नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर में बाढ़ से हुई तबाही की जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि इस साल मानसून की बारिश और इसके चलते आई बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 2,100 लोगों की मौत हुई और 46 अन्य लापता दर्ज किये गये हैं. वहीं, 22 राज्यों में 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 399 लोगों को जान गवानी पड़ी तो वहीं पश्चिम बंगाल (227) इस मामले में दूसरे स्थान पर रहा.
देश के करीब 357 जिले बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए.
अधिकारियों के मुताबिक देशभर में 738 लोग घायल हुए और करीब 20,000 पशु भी मारे गये.
भारी बारिश और बाढ़ से 1.09 लाख मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये, 2.05 लाख मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये और 14.14 लाख हेक्टेयर खेतों में फसलें बर्बाद हो गईं.
एक अधिकारी ने बताया कि मानसून के दौरान कुल 2,120 लोगों की मौत हुई.
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून की चार माह लंबी अवधि के दौरान भारत में 1994 से सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई.
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महाराष्ट्र में बाढ़ से 22 जिले प्रभावित हुए, 399 लोगों की मौत हुई, 369 लोग घायल हुए और 7.19 लाख लोगों को 305 राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
बंगाल में बारिश और बाढ़ से 22 जिले प्रभावित हुए। राज्य में 227 लोगों को जान गंवानी पड़ी, 37 लोग घायल हुए, चार लोग लापता दर्ज किये गये और 43,433 लोगों ने 280 राहत शिविरों में शरण ली.
बिहार में 166 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 1.96 लाख लोगों ने 235 राहत शिविरों में शरण ली। बाढ़ से राज्य के 28 जिले प्रभावित हुए.
मध्य प्रदेश में 182 लोगों की मौत हुई. वहीं, केरल में भारी बारिश और बाढ़ ने 181 लोगों की जान ली और 72 लोग घायल हो गये.13 जिलों में 15 लोग लापता दर्ज किये गये.
करीब 4.46 लाख लोगों ने 2,227 राहत शिविरों में शरण ली.
मॉनसून के दौरान गुजरात में 22 जिले प्रभावित हुए जहां 169 लोगों की मौत हुई.
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कर्नाटक के 13 जिलों में बारिश और बाढ़ में 106 लोगों को जान गंवानी पड़ी, 14 लोग घायल हुए और छह लापता दर्ज किये गये.
राज्य में 2.48 लाख लोगों को 3,233 राहत शिवरों में शरण लेनी पड़ी.
बारिश और बाढ़ ने असम में 97 लोगों की जान ली. राज्य में बाढ़ से 32 जिले प्रभावित हुए.