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मन की बात में बोले पीएम मोदी- देश खुल गया है, अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता से संवाद किया. यह मन की बात कार्यक्रम की 65वीं कड़ी में पीएम मोदी ने देश की जनता को कोरोना से लड़ने के लिए कुछ अहम सुझाव दिए.

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पीएम करेंगे मन की बात
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Published : May 31, 2020, 7:12 AM IST

Updated : May 31, 2020, 2:03 PM IST

नई दिल्ली : आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम 'मन की बात' के 65वें संस्करण में पीएम मोदी ने देश की जनता से संवाद किया. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में मिलने वाली छूट को लेकर 'अनलॉक-1' का एलान किया है. इस संबंध में पीएम मोदी ने कुछ बातें साझा की.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लगे दो महीने के लॉकडाउन के बाद, प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए संबोधन में एक जून से दी जा रही छूटों पर ध्यान दिए जाने की संभावना है.

पीएम के संबोधन का अंश

जानें पीएम के संबोधन के कुछ अहम बिंदु :

  • स्वच्छ पर्यावरण सीधे हमारे जीवन, हमारे बच्चों के भविष्य का है. इसलिए हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी इसकी चिंता करनी होगी. मेरा आपसे अनुरोध है कि इस पर्यावरण दिवस पर कुछ पेड़ अवश्य लगाएं और प्रकृति की सेवा करने का संकल्प लें.
  • हमें ध्यान रखना होगा कि इतनी कठिन तपस्या के बाद देश ने जिस तरह हालात संभाला है, उसे बिगड़ने नहीं देना है. हमें इस लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है.
  • एक तरफ जहां पूर्वी भारत तूफान से आई आपदा का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर देश के कई हिस्से टिड्डियों या locust के हमले से प्रभावित हुए हैं. इन हमलों ने हमें फिर याद दिलाया है कि ये छोटा सा जीव कितना नुकसान कर सकता है.
  • जल है तो कल है, वर्षा का पानी हमें बचाना है.
  • एक तरफ हम महामारी से लड़ रहे हैं, दूसरी ओर हमें हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में, प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है.
  • कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आयुष्मान भारत के सभी लाभार्थियों के साथ साथ मरीजों का उपचार करने वाले सभी डॉक्टरों, नर्सें और मेडिकल स्टाफ को भी बधाई देता हूं.
  • हमारे देश में करोड़ों-करोड़ गरीब, दशकों से बहुत बड़ी चिंता में रहते आए हैं. इस चिंता को समझने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई थी.
  • कपालभाती, अनुलोम विलोम प्राणायम से अधिकतर लोग परिचित होंगे, लेकिन भस्त्रिका, शीतली, भ्रामरी जैसे कई प्राणायाम के प्रकार हैं, जिनके अनेक लाभ भी हैं.
  • कोरोना संकट के इस समय में योग- आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि यह वायरस हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. योग में तो रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं.
  • एक और बात, जो मेरे मन को छू गई है, वह है, संकट की घड़ी में इनोवेशन.
  • नासिक के राजेंद्र यादव का उदाहरण बहुत दिलचस्प है. राजेंद्र जी ने अपने गांव को कोरोना से बचाने के लिए अपने ट्रैक्टर से सैनिटाइजेशन मशीन बना ली है.
  • देश के सभी इलाकों से वुमन सेल्फ हेल्प ग्रुप के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं.
  • हमारे डॉक्टर्स. नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, मीडिया के साथी, ये सब, जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है.
  • देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ, एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है. वो है देशवासियों की सेवाशक्ति.
  • कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है. जो नुकसान हुआ है, उसका दुख हम सबको है.
  • पिछले दो 'मन की बात' कार्यक्रमों के दौरान, हम मोटे तौर पर कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
  • यह इंगित करता है कि महामारी के बारे में बात करने और प्रासंगिक सावधानी बरतने का कितना महत्व है.
  • भारत के लोगों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई छेड़ी है.
  • हर भारतीय ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक भूमिका निभाई है.
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इससे पहले गत 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोरोना महामारी से लड़ने को लेकर दो गज दूरी की अहमियत को दोहराया था. पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना को हराने के लिए देश को सजग रहते हुए एहतियात बरतना होगा.

गृह मंत्रालय ने जारी किए दिशानिर्देश
गौरतलब है कि शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक जून से शुरू होने वाले अगले एक महीने के लिए रोकथाम क्षेत्रों के बाहर सभी गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए.

गौरतलब है कि आकाशवाणी के इस विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि संकट की इस घड़ी में लोगों ने एक दूसरे की मदद की असीम भावना का प्रदर्शन किया है और अब लोगों को एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखते हुए इस महामारी को देशनिकाला देना होगा.

पढ़ें : कोरोना संकट : निषिद्ध क्षेत्रों में 30 जून तक बढ़ाया गया देशव्यापी लॉकडाउन, नए दिशानिर्देश जारी

प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश इस महामारी से लड़ने को प्रेरित है लेकिन इस दिशा में हमें कुछ कुरीतियों का परित्याग करना होगा. प्रधानमंत्री के मुताबिक अब हमें थूकने की कुसंस्कृति से निजात पाना होगा क्योंकि यह हमेशा से बीमारी फैलाने का कारण रही है.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में असल में जनता कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है और इसमें सरकार उसका साथ दे रही है.

मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई पिपुल ड्रीवेन है और आने वाले समय में देश की इस एकता के प्रदर्शन को याद किया जाएगा.

देशव्यापी बंद का हुआ था एलान
प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद का एलान किया था. लॉकडाउन को बाद में, चरणों में, 31 मई तक बढ़ाया गया था.

नई दिल्ली : आकाशवाणी के विशेष कार्यक्रम 'मन की बात' के 65वें संस्करण में पीएम मोदी ने देश की जनता से संवाद किया. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में मिलने वाली छूट को लेकर 'अनलॉक-1' का एलान किया है. इस संबंध में पीएम मोदी ने कुछ बातें साझा की.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लगे दो महीने के लॉकडाउन के बाद, प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए संबोधन में एक जून से दी जा रही छूटों पर ध्यान दिए जाने की संभावना है.

पीएम के संबोधन का अंश

जानें पीएम के संबोधन के कुछ अहम बिंदु :

  • स्वच्छ पर्यावरण सीधे हमारे जीवन, हमारे बच्चों के भविष्य का है. इसलिए हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी इसकी चिंता करनी होगी. मेरा आपसे अनुरोध है कि इस पर्यावरण दिवस पर कुछ पेड़ अवश्य लगाएं और प्रकृति की सेवा करने का संकल्प लें.
  • हमें ध्यान रखना होगा कि इतनी कठिन तपस्या के बाद देश ने जिस तरह हालात संभाला है, उसे बिगड़ने नहीं देना है. हमें इस लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है.
  • एक तरफ जहां पूर्वी भारत तूफान से आई आपदा का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर देश के कई हिस्से टिड्डियों या locust के हमले से प्रभावित हुए हैं. इन हमलों ने हमें फिर याद दिलाया है कि ये छोटा सा जीव कितना नुकसान कर सकता है.
  • जल है तो कल है, वर्षा का पानी हमें बचाना है.
  • एक तरफ हम महामारी से लड़ रहे हैं, दूसरी ओर हमें हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में, प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है.
  • कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आयुष्मान भारत के सभी लाभार्थियों के साथ साथ मरीजों का उपचार करने वाले सभी डॉक्टरों, नर्सें और मेडिकल स्टाफ को भी बधाई देता हूं.
  • हमारे देश में करोड़ों-करोड़ गरीब, दशकों से बहुत बड़ी चिंता में रहते आए हैं. इस चिंता को समझने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई थी.
  • कपालभाती, अनुलोम विलोम प्राणायम से अधिकतर लोग परिचित होंगे, लेकिन भस्त्रिका, शीतली, भ्रामरी जैसे कई प्राणायाम के प्रकार हैं, जिनके अनेक लाभ भी हैं.
  • कोरोना संकट के इस समय में योग- आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि यह वायरस हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. योग में तो रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं.
  • एक और बात, जो मेरे मन को छू गई है, वह है, संकट की घड़ी में इनोवेशन.
  • नासिक के राजेंद्र यादव का उदाहरण बहुत दिलचस्प है. राजेंद्र जी ने अपने गांव को कोरोना से बचाने के लिए अपने ट्रैक्टर से सैनिटाइजेशन मशीन बना ली है.
  • देश के सभी इलाकों से वुमन सेल्फ हेल्प ग्रुप के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं.
  • हमारे डॉक्टर्स. नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, मीडिया के साथी, ये सब, जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है.
  • देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ, एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है. वो है देशवासियों की सेवाशक्ति.
  • कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है. जो नुकसान हुआ है, उसका दुख हम सबको है.
  • पिछले दो 'मन की बात' कार्यक्रमों के दौरान, हम मोटे तौर पर कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
  • यह इंगित करता है कि महामारी के बारे में बात करने और प्रासंगिक सावधानी बरतने का कितना महत्व है.
  • भारत के लोगों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई छेड़ी है.
  • हर भारतीय ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक भूमिका निभाई है.
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इससे पहले गत 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोरोना महामारी से लड़ने को लेकर दो गज दूरी की अहमियत को दोहराया था. पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना को हराने के लिए देश को सजग रहते हुए एहतियात बरतना होगा.

गृह मंत्रालय ने जारी किए दिशानिर्देश
गौरतलब है कि शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक जून से शुरू होने वाले अगले एक महीने के लिए रोकथाम क्षेत्रों के बाहर सभी गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए.

गौरतलब है कि आकाशवाणी के इस विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि संकट की इस घड़ी में लोगों ने एक दूसरे की मदद की असीम भावना का प्रदर्शन किया है और अब लोगों को एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखते हुए इस महामारी को देशनिकाला देना होगा.

पढ़ें : कोरोना संकट : निषिद्ध क्षेत्रों में 30 जून तक बढ़ाया गया देशव्यापी लॉकडाउन, नए दिशानिर्देश जारी

प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश इस महामारी से लड़ने को प्रेरित है लेकिन इस दिशा में हमें कुछ कुरीतियों का परित्याग करना होगा. प्रधानमंत्री के मुताबिक अब हमें थूकने की कुसंस्कृति से निजात पाना होगा क्योंकि यह हमेशा से बीमारी फैलाने का कारण रही है.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में असल में जनता कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है और इसमें सरकार उसका साथ दे रही है.

मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई पिपुल ड्रीवेन है और आने वाले समय में देश की इस एकता के प्रदर्शन को याद किया जाएगा.

देशव्यापी बंद का हुआ था एलान
प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद का एलान किया था. लॉकडाउन को बाद में, चरणों में, 31 मई तक बढ़ाया गया था.

Last Updated : May 31, 2020, 2:03 PM IST
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