जयपुर : राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासत अब गरमा गई है. इस बीच भाजपा प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत ने प्रदेश सरकार पर गैर कांग्रेसी विधायकों को भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) का डर दिखाकर राज्यसभा चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया है. लखावत ने साथ ही इस मामले में चुनाव आयोग से निवेदन किया है कि मौजूदा परिस्थितियों में सत्तारूढ़ दल की कथित गैर संवैधानिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष चुनाव कराना सुनिश्चित किया जाए.
लखावत ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना के प्रभाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने पूरे देश में राज्यसभा चुनाव स्थगित किया था. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके लिए भी भाजपा या केंद्र सरकार को दोषी बता रहे हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं है.
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ओंकार सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार हमेशा दैनिक संस्थाओं को डराने और प्रभावित करने का काम करती आई है. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को हमेशा कांग्रेस प्रभावित करने का प्रयास करती है, लेकिन अधिकारी जानते हैं कि वे भारत सरकार एवं संविधान के अनुच्छेद-312 में वर्णित प्रावधानों के तहत नियुक्त अधिकारी हैं, जो किसी राजनीतिक पार्टी के प्रति नहीं बल्कि संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं.
कांग्रेस विधायक महेश जोशी ने भी DG-ACB को लिखा था पत्र
इस बीच कांग्रेस विधायक एवं मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से राजस्थान एसीबी के डीजी को एक पत्र लिखा गया है, जो राजनीतिक गलियारों में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, इस पत्र के माध्यम से बताया गया है कि सरकार को अस्थिर करने में लगी ताकतें विधायकों को फोन कर खरीदने का प्रयास कर रही हैं. ऐसे में लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
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एकजुट है कांग्रेस : सचिन पायलट
उधर कांग्रेस विधायकों को पैसे ऑफर किए जाने के सवाल पर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किस विधायक को कौन ऑफर कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा कर रहा है तो उसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है और राज्यसभा चुनाव ने सभी लोग कांग्रेस को वोट करेंगे.
इससे पहले सीएम गहलोत ने भी कांग्रेस के एकजुट होने की बात कही थी और कहा था कि कांग्रेस नेता किसी भी लोभ और लालच में नहीं आएंगे. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगाया था. उन्होंने कहा था, 'मुझे गर्व है कि मैं ऐसी धरती का मुख्यमंत्री हूं, जिसके लाल बिना सौदे के, बिना लोभ-लालच के सरकार का साथ देते हैं.
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि इसी महीने की 19 तारीख को राज्यसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इसके मद्देनजर कांग्रेस काफी सावधानी बरत रही है. हालांकि राजनीति में गणित के हिसाब से कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है, लेकिन राज्य में सत्ताधारी पार्टी को डर है कि कहीं भाजपा उसके विधायकों को अपनी ओर न कर ले. इस कारण कांग्रेस ने अपने विधायकों को टूटने से बचने के लिए उन्हें और निर्दलीय विधायकों को शिव विलास होटल में भेज दिया. इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने सभी विधायकों के साथ अपने आवास पर एक बैठक की थी.
कौन-कौन है उम्मीदवार
राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होना हैं. कांग्रेस ने के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं भाजपा ने भी राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतारा है.
कांग्रेस की स्थिति मजबूत
फिलहाल कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं. इसके अलावा कांग्रेस को आरएलडी के एक और 13 निर्दलय विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा के पास केवल 72 विधायक हैं, उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है.