नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश के 10 लाख कर्मियों वाले अलग अलग अर्द्धसैनिक बलों को जवानों के किसी भी तरह की यात्रा, भले ही नियमित काम की हो या छुट्टी पर जाने या छुट्टी से आने की हो, को तुरंत रोकने का निर्देश दिया गया है और कहा गया है कि वे पांच अप्रैल तक जहां हैं, वहीं रहें. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
अलग अलग बलों ने सभी जवानों और अधिकारियों से कहा कि उन्हें एक घोषणा करनी होगी कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने हाल में विदेश यात्रा नहीं की है और किसी के परिवार के किसी सदस्य ने यात्रा की है तो अलग अलग मामलों के आधार पर, उन्हें जांच करानी होगी या पृथक रहना होगा.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एनएसजी) के मुख्यालयों की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि इन बलों में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. ये बल देश की आंतरिक सुरक्षा की ‘रीढ़ की हड्डी’ हैं और सीमा सुरक्षा तथा आतंकवाद रोधी अभियान समेत अहम ड्यूटियों पर तैनात किया जाता है.
किसी बल का एक कर्मी भी संक्रमित हो जाता है तो उससे यह संक्रमण थोड़े समय में ही उसके सैकड़ों साथियों तक फैल सकता है.
इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी बलों से कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पांच अप्रैल तक नियमित ड्यूटी के लिए यात्रा न करे, न छुट्टी पर जाए न छुट्टी से वापस आए.
अधिकारियों ने बताया कि पांच अप्रैल के बाद आदेश की समीक्षा की जाएगी.
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सीआईएसएफ ने शनिवार को जारी निर्देश में कहा, यात्रा के दौरान बीमारी के प्रसार के अंदेशे को रोकने के लिए, सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिया गया है कि सभी कर्मियों को जो छुट्टी पर हैं और जिनकी पांच अप्रैल से पहले छुट्टी से वापने आने की संभावना है, उसने पांच अप्रैल तक छुट्टी बढ़ाने को कहा जा सकता है.इसमें कहा गया है कि छुट्टी मंजूर करने वाले अधिकारी प्रभावित कर्मी को फोन पर इस बात की जानकारी दें.
इसी तरह के आदेश अन्य बलों ने भी जारी किए हैं.