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NRC पर गतिरोध : गृह सचिव से मिली AAMSU, जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन

31 जुलाई को अंतिम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) प्रकाशित होनी है. ऐसे में इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग एक बार फिर सक्रिय दिख रहे हैं. इसी कड़ी में AAMSU नेताओं ने जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया .जानें क्या है पूरा मामला

AAMSU ने जंतर-मंतर पर दिया धरना
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Published : May 21, 2019, 6:29 PM IST

नई दिल्ली: ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) ने NRC के अपडेशन को लेकर एक मांग की है. उनका कहना है कि NRC समन्वयक प्रतीक हजेला को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करना चाहिए.

AAMSU ने नई दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांग के समर्थन में केंद्रीय गृह सचिव राजीब गौबा को एक ज्ञापन सौंपा.

उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने NRC को अपडेट करने के लिए एक SOP बनाया है और प्रतीक हजेला को NRC अपडेट करने के विषय में इसे ध्यान में रखना चाहिए.

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धरना-प्रदर्शन की तस्वीर.

सौंपे गए ज्ञापन में AAMSU नेताओं ने जरुरत पड़ने पर डीएनए परीक्षण की व्यवस्था करने की भी मांग की है.

AAMSU के सलाहकार अज़ीज़ुर रहमान ने कहा कि दावों और आपत्तियों के निपटान के लिए बुलाए जा रहे लोगों के इलाकों की उचित दूरी के भीतर ही सुनवाई के स्थानों को रखा जाना चाहिए.

इसके अलावा जारी दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया में, जिन लोगों का नाम एनआरसी की पिछली सूचियों में छोड़ दिया गया था, वे अब अंतिम सूचियों में अपना नाम शामिल करने का दावा कर सकते हैं.

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धरना देते AAMSU नेता

गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें 31 जुलाई को अंतिम एनआरसी प्रकाशित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराया.

पढ़ेंः NRC के नाम पर किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक को नहीं होगा कोई नुकसान: सोनोवाल

इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया को पूरा सहयोग दे रही है. इसके साथ ही सरकार सभी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. अंतिम एनआरसी के आने को लेकर किसी भी भारतीय को चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

लोकसभा चुनाव के समापन के बाद एक बार फिर असम में NRC मुद्दा सुर्खियों में आ गया है. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित 31 जुलाई को अंतिम एनआरसी प्रकाशित करने के लिए तैयार हैं.

नई दिल्ली: ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) ने NRC के अपडेशन को लेकर एक मांग की है. उनका कहना है कि NRC समन्वयक प्रतीक हजेला को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करना चाहिए.

AAMSU ने नई दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांग के समर्थन में केंद्रीय गृह सचिव राजीब गौबा को एक ज्ञापन सौंपा.

उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने NRC को अपडेट करने के लिए एक SOP बनाया है और प्रतीक हजेला को NRC अपडेट करने के विषय में इसे ध्यान में रखना चाहिए.

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धरना-प्रदर्शन की तस्वीर.

सौंपे गए ज्ञापन में AAMSU नेताओं ने जरुरत पड़ने पर डीएनए परीक्षण की व्यवस्था करने की भी मांग की है.

AAMSU के सलाहकार अज़ीज़ुर रहमान ने कहा कि दावों और आपत्तियों के निपटान के लिए बुलाए जा रहे लोगों के इलाकों की उचित दूरी के भीतर ही सुनवाई के स्थानों को रखा जाना चाहिए.

इसके अलावा जारी दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया में, जिन लोगों का नाम एनआरसी की पिछली सूचियों में छोड़ दिया गया था, वे अब अंतिम सूचियों में अपना नाम शामिल करने का दावा कर सकते हैं.

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धरना देते AAMSU नेता

गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें 31 जुलाई को अंतिम एनआरसी प्रकाशित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराया.

पढ़ेंः NRC के नाम पर किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक को नहीं होगा कोई नुकसान: सोनोवाल

इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया को पूरा सहयोग दे रही है. इसके साथ ही सरकार सभी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. अंतिम एनआरसी के आने को लेकर किसी भी भारतीय को चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

लोकसभा चुनाव के समापन के बाद एक बार फिर असम में NRC मुद्दा सुर्खियों में आ गया है. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित 31 जुलाई को अंतिम एनआरसी प्रकाशित करने के लिए तैयार हैं.

Intro:New Delhi: The All Assam Minority Students Union (AAMSU) on Tuesday has demanded that National Register of Citizen (NRC) coordinator Prateek Hajela should follow the Standard Operating Procedure (SOP) issued by the Supreme Court of India in updating the NRC in Assam.


Body:The AAMSU staged a protest demonstration at Jantar Mantar in New Delhi and submitted a memorandum to Union Home Secretary Rajib Gauba in support of their demand.

In the memorandum, the AAMSU leaders have also demanded to arrange for DNA test in connection with determination of parental linkage if necessity arises for enlisting each and every genuine Indian citizen in the final NRC.

Claiming that the location for hearing claims and objections is situated standard distance, AAMSU advisor Azizur Rahman said that the hearing venues should be fix within reasonable distance of same localities of the persons who are being called for disposal of claims and objections.

In the ongoing claims and objections process, people whose name were left out in the previous lists of NRC can now claim to include their names in the final lists.

Interestingly, Assam Chief Minister Sarbananda Sonowal on Monday called on Home Minister Rajnath Singh and appraised him about the steps taken to publish the final NRC on July 31.


Conclusion:The Supreme Court earlier has issued SOP with the objective that the process of claims and objections is fair and transparent and provides reasonable opportunity to all concerned.

As anticipated, the NRC issue in Assam has again come to the limelight following the conclusion of the Lok Sabha election.

Both Central and State Governmnet are all set to publish the final NRC on July 31, as directed by the Supreme Court .

end .
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