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जेएनयू हिंसा के विरोध में छात्रसंघ और शिक्षकों का मार्च - मंडी हाउस से जंतर-मंतर

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हिंसा के खिलाफ छात्रों और शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, पुलिस की ओर से इस मार्च की इजाजत नहीं दी गई. छात्रों की मांग है कि जेएनयू के वीसी को पद से हटाया जाए.

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Published : Jan 9, 2020, 11:51 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 6:26 PM IST

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के विरोध में जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों ने आज विरोध मार्च किया. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी. मार्च के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. विश्वविद्यालय परिसर के गेट के बाहर पुलिस बल को भारी संख्या में तैनात किया गया है. यह मार्च मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक जाएगा.

जेएनयू छात्रसंघ मार्च :

  • जेएनयू छात्रों को बस से मंडी हाउस ले जाया गया.
  • पुलिस ने जेएनयू छात्रों को पैदल मार्च की इजाजत नहीं दी.
  • छात्र जेएनयू कुलपति जगदीश कुमार को हटाने और फीस बढ़ोत्तरी का फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
  • सीताराम येचुरी, वृंदा करात, डी राजा और शरद यादव और प्रकाश करात प्रदर्शन में शामिल हुए.
    सीताराम येचुरी
  • मंडी हाउस पर कई यूनिवर्सिटी के छात्र एकजुट हुए.
  • छात्र दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे हैं.
    मार्च के दौरान जेएनयू छात्र

क्या है मामला
जेएनयू परिसर में रविवार को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने घुसकर तीन छात्रावासों में छात्रों पर हमला किया. लाठी, लोहे की छड़ हाथ में लिए इन हमलावरों ने शिक्षकों पर भी हमला किया तथा संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया.

शरद यादव

समन्वय समिति ने जताया विरोध
इससे पहले जेएनयू के छात्रों के समर्थन में दिल्ली विश्वविद्यालय समन्वय समिति ने मार्च निकाला. सेंट स्टीफन्स कॉलेज के विद्यार्थियों ने जेएनयू के छात्रों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए बुधवार को कक्षाओं का बहिष्कार किया.

जेएनयू छात्रसंघ का मार्च

कोई गिरफ्तारी नहीं
पुलिस अधिकारियों के अनुसार उन्हें इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ी 11 शिकायतें मिली हैं, जिनमें एक शिकायत एक प्रोफेसर ने दर्ज कराई है. हालांकि, जेएनयू परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर हमले के चार दिन बाद भी दिल्ली पुलिस अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है.

मिले अहम सुराग
इस बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि पुलिस को नकाबपोश हमलावरों की पहचान को लेकर अहम सुराग मिले हैं और वह जल्द मामले का पर्दाफाश करेगी.

आईशी घोष भी घेरे में
तोड़फोड़ के मामले में दर्ज दो प्राथमिकियों में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत अन्य यूनियन नेताओं को नामजद करने पर भी पुलिस आलोचनाओं के घेरे में है. मामले में किसी को भी आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया गया है.

समर्थन करने पहुंचीं दीपिका
दीपिका हमले का शिकार हुए छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिये मंगलवार शाम अचानक जेएनयू पहुंच गई थी, जहां एक सभा में उनके छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष के साथ खामोश खड़े रहीं.

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के विरोध में जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों ने आज विरोध मार्च किया. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी. मार्च के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. विश्वविद्यालय परिसर के गेट के बाहर पुलिस बल को भारी संख्या में तैनात किया गया है. यह मार्च मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक जाएगा.

जेएनयू छात्रसंघ मार्च :

  • जेएनयू छात्रों को बस से मंडी हाउस ले जाया गया.
  • पुलिस ने जेएनयू छात्रों को पैदल मार्च की इजाजत नहीं दी.
  • छात्र जेएनयू कुलपति जगदीश कुमार को हटाने और फीस बढ़ोत्तरी का फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
  • सीताराम येचुरी, वृंदा करात, डी राजा और शरद यादव और प्रकाश करात प्रदर्शन में शामिल हुए.
    सीताराम येचुरी
  • मंडी हाउस पर कई यूनिवर्सिटी के छात्र एकजुट हुए.
  • छात्र दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे हैं.
    मार्च के दौरान जेएनयू छात्र

क्या है मामला
जेएनयू परिसर में रविवार को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने घुसकर तीन छात्रावासों में छात्रों पर हमला किया. लाठी, लोहे की छड़ हाथ में लिए इन हमलावरों ने शिक्षकों पर भी हमला किया तथा संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया.

शरद यादव

समन्वय समिति ने जताया विरोध
इससे पहले जेएनयू के छात्रों के समर्थन में दिल्ली विश्वविद्यालय समन्वय समिति ने मार्च निकाला. सेंट स्टीफन्स कॉलेज के विद्यार्थियों ने जेएनयू के छात्रों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए बुधवार को कक्षाओं का बहिष्कार किया.

जेएनयू छात्रसंघ का मार्च

कोई गिरफ्तारी नहीं
पुलिस अधिकारियों के अनुसार उन्हें इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ी 11 शिकायतें मिली हैं, जिनमें एक शिकायत एक प्रोफेसर ने दर्ज कराई है. हालांकि, जेएनयू परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर हमले के चार दिन बाद भी दिल्ली पुलिस अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है.

मिले अहम सुराग
इस बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि पुलिस को नकाबपोश हमलावरों की पहचान को लेकर अहम सुराग मिले हैं और वह जल्द मामले का पर्दाफाश करेगी.

आईशी घोष भी घेरे में
तोड़फोड़ के मामले में दर्ज दो प्राथमिकियों में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत अन्य यूनियन नेताओं को नामजद करने पर भी पुलिस आलोचनाओं के घेरे में है. मामले में किसी को भी आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया गया है.

समर्थन करने पहुंचीं दीपिका
दीपिका हमले का शिकार हुए छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिये मंगलवार शाम अचानक जेएनयू पहुंच गई थी, जहां एक सभा में उनके छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष के साथ खामोश खड़े रहीं.

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Last Updated : Jan 9, 2020, 6:26 PM IST
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