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केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी

विपक्ष के विरोध के बीच गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी है. वहीं, केरल की पिनरई विजयन सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि जो इसका उल्लंघन करेगा उसको पांच साल की जेल और जुर्माना भुगतना होगा.

kerala notifies police act amendment section
गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने दी मंजूरी
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Published : Nov 22, 2020, 7:46 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने विपक्ष के विरोध के बीच केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. बता दें, राज्य की पिनरई विजयन सरकार ने धारा 118-ए को शामिल करके केरल पुलिस अधिनियम में संशोधन करने के अध्यादेश को गवर्नर के पास भेजा था.

केरल पुलिस अधिनियम संशोधन का उद्देश्य साइबर अपराधों पर लगाम लगाना है. वहीं, राज्य सरकार का विशेष रूप से फोकस महिलाओं और बच्चों को लेकर भी है.

सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर होगा लागू

अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार धारा 118 ए को शामिल करके पुलिस अधिनियम में संशोधन सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर लागू करना है. राज्य मंत्रिमंडल ने एक परिदृश्य के मद्देनजर इस अध्यादेश को लाने का फैसला किया था जहां राज्य में साइबर हमलों से निपटने के लिए पुलिस के पास कानून अपर्याप्त है. हालांकि, ऐसे आरोप हैं कि यह स्पष्ट किए बिना संशोधन को अधिसूचित करना स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए हानिकारक हो सकता है.

पढ़ें: केरल : कैदी चला रहे ब्यूटी पार्लर, मार्केट से सस्ती सेवाएं

सजा का है प्रावधान

इस अधिनियम के तहत यदि सोशल मीडिया पर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की ऐसी जानकारी भेजता है या बनाता है, जो अपमानजनक है या किसी को अपमानित करने या धमकी देने के इरादे से कोई पोस्ट करता है, तो ऐसे में उस व्यक्ति को पांच साल की जेल की सजा या 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. यह एक गैर जमानती अपराध है, राज्य पुलिस को शिकायत के आधार पर गिरफ्तारी दर्ज करनी होगी.

तिरुवनंतपुरम : केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने विपक्ष के विरोध के बीच केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. बता दें, राज्य की पिनरई विजयन सरकार ने धारा 118-ए को शामिल करके केरल पुलिस अधिनियम में संशोधन करने के अध्यादेश को गवर्नर के पास भेजा था.

केरल पुलिस अधिनियम संशोधन का उद्देश्य साइबर अपराधों पर लगाम लगाना है. वहीं, राज्य सरकार का विशेष रूप से फोकस महिलाओं और बच्चों को लेकर भी है.

सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर होगा लागू

अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार धारा 118 ए को शामिल करके पुलिस अधिनियम में संशोधन सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर लागू करना है. राज्य मंत्रिमंडल ने एक परिदृश्य के मद्देनजर इस अध्यादेश को लाने का फैसला किया था जहां राज्य में साइबर हमलों से निपटने के लिए पुलिस के पास कानून अपर्याप्त है. हालांकि, ऐसे आरोप हैं कि यह स्पष्ट किए बिना संशोधन को अधिसूचित करना स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए हानिकारक हो सकता है.

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सजा का है प्रावधान

इस अधिनियम के तहत यदि सोशल मीडिया पर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की ऐसी जानकारी भेजता है या बनाता है, जो अपमानजनक है या किसी को अपमानित करने या धमकी देने के इरादे से कोई पोस्ट करता है, तो ऐसे में उस व्यक्ति को पांच साल की जेल की सजा या 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. यह एक गैर जमानती अपराध है, राज्य पुलिस को शिकायत के आधार पर गिरफ्तारी दर्ज करनी होगी.

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