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तीन तलाक बिल पर ओवैसी, मुस्लिम महिलाओं के साथ हमदर्दी तो हिंदुओं से क्यों नहीं - तीन तलाक पर रविशंकर प्रसाद

तीन तलाक बिल पर लोकसभा में बिल पेश कर दिया गया है. लेकिन कांग्रेस पार्टी के शशि थरूर और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसका विरोध किया है. उन्होंने अपने-अपने तर्क दिए हैं. जानें, क्या कहा ओवैसी ने.

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी.
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Published : Jun 21, 2019, 3:22 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश होने पर विरोध शुरू हो गया है. हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान विरोधी बताया है. ओवैसी ने कहा कि विधेयक मूल अधिकारों के खिलाफ है. यह मुस्लिम महिलाओं के हितों की अनदेखी करने वाला है.

लोकसभा में बिल पेश करने का विरोध करते हुए ओवैसी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सबरीमाला मुद्दे पर सरकार ने ऐसा रूख कायम नहीं किया था.

ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक विधेयक में मुस्लिम आदमी को तीन साल सजा देने की वकालत की गई है. यह अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है. क्योंकि ऐसी ही स्थितियों में हिंदुओं के लिए एक साल की सजा दी जाती है.

बिल का विरोध करते हुए एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि एक बार में तीन तलाक कहने पर शादी नहीं टूटेगी. लेकिन बिल के मुताबिक वह जेल जाएगा और तीन साल तक जेल में रहना पड़ेगा. इस बीच उसकी पत्नी को गुजारा भत्ता कौन देगा.

नई दिल्ली: लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश होने पर विरोध शुरू हो गया है. हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान विरोधी बताया है. ओवैसी ने कहा कि विधेयक मूल अधिकारों के खिलाफ है. यह मुस्लिम महिलाओं के हितों की अनदेखी करने वाला है.

लोकसभा में बिल पेश करने का विरोध करते हुए ओवैसी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सबरीमाला मुद्दे पर सरकार ने ऐसा रूख कायम नहीं किया था.

ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक विधेयक में मुस्लिम आदमी को तीन साल सजा देने की वकालत की गई है. यह अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है. क्योंकि ऐसी ही स्थितियों में हिंदुओं के लिए एक साल की सजा दी जाती है.

बिल का विरोध करते हुए एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि एक बार में तीन तलाक कहने पर शादी नहीं टूटेगी. लेकिन बिल के मुताबिक वह जेल जाएगा और तीन साल तक जेल में रहना पड़ेगा. इस बीच उसकी पत्नी को गुजारा भत्ता कौन देगा.

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तीन तलाक बिल पर ओवैसी का विरोध, कहा- ये अलग है

नई दिल्ली: लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश होने पर विरोध शुरू हो गया है. हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान विरोधी बताया है. ओवैसी ने कहा कि विधेयक मूल अधिकारों के खिलाफ है. यह मुस्लिम महिलाओं के हितों की अनदेखी करने वाला है. 

लोकसभा में बिल पेश करने का विरोध करते हुए ओवैसी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सबरीमाला मुद्दे पर सरकार ने ऐसा रूख कायम नहीं किया था. 

ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक विधेयक में मुस्लिम आदमी को तीन साल सजा देने की वकालत की गई है. यह अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है. क्योंकि ऐसी ही स्थितियों में हिंदुओं के लिए एक साल की सजा दी जाती है. 

बिल का विरोध करते हुए एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि एक बार में तीन तलाक कहने पर शादी नहीं टूटेगी. लेकिन बिल के मुताबिक वह जेल जाएगा और तीन साल तक जेल में रहना पड़ेगा. इस बीच उसकी पत्नी को गुजारा भत्ता कौन देगा. 

 


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