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कोरोना वायरस : चीन से भारत आएंगे 130 लोग, आईटीबीपी की पूरी तैयारी

कोरोना वायरस से जूझ रहे चीन से लगभग 130 लोग भारत लौटेंगे. इन लोगों को आईटीबीपी के कैंप में रखा जाएगा. बता दें कि आईटीबीपी ने इससे पहले चीन से भारत आए लोगों को छुट्टी देदी है. पढ़ें पूरी खबर...

itbp quarantine facility
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Feb 20, 2020, 8:45 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 12:07 AM IST

नई दिल्ली : चीन में कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते वहां से और भारतीय लोगों को वापस ले आया जाएगा. उन लोगों को दिल्ली में इंडो तिब्बती बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के कैंप में रखा जाएगा. आईटीबीपी के सूत्रों ने बताया कि वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि चीन से लगभग 130 लोगों को भारत ले आया जाएगा और वह शुक्रवार को भारत पहुंच जाएंगे.

आईटीबीपी के सूत्र ने बताया कि कैंप में उन लोगों को रखने के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले बुधवार को आईटीबीपी ने 406 लोगों को छुट्टी देदी थी.

इसी बीच भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने गुरुवार को अपने डॉक्टरों, रसोइयों और स्वच्छता कर्मचारियों सहित उन कर्मियों को सम्मानित किया जिन्होंने कोरोना वायरस के मद्देनजर बनाए गए पृथक केंद्र में काम किया था.

itbp quarantine facility
आईटीबीपी के जवानों को किया गया सम्मानित

आईटीबीपी के महानिदेशक (डीजी) एस एस देसवाल ने उन लोगों से कहा, 'आपने जो किया, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. देश और बल को आप पर गर्व है.'

आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने कहा कि देसवाल ने 28 कर्मियों को बल के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जबकि तीन को प्रशस्ति प्रत्र दिए गए, जबकि 32 कर्मियों को नकद पुरस्कार प्रदान किए गए.

उन्होंने कहा कि सम्मानित होने वालों में डॉक्टर, चिकित्सा सहायक, रसोइए, प्रशासनिक विभाग के कर्मचारी, चालक, स्वच्छता कर्मचारी शामिल हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि इन कर्मियों ने 48 घंटे के भीतर जवानों के एक आवासीय बैरक को पृथक केंद्र बनाने में मदद की और इसे एक पखवाड़े से अधिक समय तक इसे चालू रखा.

इस केंद्र में रखे गए लोगों के तीसरे और आखिरी जत्थे को गुरुवार को छुट्टी दे दी गई थी. इन लोगों को कोरोना वायरस प्रभावित चीनी शहर वुहान से निकाल कर लाया गया था.

पढ़ें-केरल : कोरोना वायरस से पीड़ित महिला को मिली अस्पताल से छुट्टी, जांच रिपोर्ट निगेटिव

इस शिविर में रहने, खाने, चिकित्सा सहायता और इनडोर खेलों की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं.

चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद वुहान से एक और दो फरवरी को एयर इंडिया के दो विमानों में कुल 650 लोगों को वापस लाया गया था.

मालदीव के सात नागरिकों सहित 406 लोगों को आईटीबीपी की इकाई में भेजा गया था जबकि शेष लोगों को हरियाणा के मानेसर में थलसेना के एक पृथक केंद्र में रखा गया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महामारी के खतरे के मद्देनजर चीन में फंसे हुए और भारतीयों को वापस लाने की उम्मीद है और आईटीबीपी का केंद्र ऐसे लोगों की मेजबानी के लिए तैयार है.

आईटीबीपी सीमा रक्षक बल है जिसकी मुख्य जिम्मेदारी चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा है. यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है.

नई दिल्ली : चीन में कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते वहां से और भारतीय लोगों को वापस ले आया जाएगा. उन लोगों को दिल्ली में इंडो तिब्बती बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के कैंप में रखा जाएगा. आईटीबीपी के सूत्रों ने बताया कि वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि चीन से लगभग 130 लोगों को भारत ले आया जाएगा और वह शुक्रवार को भारत पहुंच जाएंगे.

आईटीबीपी के सूत्र ने बताया कि कैंप में उन लोगों को रखने के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले बुधवार को आईटीबीपी ने 406 लोगों को छुट्टी देदी थी.

इसी बीच भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने गुरुवार को अपने डॉक्टरों, रसोइयों और स्वच्छता कर्मचारियों सहित उन कर्मियों को सम्मानित किया जिन्होंने कोरोना वायरस के मद्देनजर बनाए गए पृथक केंद्र में काम किया था.

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आईटीबीपी के जवानों को किया गया सम्मानित

आईटीबीपी के महानिदेशक (डीजी) एस एस देसवाल ने उन लोगों से कहा, 'आपने जो किया, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. देश और बल को आप पर गर्व है.'

आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने कहा कि देसवाल ने 28 कर्मियों को बल के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जबकि तीन को प्रशस्ति प्रत्र दिए गए, जबकि 32 कर्मियों को नकद पुरस्कार प्रदान किए गए.

उन्होंने कहा कि सम्मानित होने वालों में डॉक्टर, चिकित्सा सहायक, रसोइए, प्रशासनिक विभाग के कर्मचारी, चालक, स्वच्छता कर्मचारी शामिल हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि इन कर्मियों ने 48 घंटे के भीतर जवानों के एक आवासीय बैरक को पृथक केंद्र बनाने में मदद की और इसे एक पखवाड़े से अधिक समय तक इसे चालू रखा.

इस केंद्र में रखे गए लोगों के तीसरे और आखिरी जत्थे को गुरुवार को छुट्टी दे दी गई थी. इन लोगों को कोरोना वायरस प्रभावित चीनी शहर वुहान से निकाल कर लाया गया था.

पढ़ें-केरल : कोरोना वायरस से पीड़ित महिला को मिली अस्पताल से छुट्टी, जांच रिपोर्ट निगेटिव

इस शिविर में रहने, खाने, चिकित्सा सहायता और इनडोर खेलों की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं.

चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद वुहान से एक और दो फरवरी को एयर इंडिया के दो विमानों में कुल 650 लोगों को वापस लाया गया था.

मालदीव के सात नागरिकों सहित 406 लोगों को आईटीबीपी की इकाई में भेजा गया था जबकि शेष लोगों को हरियाणा के मानेसर में थलसेना के एक पृथक केंद्र में रखा गया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महामारी के खतरे के मद्देनजर चीन में फंसे हुए और भारतीयों को वापस लाने की उम्मीद है और आईटीबीपी का केंद्र ऐसे लोगों की मेजबानी के लिए तैयार है.

आईटीबीपी सीमा रक्षक बल है जिसकी मुख्य जिम्मेदारी चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा है. यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है.

Last Updated : Mar 2, 2020, 12:07 AM IST
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