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कोरोना वायरस : टीका विकसित करने में लगेंगे डेढ़-दो साल : स्वास्थ्य मंत्रालय - corona virus vaccine in india

कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देख स्वास्थ्य मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है. खतरनाक वायरस से निबटने हेतु मंत्रालय ने टीका विकसित करने की बात कही है.

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भारत को कोरोना वायरस का टीका
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Published : Mar 13, 2020, 9:06 AM IST

Updated : Mar 13, 2020, 9:51 AM IST

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि भारत को कोरोना वायरस का टीका विकसित करने में डेढ़ से दो साल का समय लगेगा.

उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 74 मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं, जिनमें 16 इतालवी और एक कनाडाई सहित 17 विदेशी शामिल हैं.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महामारी एवं संचारी रोग-I (ईसीडी-I) प्रभाग के प्रमुख रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) वायरस को पृथक करने में सफल हुआ है.

उन्होंने कहा, 'टीका बनाने के दो रास्ते हैं. पहला, या तो आप वायरस की आनुवांशिकी संरचना का पता लगाएं और उसके आधार पर रोग प्रतिकारक विकसित किया जाए या दूसरा वायरस को अलग कर उसके खिलाफ टीका विकसित करने का प्रयास किया जाए, जो हमेशा आसान विकल्प होता है.'

गंगाखेड़कर ने कहा, 'कोरोना वायरस को पृथक करना मुश्किल है लेकिन एनआईवी पुणे के वैज्ञानिकों की कोशिश सफल रही है और कोरोना वायरस के 11 नमूने अलग किए गए हैं जो किसी भी शोध की प्राथमिक जरूरत होती है. हालांकि, टीका विकसित करने,उसके प्रायोगिक परीक्षण करने और मंजूरी देने में भी डेढ़ से दो साल का समय लगेगा.'

उन्होंने कहा कि ऐसे कई वायरस हैं जिनसे संक्रमण होने पर जब टीका दिया जाता तब संक्रमण की गंभीरता और बढ़ सकती है..

पढ़ें : इजराइली वैज्ञानिक कर सकते हैं कोरोना वायरस का टीका विकसित करने की घोषणा

गंगाखेड़कर ने कहा, 'दोनों तरफ से देखें तो इसमें समय लगेगा क्योंकि हमें संभावित खतरे पर भी विचार करना होगा. वास्तविकता है कि वायरस यहां पर है. पहले हमें यथासंभव इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए और इंतजार करना चाहिए.'

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने नमूनों की जांच करने के लिए 52 प्रयोगशालाएं बनाई हैं जबकि 57 प्रयोशालाएं कोरोना वायरस संक्रमितों के नमूने एकत्र करने के लिए बनाई गई हैं, ताकि इलाज और संक्रमितों की पहचान करने की क्षमता में वृद्धि हो.

एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'हमारे पास एक लाख परीक्षण किट हैं एवं और किट मंगाने के आदेश दिए गए हैं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को लोगों से कहा कि वे कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने से भयभीत न हों और सरकार रक्षात्मक उपाय पर ध्यान केंद्रित कर रही है और देश में परीक्षण की पर्याप्त सुविधाए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि अभी तक समुदाय में संक्रमण फैलने का मामला सामने नहीं आया है और स्थानीय स्तर पर संपर्क से संक्रमण के मामले ही मिले हैं.

नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि भारत को कोरोना वायरस का टीका विकसित करने में डेढ़ से दो साल का समय लगेगा.

उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 74 मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं, जिनमें 16 इतालवी और एक कनाडाई सहित 17 विदेशी शामिल हैं.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महामारी एवं संचारी रोग-I (ईसीडी-I) प्रभाग के प्रमुख रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) वायरस को पृथक करने में सफल हुआ है.

उन्होंने कहा, 'टीका बनाने के दो रास्ते हैं. पहला, या तो आप वायरस की आनुवांशिकी संरचना का पता लगाएं और उसके आधार पर रोग प्रतिकारक विकसित किया जाए या दूसरा वायरस को अलग कर उसके खिलाफ टीका विकसित करने का प्रयास किया जाए, जो हमेशा आसान विकल्प होता है.'

गंगाखेड़कर ने कहा, 'कोरोना वायरस को पृथक करना मुश्किल है लेकिन एनआईवी पुणे के वैज्ञानिकों की कोशिश सफल रही है और कोरोना वायरस के 11 नमूने अलग किए गए हैं जो किसी भी शोध की प्राथमिक जरूरत होती है. हालांकि, टीका विकसित करने,उसके प्रायोगिक परीक्षण करने और मंजूरी देने में भी डेढ़ से दो साल का समय लगेगा.'

उन्होंने कहा कि ऐसे कई वायरस हैं जिनसे संक्रमण होने पर जब टीका दिया जाता तब संक्रमण की गंभीरता और बढ़ सकती है..

पढ़ें : इजराइली वैज्ञानिक कर सकते हैं कोरोना वायरस का टीका विकसित करने की घोषणा

गंगाखेड़कर ने कहा, 'दोनों तरफ से देखें तो इसमें समय लगेगा क्योंकि हमें संभावित खतरे पर भी विचार करना होगा. वास्तविकता है कि वायरस यहां पर है. पहले हमें यथासंभव इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए और इंतजार करना चाहिए.'

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने नमूनों की जांच करने के लिए 52 प्रयोगशालाएं बनाई हैं जबकि 57 प्रयोशालाएं कोरोना वायरस संक्रमितों के नमूने एकत्र करने के लिए बनाई गई हैं, ताकि इलाज और संक्रमितों की पहचान करने की क्षमता में वृद्धि हो.

एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'हमारे पास एक लाख परीक्षण किट हैं एवं और किट मंगाने के आदेश दिए गए हैं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को लोगों से कहा कि वे कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने से भयभीत न हों और सरकार रक्षात्मक उपाय पर ध्यान केंद्रित कर रही है और देश में परीक्षण की पर्याप्त सुविधाए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि अभी तक समुदाय में संक्रमण फैलने का मामला सामने नहीं आया है और स्थानीय स्तर पर संपर्क से संक्रमण के मामले ही मिले हैं.

Last Updated : Mar 13, 2020, 9:51 AM IST
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