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स्वदेशी उत्पादों की सूची में गड़बड़ी : सीएपीएफ कैंटीनों के सीईओ मूल कैडर में वापस भेजे गये

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कैंटीनों के सीईओ आर एम मीणा को उनके मूल कैडर सीआरपीएफ में वापस भेज दिया गया है. उन्होंने इन कैंटीनों में बेचे जाने वाले उत्पादों की हाल ही में एक सूची जारी की थी, जिसमें 1,000 से ज्यादा वस्तुओं को गैर-स्वदेशी बताते हुए उन्हें इस सूची से बाहर कर दिया गया था.

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Published : Jun 5, 2020, 4:28 AM IST

CAPF
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नई दिल्ली : केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कैंटीनों के सीईओ आर एम मीणा को उनके मूल कैडर सीआरपीएफ में वापस भेज दिया गया है. उन्होंने इन कैंटीनों में बेचे जाने वाले उत्पादों की हाल ही में एक सूची जारी की थी, जिसमें 1,000 से ज्यादा वस्तुओं को गैर-स्वदेशी बताते हुए उन्हें इस सूची से बाहर कर दिया गया था. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मीणा को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा वापस बुला लिया गया है.

आदेश में कहा गया है कि सीआरपीएफ के एक अन्य डीआईजी राजीव रंजन कुमार तत्काल प्रभाव से बोर्ड के नये मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे. उनका कार्यकाल तीन महीने का होगा.

मीणा केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार या केंद्रीय पुलिस कल्याण स्टोर्स के सीईओ थे. उन्होंने 29 मई को एक दस्तावेज जारी किया था, जिसमें हाल फिलहाल तक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कैंटीन में बेचे गये 1,000 से अधिक उत्पादों को सूची से हटा दिया गया था.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 13 मई को घोषणा की थी कि 1700 सेंट्रल पुलिस कैंटीन या सीएपीएफ कैंटीनों के नेटवर्क घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये एक जून से सिर्फ स्वदेशी उत्पाद बेचेंगे.

सीएपीएफ कैंटीनों के बोर्ड का प्रबंधन अभी सीआरपीएफ कर रहा है, जिसने बाद में कहा कि यह सूची 'गलती से' जारी हो गई.

सीआरपीएफ ने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार द्वारा 29 मई 2020 को कुछ उत्पादों को (कैंटीन में बिक्री की जाने वाली वस्तुओं की सूची से) हटाने की सूची सीईओ के स्तर पर गलती से जारी हो गई थी.'

सीआरपीएफ के महानिदेशक ने एक बयान जारी कर कहा था, 'सूची वापस ले ली गई है और इस चूक के लिये कार्रवाई शुरू की जा रही है.'

सीआरपीएफ प्रमुख कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड के अध्यक्ष हैं. बोर्ड कैंटीन व्यवस्था की देखरेख करता है. मीणा कैंटीन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर थे.

मीणा के आदेश में कहा गया था कि सीएपीएफ कैंटीनों में बिक्री की जाने वाली वस्तुओं की सूची से 1,000 से अधिक 'विशुद्ध रूप से आयातित उत्पादों' को बाहर करने का फैसला, सक्षम प्राधिकार की मंजूरी से लिया गया.

अधिकारियों ने कहा कि मीणा को जल्द ही सीआरपीएफ में एक नया पद दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील किये जाने के बाद, सीएपीएफ कैंटीनों में सिर्फ 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को बेचने का कदम उठाया गया.

सीएपीएफ (सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी) के कैंटीन इन बलों के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवार के सदस्यों को वस्तुओं की बिक्री कर सालाना अनुमानित 2,800 करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं.

इन बलों को आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी और सीमा की पहरेदारी का कार्य सौंपा गया है.

पढ़ें-विदेशी उत्पादों को अर्धसैनिक कैंटीन से बाहर किए जाने का फैसला वापस लिया गया

नई दिल्ली : केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कैंटीनों के सीईओ आर एम मीणा को उनके मूल कैडर सीआरपीएफ में वापस भेज दिया गया है. उन्होंने इन कैंटीनों में बेचे जाने वाले उत्पादों की हाल ही में एक सूची जारी की थी, जिसमें 1,000 से ज्यादा वस्तुओं को गैर-स्वदेशी बताते हुए उन्हें इस सूची से बाहर कर दिया गया था. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मीणा को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा वापस बुला लिया गया है.

आदेश में कहा गया है कि सीआरपीएफ के एक अन्य डीआईजी राजीव रंजन कुमार तत्काल प्रभाव से बोर्ड के नये मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे. उनका कार्यकाल तीन महीने का होगा.

मीणा केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार या केंद्रीय पुलिस कल्याण स्टोर्स के सीईओ थे. उन्होंने 29 मई को एक दस्तावेज जारी किया था, जिसमें हाल फिलहाल तक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कैंटीन में बेचे गये 1,000 से अधिक उत्पादों को सूची से हटा दिया गया था.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 13 मई को घोषणा की थी कि 1700 सेंट्रल पुलिस कैंटीन या सीएपीएफ कैंटीनों के नेटवर्क घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये एक जून से सिर्फ स्वदेशी उत्पाद बेचेंगे.

सीएपीएफ कैंटीनों के बोर्ड का प्रबंधन अभी सीआरपीएफ कर रहा है, जिसने बाद में कहा कि यह सूची 'गलती से' जारी हो गई.

सीआरपीएफ ने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार द्वारा 29 मई 2020 को कुछ उत्पादों को (कैंटीन में बिक्री की जाने वाली वस्तुओं की सूची से) हटाने की सूची सीईओ के स्तर पर गलती से जारी हो गई थी.'

सीआरपीएफ के महानिदेशक ने एक बयान जारी कर कहा था, 'सूची वापस ले ली गई है और इस चूक के लिये कार्रवाई शुरू की जा रही है.'

सीआरपीएफ प्रमुख कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड के अध्यक्ष हैं. बोर्ड कैंटीन व्यवस्था की देखरेख करता है. मीणा कैंटीन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर थे.

मीणा के आदेश में कहा गया था कि सीएपीएफ कैंटीनों में बिक्री की जाने वाली वस्तुओं की सूची से 1,000 से अधिक 'विशुद्ध रूप से आयातित उत्पादों' को बाहर करने का फैसला, सक्षम प्राधिकार की मंजूरी से लिया गया.

अधिकारियों ने कहा कि मीणा को जल्द ही सीआरपीएफ में एक नया पद दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील किये जाने के बाद, सीएपीएफ कैंटीनों में सिर्फ 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को बेचने का कदम उठाया गया.

सीएपीएफ (सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी) के कैंटीन इन बलों के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवार के सदस्यों को वस्तुओं की बिक्री कर सालाना अनुमानित 2,800 करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं.

इन बलों को आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी और सीमा की पहरेदारी का कार्य सौंपा गया है.

पढ़ें-विदेशी उत्पादों को अर्धसैनिक कैंटीन से बाहर किए जाने का फैसला वापस लिया गया

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