बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए राज्य सरकार की याचिका गुरुवार को पहले से ही लंबित एक अन्य याचिका के साथ संलग्न कर दी. अदालत ने कहा कि याचिका 25 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी.
राज्य सरकार ने 11 अगस्त की रात को शहर में भड़के दंगों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए दावा आयुक्त के रूप में एक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति के लिए बुधवार को अदालत में याचिका दायर की थी.
यह मामला बृहस्पतिवार को जब मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी की पीठ के समक्ष आया तो उन्होंने कहा कि इसी तरह की एक अन्य की भी याचिका पर विचार सुनवाई होनी है और उस पर भी आदेश सुनाना है.
पीठ ने कहा कि अदालत 25 अगस्त को मामले पर सुनवाई करेगी. पीठ ने वकील से पूछा कि क्या न्यायिक अधिकारी के लिए कोई विशेष सिफारिश है या नहीं.
जवाब में, सरकारी वकील ने कहा कि ऐसी कोई सिफारिश नहीं है. अदालत ने तब कहा कि वह एक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति करेगी.
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इस सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस फायरिंग में तीन व्यक्ति मारे गए थे, जबकि चौथे व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी. कांग्रेस के विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार द्वारा सोशल मीडिया पर कथित रूप से अपलोड की गयी एक पोस्ट के बाद यह हिंसा भड़की थी.