नई दिल्ली : जल शक्ति मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम जल्द ही तमिलनाडु का दौरा करने वाली है . टीम इस दौरान सुखा प्रभावित क्षेत्रों में जल संरक्षण के काम में लगे लोगों की मदद करेगी.
मंत्रालय के सूत्रों ने शनिवार को ईटीवी भारत को बताया कि यह कदम तमिलानाडु सरकार के उस दावे के बाद उठाया गया है कि उसने जल शक्ति अभियान को लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
तमिलनाडु सरकार कथित तौर पर यह कह रही है कि उसने राज्यभर में 249 ग्रामीण ब्लाकों में फैली 807 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण परियोजनाएं लागू की हैं.
इस क्रम में तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में 100 करोड़ की तमिलनाडु जल संसाधन, संरक्षण और ऑग्मेंटेशन मिशन की योजनाएं लाॉन्च की थीं. इन योजनाओं का मकसद सार्वजनिक भागीदारी के साथ जल निकायों को फिर से जीवंत करना है. इसके अलावा राज्य सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGS) के तहत पानी की टंकियों के मानकीकरण भी करेगी.
बता दें, विकास बहुत अधिक महत्व रखता है, क्योंकि तमिलनाडु गर्मी के मौसम में सूखे से कई बार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है.
गौरतलब है कि इस साल गर्मी के दौरान, तमिलनाडु राज्य भीषण जल संकट से गुजरा था और पानी का जलस्तर अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था. इतना ही नहीं चेन्नई की पोरुर लेक का, जो जलापूर्ति के मामले में सबसे आगे माना जाता है, जलस्तर भी सूख गया था.
तमिलनाडु में पिछले कुछ वर्षों में कम बारिश हुई है. जिससे राज्य को सूखे का समना करना पड़ा और प्रमुख जल स्त्रोत सुख गये हैं.
नीति आयोग द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चेन्नई में बेहतर जल संसाधन होने के बावजूद तीन नदियां, चार जल निकाय, पांच आर्द्रभूमि और छह वन पूरी तरह से सूख गये.
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इन सभी तथ्यों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाया गया कदम बहुत ही महत्व रखता है.
वास्तव में, केद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया जल शक्ति मिशन अपने दूसरे चरण में पहुंच चुका है और उत्तर पूर्व के राज्यों की मानसून वर्षा को कवर कर रहा है.
जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'मंत्रालय तमिलनाडु सरकार को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, ताकि उसे फिर गंभीर सूखे की स्थिति का सामना न करना पड़े.