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श्री राम ट्रस्ट पर रार : नृत्य गोपाल दास नाराज, अविमुक्तेश्वरानंद जाएंगे SC

अयोध्या के किसी भी संत को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल नहीं किए जाने से संत समाज आक्रोशित हो उठा है. इसे लेकर संत समाज ने अयोध्या में एक बड़ी बैठक करने की बात कही है. उधर, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि ट्रस्ट की पूरी प्रक्रिया गलत है. सुप्रीम कोर्ट की जाने की बात कही है. जानें विस्तार से...

Nritya gopal das called meeting of Saints
श्री राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास
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Published : Feb 6, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 10:49 AM IST

अयोध्या : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा होने के बाद से आमजन के बीच जश्न का माहौल है क्योंकि सबके इंतजार की घड़ियां खत्म हुई हैं और अब जल्द ही श्री रामलला का मंदिर बनना शुरू होगा.

उधर, ट्रस्ट में अयोध्या के किसी भी संत को शामिल नहीं किए जाने से संत समाज में नाराजगी है. इस बात को लेकर के संत समाज ने अयोध्या में एक बड़ी बैठक करने की बात कही है.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा, 'यह संतों के साथ छल है. हम आगे की रणनीति तय करेंगे कि आगे क्या किया जाना है?'

वहीं पूर्व में गठित श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि, 'यह पूरी तरह से संत समाज का अपमान है. अयोध्या का अपमान है. इतने सालों से संतों ने अयोध्या में राम मंदिर की देखभाल की. अब उन्हें ही बाहर कर दिया गया है.'

इसे भी पढ़ें : वेदांती ने कहा- ट्रस्ट में नाम नहीं होने का दु:ख नहीं, भव्य राम मंदिर का निर्माण हो

वाराणसी के संतों में आक्रोश

राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट की घोषणा किए जाने के बाद वाराणसी के संतों में आक्रोश देखा जा रहा है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ट्रस्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. उन्होंने कोर्ट की अवमानना कर ट्रस्ट बनाए जाने का आरोप लगाया है. साथ ही ट्रस्ट में शामिल संतों पर भी उन्होंने आपत्ति जताई है. उन्होंने वासुदेवानंद को फर्जी शंकराचार्य बताया है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने लगाया आरोप.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि ट्रस्ट की पूरी प्रक्रिया गलत है. सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. नरेंद्र मोदी ने संसद में खड़े होकर झूठ बोला है. सब कुछ फर्जी है. सब कुछ गड़बड़ है. फर्जी शंकराचार्य को उसमें सदस्य बनाया गया है. ट्रस्ट में कोई चीज भी सही नहीं है कि इसमें विचार किया जाए, इसलिए यह ट्रस्ट अस्वीकार है. इस ट्रस्ट को अस्वीकार कराने के लिए न्यायालय में जाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- वेदांती ने कहा- ट्रस्ट में नाम नहीं होने का दु:ख नहीं, भव्य राम मंदिर का निर्माण हो

उन्होंने कहा कि हमारा आगे का कार्य है कि अच्छे वकीलों को खोजना और उनसे बात विमर्श करके उनके साथ बैठकर के केस बनवाना. फिर सुप्रीम कोर्ट में उसको दाखिल करना. ताकि देश की जनता और राम भक्तों के साथ न्याय हो सके. जो यह बदमाशी हो रही है राम जन्मभूमि में राम जन्म मंदिर बनाने की जगह राम जन्म का स्मारक बनाया जा रहा है और संघियों को उसमें सदस्य बनाया जा रहा है. यह षड्यंत्र पूरी तरह समाप्त किया जाएगा.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वासुदेवानंद को फर्जी शंकराचार्य बताते हुए कहा कि ट्रस्ट में उनको इसलिए शामिल किया गया है कि राम भक्त और देश की जनता को यह बताया जा सके कि हमारे ट्रस्ट में शंकराचार्य भी शामिल हैं. वासुदेवानंद जी वही व्यक्ति हैं जिनको हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सभी रोक चुकी हैं कि अपने आपको ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य मत कहो. शंकराचार्य का जो चिन्ह है उनको धारण मत करो. तुम सन्यासी भी नहीं हो, क्योंकि उनका सन्यास भी प्रमाणित नहीं है.

अयोध्या : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा होने के बाद से आमजन के बीच जश्न का माहौल है क्योंकि सबके इंतजार की घड़ियां खत्म हुई हैं और अब जल्द ही श्री रामलला का मंदिर बनना शुरू होगा.

उधर, ट्रस्ट में अयोध्या के किसी भी संत को शामिल नहीं किए जाने से संत समाज में नाराजगी है. इस बात को लेकर के संत समाज ने अयोध्या में एक बड़ी बैठक करने की बात कही है.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा, 'यह संतों के साथ छल है. हम आगे की रणनीति तय करेंगे कि आगे क्या किया जाना है?'

वहीं पूर्व में गठित श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि, 'यह पूरी तरह से संत समाज का अपमान है. अयोध्या का अपमान है. इतने सालों से संतों ने अयोध्या में राम मंदिर की देखभाल की. अब उन्हें ही बाहर कर दिया गया है.'

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वाराणसी के संतों में आक्रोश

राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट की घोषणा किए जाने के बाद वाराणसी के संतों में आक्रोश देखा जा रहा है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ट्रस्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. उन्होंने कोर्ट की अवमानना कर ट्रस्ट बनाए जाने का आरोप लगाया है. साथ ही ट्रस्ट में शामिल संतों पर भी उन्होंने आपत्ति जताई है. उन्होंने वासुदेवानंद को फर्जी शंकराचार्य बताया है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने लगाया आरोप.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि ट्रस्ट की पूरी प्रक्रिया गलत है. सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. नरेंद्र मोदी ने संसद में खड़े होकर झूठ बोला है. सब कुछ फर्जी है. सब कुछ गड़बड़ है. फर्जी शंकराचार्य को उसमें सदस्य बनाया गया है. ट्रस्ट में कोई चीज भी सही नहीं है कि इसमें विचार किया जाए, इसलिए यह ट्रस्ट अस्वीकार है. इस ट्रस्ट को अस्वीकार कराने के लिए न्यायालय में जाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- वेदांती ने कहा- ट्रस्ट में नाम नहीं होने का दु:ख नहीं, भव्य राम मंदिर का निर्माण हो

उन्होंने कहा कि हमारा आगे का कार्य है कि अच्छे वकीलों को खोजना और उनसे बात विमर्श करके उनके साथ बैठकर के केस बनवाना. फिर सुप्रीम कोर्ट में उसको दाखिल करना. ताकि देश की जनता और राम भक्तों के साथ न्याय हो सके. जो यह बदमाशी हो रही है राम जन्मभूमि में राम जन्म मंदिर बनाने की जगह राम जन्म का स्मारक बनाया जा रहा है और संघियों को उसमें सदस्य बनाया जा रहा है. यह षड्यंत्र पूरी तरह समाप्त किया जाएगा.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वासुदेवानंद को फर्जी शंकराचार्य बताते हुए कहा कि ट्रस्ट में उनको इसलिए शामिल किया गया है कि राम भक्त और देश की जनता को यह बताया जा सके कि हमारे ट्रस्ट में शंकराचार्य भी शामिल हैं. वासुदेवानंद जी वही व्यक्ति हैं जिनको हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सभी रोक चुकी हैं कि अपने आपको ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य मत कहो. शंकराचार्य का जो चिन्ह है उनको धारण मत करो. तुम सन्यासी भी नहीं हो, क्योंकि उनका सन्यास भी प्रमाणित नहीं है.

Intro:अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ की घोषणा होने के बाद से ही लोगों में खुशियों का माहौल है। क्योंकि सबके इंतज़ार की घड़ियां खत्म हुई हैं, अब जल्द ही श्री रामलला मंदिर बनना शुरू होगा। वही अयोध्या के किसी भी संत को ट्रस्ट में शामिल नहीं किए जाने से संतों में आक्रोश भरा हुआ है। इस बात को लेकर के संत समाज आज दोपहर 3:00 बजे अयोध्या में एक बड़ी बैठक करने जा रहा है। जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा की आगे की रणनीति। क्या होगी।
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा कि यह संतो के साथ छल है। आज 3:00 बजे की बैठक के बाद। हम आगे की रणनीति तय करेंगे। कि आगे क्या किया जाना है?
Body:वहीं पूर्व में बनें ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने बातचीत के दौरान कहा कि, यह पूरी तरह से संत समाज का अपमान है। अयोध्या का अपमान है इतने सालों से संतों ने अयोध्या में राम मंदिर की देखभाल की। अब उन्हें ही बाहर कर दिया गया है।Conclusion:कृपया जल्द से जल्द प्रकाशित करने का कष्ट करें।
Last Updated : Feb 29, 2020, 10:49 AM IST
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