ने कहा कि चीनी सेना द्वारा हमले में देश के उच्च सैन्य अधिकारी सहित 20 जवानों की शहादत से पूरे देश में भारी रोष है, गंभीर चिंता व व्यग्रता है. पूरे देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है. भारत के साहसी सैनिकों पर हमें नाज है, जो सीना ताने आज भी दुश्मनों का सामना कर रहे हैं.

चीनी सेना के इस दुस्साहस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार ने मौन साध लिया है. देश को उम्मीद नहीं थी कि 40 दिनों की दिल्ली के हुक्मरानों की सरकारी चुप्पी का परिणाम इतना हृदय विदारक होगा. केंद्रीय भाजपा सरकार की खामियों और नाकामियों की वजह से हमारे सैनिकों की शहादत का यह दुखद और वेदना भरा दिन देश को देखना पड़ेगा.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी व पूरा प्रतिपक्ष बार-बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहे, आगाह करते रहे कि कुछ बताइए कि आखिर सीमा पर परिस्थितियां क्या हैं, चीन की सेना हमारी सरहदों में कहां तक घुस आई है? और हमारी कितनी जमीन हड़प ली है? सेना के पूर्व अधिकारी भी लगातार आगाह कर रहे थे कि स्थिति गंभीर है और सरकार को कार्रवाई की आवश्यकता है.

मगर लापरवाह और नाकाम सरकार अपने राजनैतिक जलसों, चुनावी लड़ाईयों, विपक्ष की सरकारें गिराने के षडयंत्रों में व्यस्त रही और सीमा की सच्चाई देश से छिपाती रही. दुख से कहना पड़ता है कि केंद्रीय भाजपा सरकार की प्राथमिकता में देश नहीं, अपने दल की सत्ता मात्र है.

सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार में सवालों पर पाबंदी है और सूचनाओं पर तालाबंदी है. आज देश से सब कुछ छिपाया जा रहा है. पर क्या मोदी सरकार के पास उन मांओं के लिए कोई जवाब है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने लाड़ले बेटों की कुर्बानी दी है? क्या उन पत्नियों के लिए कोई जवाब है, जिन्होंने अपने सिंदूर को भारत मां पर न्योछावर कर दिया? क्या उन बच्चों के लिए कोई जवाब है, जिनके सर से पिता का साया उठ गया?

यह भी पढ़ें : एलएसी पर झड़प में चीनी कमांडर समेत 35 सैनिक ढेर

सच्चाई यह है कि देश की हुकूमत चेताए जाने के बावजूद आंखें मूंदे रही और गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत के वाक्ये को होने दिया. चीन ने भारत की सरजमीं पर कब्जा कर लिया, उसकी रक्षा करते हुए हमारे सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए, पर दिल्ली में बैठी मोदी सरकार तथा प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री ने मात्र चुप्पी साधे रखने के अलावा क्या किया?

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमारे शहीदों की शहादत को सलाम करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हम फिर दोहराते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा व देश की भूभागीय अखंडता के हर मुद्दे पर देश के 130 करोड़ नागरिक एक हैं व सरकार के साथ खड़े हैं, परंतु मोदी सरकार को देश को विश्वास में लेना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आकर सच्चाई बतानी होगी कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जा कैसे किया व 20 सैनिकों की शहादत कैसे हुई? मौके पर आज की स्थिति क्या है? क्या हमारे सैन्य अधिकारी या सैनिक अभी भी लापता हैं? हमारे कितने सैन्य अधिकारी व सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं? चीन ने हमारे कितने हिस्से पर और कहां-कहां कब्जा कर रखा है? इस पूरी स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की नीति और रास्ता क्या है?

पढ़ें : भारत-चीन सीमा पर तनाव : राहुल बोले, अब तक चुप क्यों हैं प्रधानमंत्री मोदी

उन्होंने कहा कि जैसा राहुल गांधी जी ने कहा कि पूरा देश एकजुट हो देश व सीमाओं की रक्षा के लिए सरकार के साथ खड़ा है. अब जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सरकार की है कि वह देश व देशवासियों को विश्वास में लें.

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है.

सेना ने देर शाम बयान में कहा कि हमारे 17 सैनिक, जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है. इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी उसी अनुपात में हताहत हुए हैं.

नई दिल्ली : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारत-चीन तनाव पर मीडिया से बातचीत की. सुरजेवाला ने कहा कि चीनी सेना द्वारा हमले में देश के उच्च सैन्य अधिकारी सहित 20 जवानों की शहादत से पूरे देश में भारी रोष है, गंभीर चिंता व व्यग्रता है. पूरे देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है. भारत के साहसी सैनिकों पर हमें नाज है, जो सीना ताने आज भी दुश्मनों का सामना कर रहे हैं.

चीनी सेना के इस दुस्साहस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार ने मौन साध लिया है. देश को उम्मीद नहीं थी कि 40 दिनों की दिल्ली के हुक्मरानों की सरकारी चुप्पी का परिणाम इतना हृदय विदारक होगा. केंद्रीय भाजपा सरकार की खामियों और नाकामियों की वजह से हमारे सैनिकों की शहादत का यह दुखद और वेदना भरा दिन देश को देखना पड़ेगा.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी व पूरा प्रतिपक्ष बार-बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहे, आगाह करते रहे कि कुछ बताइए कि आखिर सीमा पर परिस्थितियां क्या हैं, चीन की सेना हमारी सरहदों में कहां तक घुस आई है? और हमारी कितनी जमीन हड़प ली है? सेना के पूर्व अधिकारी भी लगातार आगाह कर रहे थे कि स्थिति गंभीर है और सरकार को कार्रवाई की आवश्यकता है.

मगर लापरवाह और नाकाम सरकार अपने राजनैतिक जलसों, चुनावी लड़ाईयों, विपक्ष की सरकारें गिराने के षडयंत्रों में व्यस्त रही और सीमा की सच्चाई देश से छिपाती रही. दुख से कहना पड़ता है कि केंद्रीय भाजपा सरकार की प्राथमिकता में देश नहीं, अपने दल की सत्ता मात्र है.

सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार में सवालों पर पाबंदी है और सूचनाओं पर तालाबंदी है. आज देश से सब कुछ छिपाया जा रहा है. पर क्या मोदी सरकार के पास उन मांओं के लिए कोई जवाब है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने लाड़ले बेटों की कुर्बानी दी है? क्या उन पत्नियों के लिए कोई जवाब है, जिन्होंने अपने सिंदूर को भारत मां पर न्योछावर कर दिया? क्या उन बच्चों के लिए कोई जवाब है, जिनके सर से पिता का साया उठ गया?

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सच्चाई यह है कि देश की हुकूमत चेताए जाने के बावजूद आंखें मूंदे रही और गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत के वाक्ये को होने दिया. चीन ने भारत की सरजमीं पर कब्जा कर लिया, उसकी रक्षा करते हुए हमारे सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए, पर दिल्ली में बैठी मोदी सरकार तथा प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री ने मात्र चुप्पी साधे रखने के अलावा क्या किया?

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमारे शहीदों की शहादत को सलाम करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हम फिर दोहराते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा व देश की भूभागीय अखंडता के हर मुद्दे पर देश के 130 करोड़ नागरिक एक हैं व सरकार के साथ खड़े हैं, परंतु मोदी सरकार को देश को विश्वास में लेना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आकर सच्चाई बतानी होगी कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जा कैसे किया व 20 सैनिकों की शहादत कैसे हुई? मौके पर आज की स्थिति क्या है? क्या हमारे सैन्य अधिकारी या सैनिक अभी भी लापता हैं? हमारे कितने सैन्य अधिकारी व सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं? चीन ने हमारे कितने हिस्से पर और कहां-कहां कब्जा कर रखा है? इस पूरी स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की नीति और रास्ता क्या है?

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उन्होंने कहा कि जैसा राहुल गांधी जी ने कहा कि पूरा देश एकजुट हो देश व सीमाओं की रक्षा के लिए सरकार के साथ खड़ा है. अब जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सरकार की है कि वह देश व देशवासियों को विश्वास में लें.

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है.

सेना ने देर शाम बयान में कहा कि हमारे 17 सैनिक, जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है. इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी उसी अनुपात में हताहत हुए हैं.

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