नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बढ़ गया है. गलवान घाटी पर सोमवार रात को भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक के बीच हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. वहीं चीनी सेना के 35 जवानों के हताहत होने की खबर है. चीन के साथ चल रहे तनाव पर ईटीवी भारत ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा से बात की. आइए जानते हैं इन लोगों ने इस दौरान क्या कहा...
आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा कि 45 वर्ष पहले इस तरह की घटना हुई थी. तब से अब की भू राजनीतिक स्थिति में बहुत अंतर है. पिछले एक महीने से सीमा पर सरगर्मियां चल रहीं थी लेकिन सरकार ने देश की जनता को कुछ भी नहीं बताया. अमेरिका के राष्ट्रपति तक ने बीच-बचाव करने की बात कही. स्वस्थ पारदर्शी लोकतंत्र में देश की जनता को यह जानने का हक है कि सीमा पर क्या हो रहा है.
उन्होंने कहा कि इस डी-एस्कलेशन में 20 जवान शहीद हो गए. लेकिन जवानों की यह शहादत सवाल खड़े करती है. उन्होंने सवाल किया कि भारत का जिस तरह का रवैया पाकिस्तान के साथ रहता है, वही चीन के साथ क्यों नहीं रहता. यह एक विषय है जिसपर सभी को गौर करना होगा. उन्होंने कहा कि हम शांति की पहल वाले देश हैं, लेकिन शांति स्वाभिमान की कीमत पर नहीं होनी चाहिए.
माकपा नेता डी राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, माकपा ने पहले ही इसका सुझाव दिया था. देखना होगा कि बैठक में क्या चर्चा होती है. दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही है. लेकिन सीमा पर हमारे देश के जवान शहीद हो रहे हैं. उन्होंने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दोनों देशों को बातचीत के माध्यम से इसका समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश जवानों के बलिदान को हमेशा याद रखेगा.
भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने हालातों पर बोलते हुए कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने इस तरह की हरकत की है. उन्होंने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीति हमेशा से चलती रही है. पूर्व में देश के नेतृत्व में कुछ कमियां थी, जिसकी वजह से यह बढ़ता गया. उन्होंने कहा कि अब देश का नेतृत्व मजबूत है और चीन ऐसी हरकत दोबारा नहीं करेगा. जो हुआ है सरकार उसका जवाब जरूर देगी.