बस्ती : देश में टोल प्लाजा पर फास्टैग लागू तो हो गया है, लेकिन इस स्कीम के बारे में लोगों को पूरी जानकारी नहीं है, जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना कर पड़ा रहा है.
इसका नमूना जिले में देखने को मिला, जहां जेब में फास्टैग कार्ड लेकर चलने पर या बाइक से सफर करने के दौरान लोगों का टोल कट जा रहा है, जिसकी उनको खबर भी नहीं हो रही है.
फास्टैग कार्ड को कार के साथ लेकर चलना ही उचित
- केंद्र सरकार ने 15 दिसंबर से देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग का नियम लागू किया था.
- फास्टैग कार्ड के बारे में लोगों को पूरी जानकारी नहीं है, जिसकी वजह से ऑटोमैटिक टोल कट जा रहा है.
- जिले से एक बैंक मैनेजर फास्टैग कार्ड को जेब में रखकर रोजाना बाइक से टोल से आते-जाते थे.
- एक हफ्ते बाद टोल कटने की जानकारी होते ही उनके होश उड़ गए क्योंकि वह बाइक से सफर कर रहे थे.
- टोल कर्मी से जब बैंक मैनेजर ने बात की तो पता चला कि फास्टैग कार्ड को कार के साथ ही लेकर चलना उचित है.
- पैदल जा रहे व्यक्ति की जेब में अगर फास्टैग कार्ड है तो उसका टोल ऑटोमैटिक कट जाएगा.
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30 फीसदी वाहन ही है फास्टैग कार्ड का हिस्सा
- शहर से सटे मड़वानगर और छावनी थानांतर्गत चौकड़ी टोल प्लाजा पर प्रबंधन ने फास्ट टैग अनिवार्य कर दिया.
- टैग नहीं लगाने वाले लापरवाह वाहन चालकों के चलते टोल पर लंबा जाम लगा रहता है.
- बगैर टैग लगाए वाहनों के जाम से मुक्ति के लिए दोनों टोल प्लाजा पर दो लेन बनाई गई.
- दोनों लेन में वाहन चालक कैश पेमेंट कर आगे बढ़ सकते हैं और शेष छह लेन फास्टैग वाहनों के लिए रखा गया है.
- टोल प्रबंधन के मुताबिक रोजाना तकरीबन 6 हजार वाहन गुजर रहे हैं.
- लगभग 30 फीसदी वाहन ही फास्टैग लगे पाए गए. बाकी कैश और मैनुअल लेन से निकले.
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