नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर विचार करने के लिये आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की पर्यावरण संबंधित संसद की स्थायी समिति की बुधवार को बैठक बुलाई गई है.
इससे पहले यह बैठक 15 नवंबर को बुलाई गई थी लेकिन इसके अधिकतर सदस्यों के गैर हाजिर रहने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया था. सूत्रों के अनुसार भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के सदस्यों को बुधवार को बैठक के बारे में सूचित कर दिया गया है.
समझा जाता है कि पाल ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पिछली बैठक में अधिकतर सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर असंतोष जताया. पाल ने कहा कि 15 नवंबर को बैठक आहूत करने का मकसद दिल्ली सहित देश के अन्य इलाकों में वायु प्रदूषण के संकट से निपटने के लिये किये जा रहे उपायों की अधिकारियों से जानकारी लेकर शीतकालीन सत्र शुरू होने पर संसद सदस्यों को इनसे अवगत कराना था.
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लेकिन 28 सदस्यीय समिति की बैठक में अधिकतर सदस्यों और अधिकारियों के शामिल नहीं होने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा.
बुधवार को होने वाली बैठक के लिये सदस्यों को भेजे संदेश में कहा गया है कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि समिति के सदस्यों को दिल्ली का प्रदूषण कम करने में राजधानी के स्थानीय निकायों, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) और अन्य केन्द्रीय एजेंसियों की भूमिका से अवगत करायेंगे.
सूत्रों के अनुसार पिछली बैठक में समिति के सिर्फ चार सदस्य (जगदंबिका पाल, आप के संजय सिंह, भाजपा के सी आर पाटिल और नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी) शामिल हुए थे.
समझा जाता है कि बैठक से गैरहाजिर रहने के कारण सुर्खियों में रहे दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर सहित समिति के अन्य सदस्यों और अधिकारियों के बुधवार को आहूत बैठक में शामिल होने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पाल के पत्र पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुये 15 नवंबर को बैठक में शामिल नहीं हुये वरिष्ठ अधिकारियों की खिंचाई की और बुधवार को आहूत बैठक में उनसे उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है.