अमरावती : चेन्नई के आयकर विभाग ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में वर्दैया पालेम मंडल स्थित संस्थानों और 'कल्कि भगवान' के अलग-अलग आश्रमों में छापेमारी की है. आयकर टीम तलाशी अभियान के लिए बुधवार को ही एक आश्रम में घुसी थी.
आयकर विभाग ने इस आरोप पर छापे की कार्रवाई शुरू कि आश्रम के संचालकों ने अनुयाइयों द्वारा दानस्वरूप दिये गये करोड़ों रुपयों का दुरुपयोग किया और भक्तों की दानराशियों से जमीनें खरीदीं.
शिकायत मिलने पर आयकर विभाग के दक्षिण क्षेत्र के अधिकारियों ने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु व कर्नाटक स्थित कल्कि आश्रमों में छापेमारी के लिए आठ टीमें गठित की थीं.
छापेमारी की कार्रवाई से 'कल्कि भगवान' के अनुयाइयों व आश्रम संचालकों में हड़कम्प मच गया. अधिकारी दानस्वरूप मिली राशि व खर्च एवं सेवा गतिविधियों का ब्योरा एकत्र कर रहे हैं. इस बाबत वे कुछ व्यक्तियों, नेल्लोर जिले में कल्कि आश्रम के निकट खरीदी गयीं बेनामी सम्पत्तियों की जानकारियां बटोर रहे हैं.
आयकर विभाग ने आज कहा कि आध्यात्मिक गुरू कल्कि भगवान द्वारा स्थापित कंपनियों और ट्रस्टों के दक्षिणी राज्यों में फैले परिसरों पर तलाशी में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है.
अघोषित आय में करीब 409 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकद प्राप्तियां शामिल हैं.
आयकर विभाग की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि कुल 43.9 करोड़ रुपये नकद और 18 करोड़ रुपये की अमेरिकी मुद्रा जब्त की गयी. कुल 93 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी जब्त की गयी.
पता चला कि यह समूह कर पनाहगाह के रूप में मशहूर क्षेत्रों में निवेश कर रहा है और आयकर विभाग भारत में करदेय आय को भारत के बाहर इकाइयों में भेजे जाने की जांच कर रहा है.
आंध्र प्रदेश के वरदैयाहपालेम, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरू में ‘आरोग्य पाठ्यक्रम’ चलाने वाली कंपनियों और ट्रस्टों के करीब 40 परिसरों पर बुधवार को छापे मारे गये. कंपनियों की स्थापना आध्यात्मिक गुरू कल्कि भगवान ने की है.
छापे की प्रक्रिया जारी है.
आयकर विभाग की एक विज्ञप्ति के अनुसार छापों में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि समूह अपनी प्राप्तियों को अपने अनेक केंद्रों या आश्रमों में छिपा रहा है.
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विज्ञप्ति के अनुसार, 'समझा जाता है कि समूह ने दस्तावेजी मूल्यों से अधिक कीमत पर संपत्तियों की बिक्री से नकदी प्राप्ति कर भी बेहिसाब आय अर्जित की.'
विज्ञप्ति में कहा गया कि बेहिसाब नकदी का प्रारंभिक आकलन बताता है कि वित्त वर्ष 2014-15 के बाद से 409 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुईं.
हालांकि, आयकर विभाग ने कल्कि भगवान का नाम नहीं लिया है और उनकी पहचान केवल एकात्मता दर्शन वाले आध्यात्मिक गुरू के तौर पर की है.