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केरल : स्कूल प्रबंधन ने नौकरी से निकाला तो बस ड्राइवर ने आग लगाकर दे दी जान - स्कूल प्रबंधन ने नौकरी से निकाला

केरल के तिरुवनंतपुरम में स्कूल से निकाले जाने पर एक बस चालक ने आग लगाकर जान दे दी. कोरोना लॉकडाउन अवधि के दौरान स्कूल प्रबंधन द्वारा 86 कर्मचारियों को निकाल दिया गया था. प्रबंधन के इस कदम का पूर्व कर्मचारियों ने विरोध किया है और घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया.

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Published : Jan 11, 2021, 2:54 PM IST

तिरुवनंतपुरम : तिरुवनंतपुरम में श्रीकरीम इडावक्कम में एक निजी स्कूल के बस चालक ने सोमवार को नौकरी जाने की वजह से खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली. वट्टप्पारा में मारुथुर के मूल निवासी श्रीकुमार ने स्कूल परिसर में एक ऑटोरिक्शा के अंदर बैठकर खुद को आग लगा ली. वह यहां चेंबका स्कूल का बस ड्राइवर था. श्रीकुमार को स्कूल प्रबंधन ने नौकरी से निकाल दिया था. हालांकि, सोमवार सुबह वह ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए स्कूल पहुंचा था, लेकिन ड्यूटी करने की अनुमति नहीं दी गई.

इसके बाद श्रीकुमार चला गया और एक ऑटोरिक्शा में बैठ गया, जो स्कूल के पास खड़ी थी. खुद और ऑटो पर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर लिया. आत्महत्या से पहले उसने मुख्यमंत्री सहित जिलाधिकारी और पुलिस को संबोधित पत्र लिखे थे, साथ ही एक सहयोगी को पत्र सौंपा था. घटना के बाद अग्निशमन विभाग ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया. लेकिन तब तक श्रीकुमार की मौत हो चुकी थी. स्कूल के पूर्व कर्मचारियों ने स्कूल अधिकारियों पर दुर्भाग्यपूर्ण घटना का आरोप लगाया है.

यह भी पढ़ें-किसान आंदोलन मामले में दो चरणों में हो सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

कोरोना लॉकडाउन अवधि के दौरान स्कूल प्रबंधन द्वारा 86 कर्मचारियों को निकाल दिया गया था. पूर्व कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन निकाले गए कर्मचारियों की जगह नए लोगों को नाैकरी पर रख रहा है. प्रबंधन के इस कदम का पूर्व कर्मचारियों ने विरोध किया और घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया.

तिरुवनंतपुरम : तिरुवनंतपुरम में श्रीकरीम इडावक्कम में एक निजी स्कूल के बस चालक ने सोमवार को नौकरी जाने की वजह से खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली. वट्टप्पारा में मारुथुर के मूल निवासी श्रीकुमार ने स्कूल परिसर में एक ऑटोरिक्शा के अंदर बैठकर खुद को आग लगा ली. वह यहां चेंबका स्कूल का बस ड्राइवर था. श्रीकुमार को स्कूल प्रबंधन ने नौकरी से निकाल दिया था. हालांकि, सोमवार सुबह वह ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए स्कूल पहुंचा था, लेकिन ड्यूटी करने की अनुमति नहीं दी गई.

इसके बाद श्रीकुमार चला गया और एक ऑटोरिक्शा में बैठ गया, जो स्कूल के पास खड़ी थी. खुद और ऑटो पर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर लिया. आत्महत्या से पहले उसने मुख्यमंत्री सहित जिलाधिकारी और पुलिस को संबोधित पत्र लिखे थे, साथ ही एक सहयोगी को पत्र सौंपा था. घटना के बाद अग्निशमन विभाग ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया. लेकिन तब तक श्रीकुमार की मौत हो चुकी थी. स्कूल के पूर्व कर्मचारियों ने स्कूल अधिकारियों पर दुर्भाग्यपूर्ण घटना का आरोप लगाया है.

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कोरोना लॉकडाउन अवधि के दौरान स्कूल प्रबंधन द्वारा 86 कर्मचारियों को निकाल दिया गया था. पूर्व कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन निकाले गए कर्मचारियों की जगह नए लोगों को नाैकरी पर रख रहा है. प्रबंधन के इस कदम का पूर्व कर्मचारियों ने विरोध किया और घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया.

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