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लोकसभा चुनाव 2019: तीन लाख अर्द्धसैन्य बल और 20 लाख राज्य पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा में किया सहयोग

लोकसभा चुनाव 2019 के सातों चरण के मतदान समाप्त हो चुके हैं. दुनिया के सबसे बड़े जनतंत्र में हुए इन चुनावों में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए तीन लाख अर्द्धसैन्य बलों के साथ 20 लाख से अधिक राज्य पुलिस अधिकारी और होम गार्ड तैनात किए गए थे.

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Published : May 20, 2019, 6:52 PM IST

चुनावी बुथ पर बीएसएफ.

नई दिल्ली : देश में सात चरणों के लोकसभा चुनाव के लिए तीन लाख अर्द्धसैन्य बलों के साथ 20 लाख से अधिक राज्य पुलिस अधिकारी और होम गार्ड तैनात किए गए थे. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 2019 में इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती भारत में अब तक की सबसे अधिक है.

मौजूदा संसदीय चुनाव के लिए गृह मंत्रालय ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अर्द्धसैन्य बलों की 3,000 टुकड़ियां भेजी जिनमें 3,00,000 से अधिक कर्मी थे.

सुरक्षा बलों की तैनाती से सीधे तौर पर जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह संख्या राज्य सशस्त्र पुलिस, भारतीय रिजर्व बटालियनों और होम गार्ड के अतिरिक्त है जो कुल मिलाकर करीब 20 लाख हो सकती है.

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जख्मी व्यक्ति की मरहम पट्टी करते जवान.

अधिकारी ने बताया कि चुनाव के चरणों के खत्म होने पर सुरक्षाबलों को एक राज्य से दूसरे में भेजा गया.

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धनबाद जैसे नक्सली इलाके में लोगों की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवान.

पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पेड न्यूज के 647 मामले : चुनाव आयोग

चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किए गए अर्द्धसैन्य बलों की अहम ड्यूटी में लोगों के बीच बिना किसी डर के वोट डालने के लिए विश्वास और सुरक्षा का माहौल पैदा करना शामिल है.

इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना, चुनावी हिंसा रोकना और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा करना शामिल हैं.

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सुरक्षा में तैनात महिला सीआरपीएफ

भारत के निर्वाचन आयोग ने गृह मंत्रालय के साथ मिलकर सुरक्षाबलों की तैनाती के लिए एक आकलन तैयार किया.

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वद्ध महिला को पोलिंग बूथ तक ले जाते सुरक्षाकर्मी

मंत्रालय ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे विभिन्न बलों की सीमा की रक्षा करने, आतंकवाद रोधी अभियानों और अन्य प्रतिबद्धताओं में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए तैनाती की योजना तैयार की.

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लोगों की मदद करते हुए सुरक्षाबल

पढ़ेंः लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल 2019

इसके अलावा रेल मंत्रालय ने विशेष ट्रेनों के रूप में अहम सहयोग किया. रक्षा मंत्रालय ने दूर दराज के इलाकों में बलों की गतिविधि के लिए हवाई सहयोग मुहैया कराया.

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लाइन में लगें वोटरों को पानी पिलाते जवान.

गृह मंत्रालय ने चुनाव के विभिन्न चरणों के दौरान अर्द्धसैन्य बलों की अंतर राज्यीय गतिविधि का निरीक्षण करने के लिए एक संयोजक नियुक्त किया.

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 11 अप्रैल को शुरू हुआ और 19 मई को खत्म हुआ. साथ ही मतगणना 23 मई को होगी.

नई दिल्ली : देश में सात चरणों के लोकसभा चुनाव के लिए तीन लाख अर्द्धसैन्य बलों के साथ 20 लाख से अधिक राज्य पुलिस अधिकारी और होम गार्ड तैनात किए गए थे. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 2019 में इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती भारत में अब तक की सबसे अधिक है.

मौजूदा संसदीय चुनाव के लिए गृह मंत्रालय ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अर्द्धसैन्य बलों की 3,000 टुकड़ियां भेजी जिनमें 3,00,000 से अधिक कर्मी थे.

सुरक्षा बलों की तैनाती से सीधे तौर पर जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह संख्या राज्य सशस्त्र पुलिस, भारतीय रिजर्व बटालियनों और होम गार्ड के अतिरिक्त है जो कुल मिलाकर करीब 20 लाख हो सकती है.

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जख्मी व्यक्ति की मरहम पट्टी करते जवान.

अधिकारी ने बताया कि चुनाव के चरणों के खत्म होने पर सुरक्षाबलों को एक राज्य से दूसरे में भेजा गया.

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धनबाद जैसे नक्सली इलाके में लोगों की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवान.

पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पेड न्यूज के 647 मामले : चुनाव आयोग

चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किए गए अर्द्धसैन्य बलों की अहम ड्यूटी में लोगों के बीच बिना किसी डर के वोट डालने के लिए विश्वास और सुरक्षा का माहौल पैदा करना शामिल है.

इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना, चुनावी हिंसा रोकना और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा करना शामिल हैं.

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सुरक्षा में तैनात महिला सीआरपीएफ

भारत के निर्वाचन आयोग ने गृह मंत्रालय के साथ मिलकर सुरक्षाबलों की तैनाती के लिए एक आकलन तैयार किया.

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वद्ध महिला को पोलिंग बूथ तक ले जाते सुरक्षाकर्मी

मंत्रालय ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे विभिन्न बलों की सीमा की रक्षा करने, आतंकवाद रोधी अभियानों और अन्य प्रतिबद्धताओं में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए तैनाती की योजना तैयार की.

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लोगों की मदद करते हुए सुरक्षाबल

पढ़ेंः लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल 2019

इसके अलावा रेल मंत्रालय ने विशेष ट्रेनों के रूप में अहम सहयोग किया. रक्षा मंत्रालय ने दूर दराज के इलाकों में बलों की गतिविधि के लिए हवाई सहयोग मुहैया कराया.

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लाइन में लगें वोटरों को पानी पिलाते जवान.

गृह मंत्रालय ने चुनाव के विभिन्न चरणों के दौरान अर्द्धसैन्य बलों की अंतर राज्यीय गतिविधि का निरीक्षण करने के लिए एक संयोजक नियुक्त किया.

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 11 अप्रैल को शुरू हुआ और 19 मई को खत्म हुआ. साथ ही मतगणना 23 मई को होगी.

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  • लोकसभा चुनाव के लिए तीन लाख अर्द्धसैन्य बल, 20 लाख राज्य पुलिसकर्मी किए गए थे तैनात



नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) देश में सात चरणों के लोकसभा चुनाव के लिए तीन लाख अर्द्धसैन्य बलों के साथ 20 लाख से अधिक राज्य पुलिस अधिकारी और होम गार्ड तैनात किए गए थे । 







गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 2019 में इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती भारत में अब तक की सबसे अधिक है।







मौजूदा संसदीय चुनाव के लिए गृह मंत्रालय ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अर्द्धसैन्य बलों की 3,000 टुकड़ियां भेजी जिनमें 3,00,000 से अधिक कर्मी थे।







सुरक्षा बलों की तैनाती से सीधे तौर पर जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह संख्या राज्य सशस्त्र पुलिस, भारतीय रिजर्व बटालियनों और होम गार्ड के अतिरिक्त है जो कुल मिलाकर करीब 20 लाख हो सकती है।







अधिकारी ने बताया कि चुनाव के चरणों के खत्म होने पर सुरक्षाबलों को एक राज्य से दूसरे में भेजा गया।







चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किए गए अर्द्धसैन्य बलों की अहम ड्यूटी में लोगों के बीच बिना किसी डर के वोट डालने के लिए विश्वास और सुरक्षा का माहौल पैदा करना शामिल है।







इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना, चुनावी हिंसा रोकना और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा करना शामिल हैं।







भारत के निर्वाचन आयोग ने गृह मंत्रालय के साथ मिलकर सुरक्षाबलों की तैनाती के लिए एक आकलन तैयार किया।







मंत्रालय ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे विभिन्न बलों की सीमा की रक्षा करने, आतंकवाद रोधी अभियानों और अन्य प्रतिबद्धताओं में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए तैनाती की योजना तैयार की।







इसके अलावा रेल मंत्रालय ने विशेष ट्रेनों के रूप में अहम सहयोग किया। रक्षा मंत्रालय ने दूर दराज के इलाकों में बलों की गतिविधि के लिए हवाई सहयोग मुहैया कराया।







गृह मंत्रालय ने चुनाव के विभिन्न चरणों के दौरान अर्द्धसैन्य बलों की अंतर राज्यीय गतिविधि का निरीक्षण करने के लिए एक संयोजक नियुक्त किया।







लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 11 अप्रैल को शुरू हुआ और 19 मई को खत्म हुआ। मतगणना 23 मई को हुई।


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