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केंद्रीय मंत्रियों में 51 हैं करोड़पति, सबसे ऊपर है इस महिला मंत्री का नाम......

केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार आ गई है. इस नई सरकार में 51 मंत्री करोड़पति हैं. आइये जानते हैं इन सभी करोड़पति मंत्रिययों के बारे में.

हरसिमरत कौर बादल (फाइल फोटो)
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Published : Jun 1, 2019, 8:59 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवगठित सरकार में 51 मंत्री करोड़पति हैं. इनमें सबसे ज्यादा अमीर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल हैं, जिनकी संपत्ति 217 करोड़ रुपये है. नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने यह जानकारी दी.

हरसिमरत के बाद महराष्ट्र से राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल की संपत्ति 95 करोड़ रुपये है.

गुरुग्राम से निर्वाचित राव इंद्रजीत सिंह तीसरे सबसे धनी मंत्री हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति 42 करोड़ रुपये घोषित की है. चौथे नंबर पर भाजपा अध्यक्ष और गांधीनगर से सांसद अमित शाह हैं जिनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये है.

पढ़ें: मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, सभी किसानों को मिलेंगे ₹6 हजार सालाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सूची में 46वें नंबर पर हैं जिनके पास दो करोड़ रुपये की संपत्ति है.

करीब 10 मंत्रियों के पास मोदी से कम संपत्ति है. इनमें बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल, मध्य प्रदेश के मोरनिया से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं जिन्होंने करीब दो करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.

मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव कुमार बालियान, अरुणाचल पश्चिम से सांसद किरण रिजूजू और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपनी संपत्ति करीब एक करोड़ रुपये घोषित की है.

जो मंत्री करोड़पति नहीं हैं उनमें बंगाल की रायगंज से सांसद देबाश्री चौधरी (61 लाख), असम के डिब्रूगढ़ से सांसद रामेश्वर तेली (43 लाख), केरल से सांसद वी. मुरलीधरण (27 लाख), राजस्थान के बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी (24 लाख) और ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी (13 लाख रुपये) शामिल हैं.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवगठित सरकार में 51 मंत्री करोड़पति हैं. इनमें सबसे ज्यादा अमीर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल हैं, जिनकी संपत्ति 217 करोड़ रुपये है. नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने यह जानकारी दी.

हरसिमरत के बाद महराष्ट्र से राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल की संपत्ति 95 करोड़ रुपये है.

गुरुग्राम से निर्वाचित राव इंद्रजीत सिंह तीसरे सबसे धनी मंत्री हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति 42 करोड़ रुपये घोषित की है. चौथे नंबर पर भाजपा अध्यक्ष और गांधीनगर से सांसद अमित शाह हैं जिनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सूची में 46वें नंबर पर हैं जिनके पास दो करोड़ रुपये की संपत्ति है.

करीब 10 मंत्रियों के पास मोदी से कम संपत्ति है. इनमें बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल, मध्य प्रदेश के मोरनिया से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं जिन्होंने करीब दो करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.

मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव कुमार बालियान, अरुणाचल पश्चिम से सांसद किरण रिजूजू और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपनी संपत्ति करीब एक करोड़ रुपये घोषित की है.

जो मंत्री करोड़पति नहीं हैं उनमें बंगाल की रायगंज से सांसद देबाश्री चौधरी (61 लाख), असम के डिब्रूगढ़ से सांसद रामेश्वर तेली (43 लाख), केरल से सांसद वी. मुरलीधरण (27 लाख), राजस्थान के बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी (24 लाख) और ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी (13 लाख रुपये) शामिल हैं.

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चुनाव के बाद जारी आधिकारिक बेरोजदारी दर 45 साल के ऊंचे स्तर पर 

 (23:23) 



नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही जोकि पिछले 45 साल का ऊंचा स्तर है।



राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय की ओर से श्रमिक बल के आवधिक सर्वेक्षण के आंकड़ों की रिपोर्ट का प्रकाशन इससे पहले रोक लिया गया था जिसमें बताया इसी तरह के बेरोजगारी के आंकड़ों का खुलासा किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, देश में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी थी।



नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में बेरोजगारी सचमुच 6.1 फीसदी बढ़ी।



हालांकि मुख्य सांख्यिकी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा, "यह नया डिजाइन व मेट्रिक है और इसकी तुलना पूर्व आंकड़ों से करना अनुचित है।"



उन्होंने कहा, "2017-18 से लेकर आगे आपको इस आधार पर नियमित अनुमान मिलेगा।"



सरकार ने पहले लीक हुई आधिकारिक रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि बेरोजगारी के आंकड़ों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।



केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण समष्टिगत आंकड़ों को रोकने के लिए विपक्षी दलों के आरोपों को झेलना पड़ा था। विपक्ष का आरोप था कि सरकार अपनी नाकामयाबी को जानबूझकर छिपा रही है।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार गुरुवार को शपथ लेने के एक दिन बाद ये आधिकारिक आंकड़े जारी हुए हैं।



आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्र में रोजगार की चाहत रखने वाले 7.8 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी है।



बेरोजगारी दर का निर्धारण कुल कार्यबल में बेरोजगार व्यक्तियों की तादाद की गणना फीसदी में करके किया जाता है।



देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की संवृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रही जोकि पिछले पांच साल में सबसे कम है।


Conclusion:
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