तिरुवनंतपुरम : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठतम प्रचारक और विचारक पी. परमेश्वरन का आज शाम अंतिम संस्कार किया जाएगा. 93 वर्षीय परमेश्वरन का शनिवार को मध्यरात बाद निधन हो गया था. अंतिम दर्शन के लिए उनका शव वीजेटी हॉल में रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, परमेश्वरन के अंतिम संस्कार में संघ के बड़े नेता शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू व गृहमंत्री अमित शाह सहित अनेक नेताओं और देश की नामचीन हस्तियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठतम प्रचारक, विचारक और लेखक पी. परमेश्वरन के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
बता दें कि, परमेश्वर ने केरल के लोगों में राष्ट्रवादी सोच को बढ़ावा देने के लिए भारतीय विचार केंद्रम की स्थापना की थी. वह सम्प्रति इस केंद्रम के निदेशक भी थे.
उनका केरल के पलक्कड़ जिले के ओट्टाप्पलम में आयुर्वेदिक उपचार चल रहा था. परमेश्वरन ने शनिवार मध्यरात्रि बाद 12 बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली.
परमेश्वरन का जन्म 1927 में अलप्पुझा जिले के मुहम्मा में हुआ था. वह छात्र जीवन में ही आरएसएस के साथ जुड़ गए थे.
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, 'श्री परमेश्वरन जी के निधन से बेहद दुखी हूं. वह एक बेहतरीन लेखक, कवि, अनुसंधानकर्ता और 'भारतीय विचार केंद्रम' के संस्थापक एवं निदेशक थे.'
केरल विधानसभा में नेता विपक्ष रमेश चिन्नथाला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और राज्यपाल मोहम्मद आरिफ के साथ आरएसएस के कई अन्य नेताओं ने वयोवृद्ध नेता को श्रद्धाजंलि दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'उनका जीवन भारत की सांस्कृतिक जागरूकता, आध्यात्मिक उत्थान और गरीब लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित रहा. परमेश्वरन जी की सोच महान और लेखनी कमाल थी. वह अपने विचारों पर हमेशा अडिग रहे.'
पढ़ें : महिलाओं के साथ धार्मिक भेदभाव : सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की पीठ ने तय किए 7 सवाल
बता दें कि पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ के नेता रहे परमेश्वरन को 2018 में देश के दूसरे सबसे बड़े असैन्य सम्मान 'पद्म विभूषण' से और 2004 में पद्मश्री से नवाजा गया था. उन्होंने जनसंघ के दिनों में पं. दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के साथ काम किया था.
परमेश्वरन ने भारतीय विचार केंद्रम, विवेकानंद केंद्र जैसे प्रख्यात संस्थानों को अपनी सेवाएं दीं.
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनसे बातचीत के कई अवसर मिले. वह एक बुद्धिजीवी थे. मैं उनके निधन से दुखी हूं. ओम शांति.'
गृह मंत्री शाह ने ट्वीट किया, 'वरिष्ठ प्रचारक एवं पद्म विभूषण से सम्मानित पी. परमेश्वरन जी के निधन की खबर से दुखी हूं. वह महान समाज सुधारक और सच्चे राष्ट्रवादी थी, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश और मानवता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. ओम शांति.'
उन्होंने कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय विषयों पर परमेश्वरन का लेखन एवं उनके विचार 'अद्वितीय' हैं.
परमेश्वरन एक बेहतरीन लेखक, कवि, अनुसंधानकर्ता और सम्मानित आरएसएस विचारक थे. उन्होंने भारतीय जनसंघ के सचिव (1967-1971) और उपाध्यक्ष (1971-1977) के अलावा नयी दिल्ली स्थित दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के निदेशक (1977-1982) के तौर पर भी सेवाएं दीं.
परमेश्वरन ने आपातकाल के दौरान इसके खिलाफ सत्याग्रह में भाग लिया था और इसी कारण वह 16 महीने जेल में भी रहे थे. उन्होंने 1982 में 'भारतीय विचार केंद्रम' की स्थापना की थी.