नई दिल्ली : राज्य सभा ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की संचित निधि से एक निश्चित राशि के भुगतान को अधिकृत करने वाले विनियोग (संख्या 3) विधेयक 2020 और विनियोग (संख्या 4) विधेयक 2020 को बुधवार को लौटा दिया. लोक सभा ने 19 सितंबर को इन विधेयकों को पारित किया था और उच्च सदन ने बिना चर्चा के ध्वनिमत से इन्हें लौटा दिया.
विनियोग (संख्या 4) विधेयक 2020 वित्त वर्ष 2020-21 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि से कुछ और धन के भुगतान को अधिकृत करता है. वहीं विनियोग (संख्या 3) विधेयक 2020 भारत की संचित निधि से 31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान कुछ सेवाओं पर खर्च राशि की पूर्ति के लिए धन के विनियोजन को अधिकृत करता है. ये राशि इन सेवाओं के लिए और उस वर्ष के लिए प्रदान की गई राशि के अतिरिक्त है.
विनियोग विधेयक धन विधेयक होता है, जो सरकार को किसी वित्त वर्ष के दौरान अपने अतिरिक्त खर्च की पूर्ति के लिए भारत की संचित निधि से धन लेने की अनुमति देता है. संविधान के अनुच्छेद 114 के अनुसार सरकार संसद से मंजूरी मिलने के बाद ही इस निधि से धन निकाल सकती है. वित्त विधेयक में जहां सरकार के व्यय के वित्तपोषण संबंधी प्रावधान होते हैं, वहीं विनियोग विधेयक निकाले जाने वाले धन की मात्रा और उसके उद्देश्य को स्पष्ट करता है.
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विनियोग विधेयक को पहले लोक सभा पारित करती है और फिर इसे राज्य सभा को भेजा जाता है. राज्य सभा को इस विधेयक में किसी संशोधन के लिए सिफारिश करने का अधिकार है. हालांकि, यह लोक सभा का विशेषाधिकार है कि वह इन सिफारिशों को स्वीकार करे या नहीं.