नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद सुप्रिया सुले के पिता को सुझाव दिया था कि सुले को मोदी के मंत्रीमंडल का हिस्सा होना चाहिए. सुप्रिया सुले ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की उदारता को दर्शाता है, लेकिन यह हो न सका.
सुले ने मीडिया से कहा, 'मैं उस चर्चा (राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और मोदी के बीच) में नहीं थी. मुझ पर ऐसा भरोसा और विश्वास जताने के लिए मैं प्रधानमंत्री को अपने दिल की गहराइयों से शुक्रिया अदा करती हूं. उन्होंने जो कुछ कहा, उससे मैं अभिभूत हूं. लेकिन पवार ने स्पष्ट रूप से बेहद विनम्रतापूर्वक प्रधानमंत्री को बता दिया कि यह संभव नहीं है.'
सुले ने संसद परिसर के बाहर कहा, 'यह उनकी उदारता है कि उन्होंने यह सुझाव दिया और मैं अभिभूत हूं. लेकिन यह हो न सका.'
मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में पवार ने उन खबरों को खारिज किया कि मोदी सरकार ने उन्हें भारत का राष्ट्रपति बनाने की पेशकश की थी . पवार ने कहा, 'लेकिन सुप्रिया (सुले) को मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में मंत्री बनाने का प्रस्ताव था.'
पवार की इस टिप्पणी के बाद सुले का यह बयान सामने आया है.
राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना में चल रही बातचीत के बीच पिछले महीने पवार ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी.
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महाराष्ट्र की नई सरकार में अजित पवार की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया ने कहा कि वह राकांपा के वरिष्ठ नेता हैं. अजित ने अपनी पार्टी के निर्देश से इतर जाते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था.
अजित पवार ने 23 नवंबर को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. गहन बातचीत के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और फिर पार्टी में वापस लौट आए.
सुले ने कहा, 'वह (अजित) हमारे नेता हैं और मेरे बड़े भाई. वह हमेशा पार्टी में मेरे वरिष्ठ सहकर्मी रहेंगे.'