नई दिल्ली : महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले किसान नेता राजू शेट्टी से आज दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि आंदोलन को बदनाम करने की साजिश, सरकार और उनके समर्थकों द्वारा की जा रही है. राजू शेट्टी ने कहा कि जब भी कोई बड़ा आंदोलन खड़ा होता है तो उसको विपक्ष का समर्थन मिलता है. देश में जब अन्ना आंदोलन हुआ था, तब कांग्रेस की सरकार थी और भाजपा विपक्ष में थी, तब भी सभी विपक्षी पार्टियों ने अन्ना आंदोलन को अपना समर्थन दिया था, जिसमें भाजपा भी शामिल थी, तब यह सवाल क्यों नहीं उठाये गए?
आंदोलन का 19वां दिन
राजू शेट्टी ने आगे कहा, यदि केंद्र सरकार को ऐसा लगता है कि इस विरोध से विपक्षी पार्टियों को कुछ फायदा हो रहा है तो सरकार किसानों की मांगें मान ले और विपक्ष का मुंह बंद हो जाएगा और वह इसका कोई लाभ नहीं ले पाएंगे. किसान आंदोलन का असर अब देश के अलग-अलग राज्यों में भी पड़ रहा है. आंदोलन के 19वें दिन आज दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान जत्थेबंदियों के नेता एक दिन के अनशन पर बैठे हैं और देश भर के जिला मुख्यालयों पर भी किसानों से धरना प्रदर्शन करने की अपील की गई है.
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तीन कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
शेट्टी ने बताया कि महाराष्ट्र में भी उनके संगठन द्वारा आंदोलन की शुरुआत की जा चुकी है और आज जगह-जगह किसान मोदी सरकार के तीन कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे राजू शेट्टी ने आज स्पष्ट किया है कि समन्वय समिति में कोई टूट नहीं है.
'एकजुट होकर काम करता रहेंगा किसान संगठन'
संयोजक रहे वीएम सिंह और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच अंतर होने के बाद वीएम सिंह को संयोजक पद से हटा दिया गया है. इस पर राजू शेट्टी ने कहा, 'आंदोलन पर इन बातों का कोई असर नहीं पड़ेगा और AIKSCC में 250 किसान संगठन आगे भी एकजुट होकर काम करते रहेंगे.'