नई दिल्ली : अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. फैसला विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया गया. फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी.
अदालत ने कहा कि 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है.
अयोध्या विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वकीलों ने दी प्रतिक्रिया.
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सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया, लेकिन साथ ही कहा कि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह दी जाएगी.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वरिष्ट वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि इस फैसले से भारत का बच्चा-बच्चा खुश है. उन्होंने कहा कि नौ ग्यारह तारीक को लिया गया यह फैसला काफी ऐतिहासिक है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वरिष्ट वकील पीएन मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि यह फैसला हिंदू और मुसलमानों की आस्था को ध्यान में रखकर कर लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वकील राजीव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस फैसले से किसा को लाभ या हानि नहीं हुई.
वहीं वकील उमेश बाबू चौरसिया ने कहा कि तथ्यों के आधार पर यह फैसला लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विष्णु जैन ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हमारा दावा विश्वास पर आधारित था, ASI रिपोर्ट पर आधारित है, यात्रियों के वृतांत पर आधारित था. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय को इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रख कर किया गया है.