पीएम मोदी का संबोधन :
- कांग्रेस और उसके साथी इस देश के राष्ट्र निर्माताओं को भी वोटबैंक की राजनीति के कारण भूलने लगे हैं, ये चिंता का विषय है.
- जनगणना और एनपीआर सामान्य गतिविधियां है जो देश में पहले भी होती रही हैं. लेकिन जब वोटबैंक राजनीति की मजबूरी हो, तो खुद एनपीआर को 2010 में लाने वाले, आज लोगों में भ्रम फैला रहे हैं.
- इस दशक में दुनिया की भारत से बहुत अपेक्षाएं हैं और भारतीयों को हमसे बहुत अपेक्षाएं हैं. इन अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए हम सभी के प्रयास 130 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं के अनुरूप होने चाहिए.
- ये नया भारत आगे बढ़ चला है. ये कर्तव्य पथ पर चल पढ़ा है और कर्तव्य में ही सारे अधिकारों का सार है, ये खुद गांधी जी कह गए हैं. आइए, हम गांधी जी के बताए कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हुए, एक समृद्ध, समर्थ और संकल्पित नए भारत के निर्माण में जुट जाएं.