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ग्रेटर नोएडा में है 'पाकिस्तान वाली गली', PM मोदी और योगी से नाम बदलने की अपील

नोएडा के दादरी में है पाकिस्तान वाली गली. यहां के लोग पाकिस्तान से 70 साल पहले आए थे. इन लोगों के पते की जगह पाकिस्तान वाली गली लिखा है जिसकी वजह से ये परेशान हैं. जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Jul 31, 2019, 4:11 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 4:44 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: 70 साल पहले कुछ हिंदू परिवार जो पाकिस्तान छोड़ भारत में आए थे, उन्हीं में से कुछ गौतमबुद्ध नगर के दादरी इलाके में बस गए. सभी के दस्तावेज भारतीय हैं पर वोटर कार्ड और आधार कार्ड पर पते की जगह पाकिस्तान वाली गली लिखी है. इससे इन्हे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

'पाकिस्तान वाली गली' बनी परेशानी की वजह
वोटर आई कार्ड और आधार कार्ड पर पते की जगह लिखा है पाकिस्तान वाली गली. ये ही पता इन परिवारों को अपनों के बीच बेगाना बना रहा है. पते के तौर पर पाकिस्तानी वाली गली दर्ज होने के कारण बच्चों का रिश्ता करने और स्कूलों में दाखिले में बेहद परेशानी होती है.

लोगों की प्रतिक्रिया.

कुछ बुजुर्ग अपने भाईयों के साथ आए थे भारत
दादरी नगर पालिका परिषद के वॉर्ड-2 में गौतमपुरी मोहल्ला है. यहां रहने वाले बताते हैं, कि देश के बंटवारे के समय चुन्नीलाल नाम के उनके बुजुर्ग अपने कुछ भाइयों के साथ करांची से आकर यहां बस गए थे. गौतमपुरी मोहल्ले की जिस गली में पाकिस्तान से आकर वे लोग बसे थे, उसी समय से उस क्षेत्र की पहचान पाकिस्तान वाली गली के रूप में हो रही है.

लोग शक करते हैं
लोगों का ऐतराज है कि अगर उन्हें पाकिस्तानी कहलाना पसंद होता तो उनके पुरखे पाकिस्तान को छोड़कर हिंदुस्तान नहीं आते. पाकिस्तानी वाली गली के निवासी कहते हैं कि उनकी आस्था और निष्ठा हिंदुस्तान में है. लोग उन्हें शक की निगाह से देखते हैं.

एयरपोर्ट पर विशेष चेकिंग होती है
लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि रेल या हवाई जहाज से कहीं जाने पर उनको विशेष चेकिंग से गुजरना पड़ता है. संजयवती ने कहा कि उनके परिवारों के लोग बच्चों के रिश्ते करने जाते हैं तो अपना पता बताने में शर्म महसूस होती है.
दादरी के एसडीएम राजीव राय कहते हैं कि उनके संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है. वह नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी से बात करेंगे और कानून के मुताबिक जो भी समाधान निकल सकता है, निकाला जाएगा.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: 70 साल पहले कुछ हिंदू परिवार जो पाकिस्तान छोड़ भारत में आए थे, उन्हीं में से कुछ गौतमबुद्ध नगर के दादरी इलाके में बस गए. सभी के दस्तावेज भारतीय हैं पर वोटर कार्ड और आधार कार्ड पर पते की जगह पाकिस्तान वाली गली लिखी है. इससे इन्हे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

'पाकिस्तान वाली गली' बनी परेशानी की वजह
वोटर आई कार्ड और आधार कार्ड पर पते की जगह लिखा है पाकिस्तान वाली गली. ये ही पता इन परिवारों को अपनों के बीच बेगाना बना रहा है. पते के तौर पर पाकिस्तानी वाली गली दर्ज होने के कारण बच्चों का रिश्ता करने और स्कूलों में दाखिले में बेहद परेशानी होती है.

लोगों की प्रतिक्रिया.

कुछ बुजुर्ग अपने भाईयों के साथ आए थे भारत
दादरी नगर पालिका परिषद के वॉर्ड-2 में गौतमपुरी मोहल्ला है. यहां रहने वाले बताते हैं, कि देश के बंटवारे के समय चुन्नीलाल नाम के उनके बुजुर्ग अपने कुछ भाइयों के साथ करांची से आकर यहां बस गए थे. गौतमपुरी मोहल्ले की जिस गली में पाकिस्तान से आकर वे लोग बसे थे, उसी समय से उस क्षेत्र की पहचान पाकिस्तान वाली गली के रूप में हो रही है.

लोग शक करते हैं
लोगों का ऐतराज है कि अगर उन्हें पाकिस्तानी कहलाना पसंद होता तो उनके पुरखे पाकिस्तान को छोड़कर हिंदुस्तान नहीं आते. पाकिस्तानी वाली गली के निवासी कहते हैं कि उनकी आस्था और निष्ठा हिंदुस्तान में है. लोग उन्हें शक की निगाह से देखते हैं.

एयरपोर्ट पर विशेष चेकिंग होती है
लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि रेल या हवाई जहाज से कहीं जाने पर उनको विशेष चेकिंग से गुजरना पड़ता है. संजयवती ने कहा कि उनके परिवारों के लोग बच्चों के रिश्ते करने जाते हैं तो अपना पता बताने में शर्म महसूस होती है.
दादरी के एसडीएम राजीव राय कहते हैं कि उनके संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है. वह नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी से बात करेंगे और कानून के मुताबिक जो भी समाधान निकल सकता है, निकाला जाएगा.

Intro:ग्रेटर नोएडा-- अपने वतन की मिट्टी की खुशबू और प्यार ही कुछ हिन्दू परिवारों को 70 साल पहले पाकिस्तान के कराची शहर से गौतमबुद्ध नगर के दादरी खींच लाया था। हालांकि उनके सभी दस्तावेज भारतीय हैं, लेकिन, उन परिवारों की पहचान अब भी पाकिस्तानी वाली गली के तौर पर ही होती है। देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान की कराची शहर की गलियों में रह रहे कुछ हिन्दू परिवार गौतमबुद्ध नगर के दादरी इलाके में बस गए थे। लेकिन, हिन्दुस्तान की मिट्टी से प्यार करने वाले परिवारों को सात दशक बाद भी हिन्दुस्तानी की पहचान मिलने का इंतजार है।
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वोटर आई कार्ड और आधार कार्ड पर पते की जगह लिखा पाकिस्तान वाली गली ही इन परिवारों को अपनो के बीच बेगाना बना रहा है। पते के तौर पर पाकिस्तानी वाली गली दर्ज होने के कारण बच्चों का रिश्ता करने और स्कूलों में दाखिले में बेहद परेशानी होती है। दादरी नगर पालिका परिषद के वॉर्ड-2 में गौतमपुरी मोहल्ला है। यहां रहने वाले बताते हैं कि देश के बंटवारे के समय चुन्नीलाल नाम के उनके बुजुर्ग अपने कुछ भाइयों के साथ कराची से आकर यहां बस गए थे। गौतमपुरी मोहल्ले की जिस गली में पाकिस्तान से आकर वे लोग बसे थे, उसी समय से उस क्षेत्र की पहचान पाकिस्तानी वाली गली के रूप में हो रही है।
बाइट –देविंदर प्रशाद

पाकिस्तानी वाली गली गौतमपुरी मोहल्ले का एक छोटा सा हिस्सा है। इस गली में मौजूदा समय में करीब 70 परिवार रहते हैं। सभी के सरकारी दस्तावेजों पर पते के तौर पर पाकिस्तानी वाली गली लिखा हुआ है। लोगों का ऐतराज है कि अगर उन्हें पाकिस्तानी कहलाना पसंद होता तो उनके पुरखे पाकिस्तान को छोड़कर हिंदुस्तान नहीं आते। पाकिस्तानी वाली गली के निवासी कहते हैं कि उनकी आस्था और निष्ठा हिंदुस्तान में है। लेकिन चार पीढ़ियों के बाद भी उन्हें पाकिस्तानी होने का अहसास कराया जा रहा है। पाकिस्तानी गली का दर्द बयां करते हुए जय सिंह कहते हैं कि सात दशक बाद भी पाकिस्तान का भूत उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। सरकार ने भी आधार कार्ड तक में उनकी पहचान पाकिस्तानी कर दी है। इस वजह से लोग उन्हें शक की निगाह से देखते हैं।
बाइट – भूपेश कुमार

पाकिस्तानी वाली गली हरवीर उनके बच्चे पढ़ाई के लिए कहीं जाते हैं तो उनके दस्तावेज में पाकिस्तानी वाली गली लिखा देखकर कई स्थानों पर उन्हें दाखिला नहीं दिया जाता है। रेल या हवाई जहाज से कहीं जाने पर विशेष चेकिंग से गुजरना पड़ता है। संजयवती ने कहा कि उनके परिवारों के लोग बच्चों के रिश्ते करने जाते हैं तो अपना पता बताने में शर्म महसूस होती है।
बाइट – हरवीर
बाइट - संजयवती
Conclusion:
दादरी के एसडीएम राजीव राय कहते हैं कि उनके संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है। वह नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी से बात करेंगे और कानून के मुताबिक जो भी समाधान निकल सकता है, निकाला जाएगा।
Last Updated : Jul 31, 2019, 4:44 PM IST
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