ETV Bharat / bharat

कश्मीर के युवाओं को गुमराह कर रहा पाक : शीर्ष सैन्य अधिकारी

जम्मू-कश्मीर के युवाओं को भटकाने में पाकिस्तान लगातार संलिप्त रहा है. ताजा घटनाक्रम में शीर्ष सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा है कि पाकिस्तान कश्मीर घाटी के युवाओं को विभिन्न माध्यमों से आतंकवाद से जोड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रेरित और प्रशिक्षित (indoctrinates) करने के बाद इन युवाओं को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार भेजता है.

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू
author img

By

Published : Jan 17, 2021, 1:55 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 3:14 PM IST

श्रीनगर : चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडर (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने पाक पर आतंकवाद को प्रश्रय देने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के आतंकी लगातार सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के आतंकवादी भी भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में हमारे सुरक्षाबलों और नागरिकों को निशाना बनाते हैं.

रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई से विशेष बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि आतंकियों की ओर से भीड़-भाड़ वाले इलाकों में हमले किए जाते हैं. ऐसा करने का मकसद सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के दौरान अधिक से अधिक नागरिकों को हताहत करना होता है.

पाकिस्तान फैला रहा झूठ

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान विभिन्न तरीकों से युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेलने के लिए प्रमुख संवाहक बना हुआ है. इसने कई युवाओं को पढ़ाई के लिए आकर्षित किया है. लेकिन साथ ही, कुछ लोगों के माइंडवॉश (indoctrinated) किए गए हैं.'

पाकिस्तान पर गलत सूचना फैलाने और नई भर्तियों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए, राजू ने कहा कि आतंकवादी ग्राउंड वर्करों को ग्रेनेड फेंकने और या पिस्टल चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार कुछ युवाओं को प्रशिक्षित करने के बाद इन्हें भारत में वापस भेजा गया है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी घुसपैठ की गई है.

जानकारी देते सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी के भीतर पाकिस्तान के आतंकवादी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में हमले करते हैं. सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के दौरान अधिक नागरिकों के हताहत होने की आशंका होती है. इसके पीछे आतंकियों का मकसद प्रॉपैगैंडा करना और सेना की छवि को धूमिल करने की कोशिश करना है.

लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि 2018 की तुलना में 2020 में आतंकवादियों द्वारा की जाने वाली भर्ती काफी हद तक नियंत्रण में है. घाटी में आतंकवादियों की वर्तमान संख्या 217 है, जो पिछले दशक में सबसे कम है.

हथियार भेजने के लिए ड्रोन का सहारा

पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से हथियारों को सीमा पार भेजने की कोशिश निश्चित रूप से एक चुनौती है.पाकिस्तान की इच्छा कश्मीर को अस्थिर करने की है. राजू ने कहा कि जैसे ही हम नियंत्रण रेखा पर मजबूत हुए पाकिस्तान ने हथियारों को भेजने के लिए ड्रोन का उपयोग जैसे वैकल्पिक साधनों को अपनाना शुरू कर दिया. ड्रोन से निपटने के लिए, हम हवाई सर्विलेंस का इस्तेमाल कर के उन्हें जाम करने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनका पता लगाने के लिए कई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग भी शामिल है.

उन्होंने कहा कि हमें सभी खामियों को दूर करने के साथ सचेत रहने की आवश्यकता है. वास्तव में, मैं आग्रह करूंगा कि स्थानीय लोगों को सतर्क रहना चाहिए.

सेना के अधिकारी ने कहा कि घुसपैठ को रोकने के लिए चिनार कोर में प्रौद्योगिकी और तकनीकों को लगातार उन्नत किया जा रहा है. नई तकनीक पर काम करने के साथ हमने टेक्नोलॉजी की मोर्चे पर कुछ विश्लेषण को फिर से तैनात किया है.

उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए उपकरण बड़ी तादाद में मौजूद हैं और रात में किसी प्रस्थिति से निपटने के लिए हमारी क्षमता में काफी विकास हुआ है.

उन्होंने घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद करने के लिए संघर्ष विराम उल्लंघन का उपयोग करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह की स्थितियों के दौरान सेना पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने को तैयार है.

पढ़ें - गणतंत्र दिवस की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पुलिस अधिकारियों की बैठक

युवाओं को संदेश

इस दौरान उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को मेरा मुख्य संदेश - क्या आप वापस आ सकते हैं और हम आपका ख्याल रखेंगे .यह एक संदेश है जो हमने सभी हितधारकों को दिया है, चाहे वह आतंकवादी हो, माता-पिता और समुदाय.

उन्होंने कहा कि हमने जमीनी स्तर पर भी ऐसा ही किया है. पिछले 6 महीनों में, जो भटके युवा हुए थे उनमें से 17 वापस आ गए हैं और हम उनकी देखभाल करेंगे. वर्तमान में हम एक उपयुक्त आत्मसमर्पण नीति के लिए सरकार के साथ काम कर रहे हैं.

भटक हुए युवाओं से मेरी अपील है कि वे वापस आएं.वे किसी भी समय वापस आ सकते हैं, वे किसी को भी, अपने माता-पिता, हमारी हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं और हम उनकी वापसी का बंदेबस्त करेंगे.

राजू ने स्थानीय लोगों की मदद के लिए चिनार कॉर्प्स की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि युवा हमारा ध्यान का केंद्र बने हुए हैं. हम उन पर फोक्स किए हुए हैं.

वास्तव में, हमारी कंपनी का संचालन गांवों और कस्बों के स्थानीय लोगों के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है. कंपनी कमांडर हर समय किसी भी आपात स्थिति के लिए उपलब्ध रहते हैं, चाहे वह आग हो, दुर्घटना हो, सेना के जवान हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे रहते हैं.

उन्होंने बताया कि हाल ही में हमने कंपनी के साथ मिलकर बड़ी संख्या में विभिन्न कार्यकर्मों आयोजन करने की पहल शुरू की है. इलसमें खेल, गांव के खेल, सांस्कृतिक, वाद-विवाद, कौशल विकास, शामिल हैं. इसमें बड़ी तादाद में स्थनानीय लोग शामिल रहते हैं.

श्रीनगर : चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडर (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने पाक पर आतंकवाद को प्रश्रय देने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के आतंकी लगातार सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के आतंकवादी भी भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में हमारे सुरक्षाबलों और नागरिकों को निशाना बनाते हैं.

रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई से विशेष बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि आतंकियों की ओर से भीड़-भाड़ वाले इलाकों में हमले किए जाते हैं. ऐसा करने का मकसद सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के दौरान अधिक से अधिक नागरिकों को हताहत करना होता है.

पाकिस्तान फैला रहा झूठ

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान विभिन्न तरीकों से युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेलने के लिए प्रमुख संवाहक बना हुआ है. इसने कई युवाओं को पढ़ाई के लिए आकर्षित किया है. लेकिन साथ ही, कुछ लोगों के माइंडवॉश (indoctrinated) किए गए हैं.'

पाकिस्तान पर गलत सूचना फैलाने और नई भर्तियों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए, राजू ने कहा कि आतंकवादी ग्राउंड वर्करों को ग्रेनेड फेंकने और या पिस्टल चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार कुछ युवाओं को प्रशिक्षित करने के बाद इन्हें भारत में वापस भेजा गया है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी घुसपैठ की गई है.

जानकारी देते सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी के भीतर पाकिस्तान के आतंकवादी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में हमले करते हैं. सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के दौरान अधिक नागरिकों के हताहत होने की आशंका होती है. इसके पीछे आतंकियों का मकसद प्रॉपैगैंडा करना और सेना की छवि को धूमिल करने की कोशिश करना है.

लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि 2018 की तुलना में 2020 में आतंकवादियों द्वारा की जाने वाली भर्ती काफी हद तक नियंत्रण में है. घाटी में आतंकवादियों की वर्तमान संख्या 217 है, जो पिछले दशक में सबसे कम है.

हथियार भेजने के लिए ड्रोन का सहारा

पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से हथियारों को सीमा पार भेजने की कोशिश निश्चित रूप से एक चुनौती है.पाकिस्तान की इच्छा कश्मीर को अस्थिर करने की है. राजू ने कहा कि जैसे ही हम नियंत्रण रेखा पर मजबूत हुए पाकिस्तान ने हथियारों को भेजने के लिए ड्रोन का उपयोग जैसे वैकल्पिक साधनों को अपनाना शुरू कर दिया. ड्रोन से निपटने के लिए, हम हवाई सर्विलेंस का इस्तेमाल कर के उन्हें जाम करने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनका पता लगाने के लिए कई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग भी शामिल है.

उन्होंने कहा कि हमें सभी खामियों को दूर करने के साथ सचेत रहने की आवश्यकता है. वास्तव में, मैं आग्रह करूंगा कि स्थानीय लोगों को सतर्क रहना चाहिए.

सेना के अधिकारी ने कहा कि घुसपैठ को रोकने के लिए चिनार कोर में प्रौद्योगिकी और तकनीकों को लगातार उन्नत किया जा रहा है. नई तकनीक पर काम करने के साथ हमने टेक्नोलॉजी की मोर्चे पर कुछ विश्लेषण को फिर से तैनात किया है.

उन्होंने कहा कि निगरानी के लिए उपकरण बड़ी तादाद में मौजूद हैं और रात में किसी प्रस्थिति से निपटने के लिए हमारी क्षमता में काफी विकास हुआ है.

उन्होंने घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद करने के लिए संघर्ष विराम उल्लंघन का उपयोग करने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह की स्थितियों के दौरान सेना पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने को तैयार है.

पढ़ें - गणतंत्र दिवस की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पुलिस अधिकारियों की बैठक

युवाओं को संदेश

इस दौरान उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को मेरा मुख्य संदेश - क्या आप वापस आ सकते हैं और हम आपका ख्याल रखेंगे .यह एक संदेश है जो हमने सभी हितधारकों को दिया है, चाहे वह आतंकवादी हो, माता-पिता और समुदाय.

उन्होंने कहा कि हमने जमीनी स्तर पर भी ऐसा ही किया है. पिछले 6 महीनों में, जो भटके युवा हुए थे उनमें से 17 वापस आ गए हैं और हम उनकी देखभाल करेंगे. वर्तमान में हम एक उपयुक्त आत्मसमर्पण नीति के लिए सरकार के साथ काम कर रहे हैं.

भटक हुए युवाओं से मेरी अपील है कि वे वापस आएं.वे किसी भी समय वापस आ सकते हैं, वे किसी को भी, अपने माता-पिता, हमारी हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं और हम उनकी वापसी का बंदेबस्त करेंगे.

राजू ने स्थानीय लोगों की मदद के लिए चिनार कॉर्प्स की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि युवा हमारा ध्यान का केंद्र बने हुए हैं. हम उन पर फोक्स किए हुए हैं.

वास्तव में, हमारी कंपनी का संचालन गांवों और कस्बों के स्थानीय लोगों के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है. कंपनी कमांडर हर समय किसी भी आपात स्थिति के लिए उपलब्ध रहते हैं, चाहे वह आग हो, दुर्घटना हो, सेना के जवान हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे रहते हैं.

उन्होंने बताया कि हाल ही में हमने कंपनी के साथ मिलकर बड़ी संख्या में विभिन्न कार्यकर्मों आयोजन करने की पहल शुरू की है. इलसमें खेल, गांव के खेल, सांस्कृतिक, वाद-विवाद, कौशल विकास, शामिल हैं. इसमें बड़ी तादाद में स्थनानीय लोग शामिल रहते हैं.

Last Updated : Jan 17, 2021, 3:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.