नई दिल्ली : अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में भूमि का समतीकरण कार्य चल रहा है. जेसीबी से जमीन की खुदाई और समलतीकरण के दौरान देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां और तमाम पुरावशेष मिल रहे हैं.
यह जानकारी विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दी है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया, 'अयोध्या के डीएम की अनुमति के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से श्री राम जन्मभूमि परिसर में भावी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि के समतलीकरण और पुराने गैंगवे (संकरे रास्ते) को हटाने का कार्य चल रहा है.'
उन्होंने बताया, 'कोरोना के कारण लॉकडाउन होने के कारण सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए मंदिर परिसर में कार्य चल रहा है. तीन जेसीबी, एक क्रेन, दो ट्रैक्टर और दस मजदूर इस कार्य में लगे हैं.'
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि पिछले 11 मई से राम मंदिर परिसर में भूमि का समतलीकरण कार्य चल रहा है. इस दौरान काफी संख्या में पुरावशेष और देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां मिलने का सिलसिला शुरू हुआ है.
वहीं, इस मामले में श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि बीते 10 दिनों से राम जन्मभूमि पर मलबा हटाया जा रहा है. जहां बलुआ पत्थर पर संरचना और नक्काशी के मलबे में खंभे की खोज की गई है. वहां एक शिवलिंग और कुबेर टीला मिला है.
इसके अलावा प्राचीन पुष्प कलश, आमलक आदि कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, ब्लैक टच स्टोन के सात स्तंभ, रेड सैंड स्टोन के छह स्तंभ, पांच फिट आकार की नक्काशीकृत शिवलिंग की आकृति अब तक प्राप्त हुई है.
विनोद बंसल ने बताया कि समतलीकरण से पहले भी उच्च न्यायालय के आदेश पर खुदाई हुई थी. उस दौरान भी तमाम पुरावशेष प्राप्त हुए थे. मगर, 11 मई से जब जेसीबी और क्रेन लगाकर राम मंदिर के निर्माण की दिशा में भूमि का समतलीकरण शुरू हुआ तो फिर से पुरावशेष प्राप्त होने लगे हैं. सभी पुरावशेषों को सहेज कर रखा जा रहा है.