नई दिल्ली/नोएडा: आईएएस, आईपीएस और रॉ अधिकारी बनकर स्पूफिंग कॉल के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बनाने वाली कथित फर्जी अधिकारी जोया खान को नोएडा पुलिस ने गुरुवार को रिमांड पर लिया है. पुलिस रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासा किए हैं. आरोपित मेरठ की रहने वाली है. कथित फर्जी अधिकारी जोया खान कॉलर आईडी को बदलकर अधिकारियों पर दवाब बनाती थी. अधिकारी को लगता था कि वह वही व्यक्ति है, जिसका उसने परिचय दिया है. लेकिन बात स्कैमर कर रहा होता है. पुलिस पर दवाब बनाने के लिए उसने दुबई के सर्वर का इस्तेमाल किया था.
दरअसल, आईएएस और आईपीएस अफसर बनकर वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बनाने वाली जोया खान को थाना सेक्टर-142 पुलिस ने रिमांड पर लिया. वर्तमान में दोस्त की चचेरी ननद के पति की आत्महत्या मामले में अधिकारियों पर दबाब बना रही थी. पुलिस के मुताबिक, सेक्टर-142 में एक अपार्टमेंट की 7वीं मंजिल से गिरकर साहिल सब्बरवाल नामक व्यक्ति की मौत हुई थी, लेकिन जोया खान इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कराने का दबाब बना रही थी.
आत्महत्या को बनाया था हत्या का केसः पुलिस की पूछताछ के दौरान जोया ने बताया कि उसने ही पुलिस को दूसरे आरोपी गौरव अग्रवाल की पत्नी की चचेरी ननद के पति साहिल की फ्लैट के 7वीं मंजिल से गिरकर मौत मामले में फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर दवाब बनाया था. इसके लिए उसने स्पूफिंग कॉल करने के लिए इंटरनेट से पोर्टसिप ऐप डाउनलोड किया. उसके बाद सेक्टर 142 कोतवाली प्रभारी के सीयूजी नंबर पर आईपीएस बनकर बात की. जोया खान ने साहिल की मौत मामले में एक महिला की गिरफ्तारी और कड़ी सजा दिलाने के लिए दवाब बनाया था.
"उसने कोतवाली प्रभारी सेक्टर 142 के भी सीयूजी नंबर पर स्पूफ करके कॉल की थी. उसने स्पूफिंग सॉफ्टवेयर की पेमेंट करने के लिए मीनाक्षी को धोखा देकर सर्विलांस के काम का बहाना बनाकर आठ हजार रुपये लिए. जिससे उसने क्रिप्टोकरंसी खरीदी और स्पूफिंग सॉफ्टवेयर की पेमेंट की. इसे पूरी साजिश में गौरव अग्रवाल भी शामिल है." -शक्ति अवस्थी, डीसीपी सेंट्रल नोएडा
इन सबको किया था कॉलः डीसीपी ने बताया कि जब वह गुरुग्राम या गाजियाबाद जाती थी तो वहां पर भी अपने लिए एस्कॉर्ट की मांग करती थी. इस महिला ने एक मामले के सिलसिले में थाना सेक्टर-142 एसएचओ को भी कॉल किया था. इसने अभिषेक जैन नाम के एक युवक को भी रॉ और एंटी करप्शन ब्यूरो के नाम पर धमकाया था.
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि महिला ने कॉल के लिए दुबई के एक सर्वर का इस्तेमाल किया था. पुलिस जांच में महिला की सच्चाई सामने आ गई. उसके खिलाफ नोएडा के थाना बिसरख, मेरठ के थाना सिविल लाइंस और गुरुग्राम के थाना सेक्टर 29 डीएलएफ पर मामले दर्ज करवाए गए थे.
बता दें, स्पूफिंग कॉल के जरिए कोई भी धोखाधड़ी की जा सकती है. इसके जरिए किसी के नंबर का गलत इस्तेमाल, बिना उसकी जानकारी के किया जा सकता है. यह कॉलर आईडी बदल देता है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि शातिर किसी विश्वसनीय नंबर से कॉल कर रहा है.
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