नई दिल्ली : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पाकिस्तान और श्रीलंका से जुड़े ड्रग्स तस्करी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने श्रीलंका के दो नागरिकों को चेन्नई से गिरफ्तार किया है. इनके छह साथियों को एनसीबी ने कोस्ट गार्ड के साथ ऑपेरशन में पहले गिरफ्तार किया था. उनसे लगभग 1000 किलो हेरोइन बरामद की गई थी. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 1000 करोड़ रुपए बताई गई है.
करोड़ों की ड्रग्स बरामद
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा के अनुसार चेन्नई से श्रीलंका के दो नागरिकों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने गिरफ्तार किया है. यह लोग अपनी पहचान छिपाकर वहां पर रह रहे थे और लंबे समय से समुद्रों के रास्ते ड्रग्स तस्करी में शामिल थे. इस ड्रग तस्करी में पाकिस्तान, ईरान, श्रीलंका और मालदीव के गैंग के तार भी जुड़े हुए थे.
इससे पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इंडियन कोस्ट गार्ड के साथ मिलकर एक ऑपरेशन किया था. इसमें पानी के रास्ते ड्रग्स की तस्करी की जा रही थी. इसमें लगभग 96 किलो हेरोइन और 18 किलो मेथाफेटामाइन बरामद हुई थी. इसके अलावा 5 पिस्तौल और मैगजीन इनके पास से बरामद हुई थी. यहां से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जो सभी श्रीलंका के रहने वाले थे.
चेन्नई से गिरफ्तार हुआ सरगना
आरोपियों के अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान से लिंक सामने आए थे. इस मामले की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जब शुरू की तो पता चला कि इनके दो मुख्य तस्कर चेन्नई में रहते हैं. इसके बाद एनसीबी की टीम ने छापा मारकर एमएमएम नवाज और मोहम्मद अफन्स को गिरफ्तार कर लिया. हेरोइन सिंडिकेट में दोनों बेहद ही महत्वपूर्ण कड़ी हैं. वह समुद्र के रास्ते आने वाली ड्रग्स का पूरा कारोबार संभाल रहे थे. दोनों श्रीलंका से भागकर चेन्नई में छिपे हुए थे.
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श्रीलंका सरकार ने उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर रखा था. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार गोल्डन क्रिसेंट जहां से सबसे ज्यादा हीरोइन एवं अफीम की तस्करी होती है उसमें अफगानिस्तान ईरान और पाकिस्तान शामिल है. समुंदर में मछली पकड़ने वाले बोट पर यह लोग हेरोइन डालकर उसे श्रीलंका और मालदीव भेजते हैं. यह भी पता चला कि पाकिस्तान के ऐसे ड्रग्स तस्कर जो श्रीलंका की जेल में बंद है वह इस पूरे धंधे को संभालते हैं.
समुद्री रास्ते से करते थे ड्रग्स की तस्करी
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा के अनुसार समुद्री रास्तों से होने वाली ड्रग्स तस्करी को लेकर एनसीबी लगातार काम कर रही है. इसके चलते अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए समुद्री रास्ते में एनसीबी की टीम एक बड़ी चुनौती बन गई है. एनसीबी की चेन्नई जोनल यूनिट ने इस पूरे आपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.