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इजरायली साइबर कंपनी ने भारतीय पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की : व्हाट्सएप

व्हाटसएप ने इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया है. इस एजेंसी ने भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों की जासूसी की है. व्हाट्सएप ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अपने यूजर्स को सुरक्षा प्रदान करना ही हमारी प्राथमिकता है. जासूसी की खबर आने के बाद कांग्रेस ने कहा इसमें भाजपा का हाथ है. जाने क्या है मामला....

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Published : Nov 1, 2019, 2:17 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 7:32 PM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली : इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप की ओर से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा लक्षित कर उनकी जासूसी की गई. फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप 31 अक्टूबर को इसकी पुष्टि की, जासूसी की खबर आने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इसमें भाजपा का हाथ है.

इस संबंध में व्हाट्सएप ने बयान जारी कर सफाई पेश की है. इसमें कहा गया है कि हमें अपने व्हाट्सएप यूजर को सुरक्षा और निजता प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम जल्द ही सुरक्षा मुद्दे को हल कर भारत और अंतरराष्ट्रीय सरकार के अधिकारियों को सूचित करेंगे.

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व्हाट्सएप का बयान
हमने लक्षित उपयोगकर्ताओं को पहचानने के लिए काम किया है ताकि अदालतों को अंतरराष्ट्रीय जासूसी फर्म को पकड़ने के लिए कहा जा सके, जिसके लिए nso समूह जिम्मेदार है. हम हैकरों से सुरक्षा देने के लिए काम कर रहे हैं.

व्हाट्सएप ने इस सप्ताह इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने आरोप लगाया है कि इसने वैश्विक स्तर पर 1,400 चयनित (सलेक्टेड) उपयोगकर्ताओं की जासूसी की है.

इससे पहले कई मीडिया रिपोर्टो में कहा गया था कि भारत में लक्षित किए गए लोगों में वे मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्हें पिछले साल जनवरी में पुणे के पास भीमा-कोरेगांव दलित दंगों में उनकी कथित संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय पत्रकार भी व्हाट्सएप की जासूसी के शिकार बने. जासूसी से प्रभावित 1400 उपयोगकर्ताओं में से भारत के 20 से अधिक शिक्षाविद, वकील, दलित कार्यकर्ता व पत्रकार शामिल हैं.

एक व्हाट्सएप प्रवक्ता ने बताया, इस सप्ताह हमारे द्वारा संपर्क किए जाने वालों में भारतीय उपयोगकर्ता शामिल थे.

कुछ लोग हालांकि सोशल मीडिया पर खुद ही सामने आए, जिससे पता चलता है कि वे स्पाइवेयर से प्रभावित थे. संवाददाता सिद्धांत सिब्बल ने ट्वीट कर ऑनलाइन सुरक्षा के नाम पर इसे अच्छी खबर बताया है.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर की गई जासूसी की खबरें सामने आने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरा है. उन्होंने इस जासूसी के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप भी लगाया है.

कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर इस मामले पर तुरंत सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेने की बात कही.

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रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट

कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट कर कटाक्ष किया कि भाजपा सरकार चाहती है कि आधार को फोन से जोड़ा जाए.उन्होंने कहा कि निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना गया.

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रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट

उन्होंने कहा, 'इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए व्हाट्सएप जासूसी हुई. क्या अगली बार राष्ट्रवाद के नाम पर हमारे घरों में कैमरे होंगे? यह 'भ्रष्ट जासूसी पार्टी' के टोटके हैं.'

व्हाट्सएप के प्रमुख विल कैटहार्ट ने वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित एक ओप-एड में लिखा, इसने दुनिया भर में कम से कम 100 मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और समाज के अन्य नागरिकों को निशाना बनाया.

विशेषज्ञों के अनुसार, हाल ही में व्हाट्सएप के जरिए जासूसी का शिकार हुए लोगों को लोकेशन डेटा और ईमेल सामग्री सहित महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी डिलीट हो सकती है.

नई दिल्ली : इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप की ओर से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा लक्षित कर उनकी जासूसी की गई. फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप 31 अक्टूबर को इसकी पुष्टि की, जासूसी की खबर आने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इसमें भाजपा का हाथ है.

इस संबंध में व्हाट्सएप ने बयान जारी कर सफाई पेश की है. इसमें कहा गया है कि हमें अपने व्हाट्सएप यूजर को सुरक्षा और निजता प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम जल्द ही सुरक्षा मुद्दे को हल कर भारत और अंतरराष्ट्रीय सरकार के अधिकारियों को सूचित करेंगे.

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व्हाट्सएप का बयान
हमने लक्षित उपयोगकर्ताओं को पहचानने के लिए काम किया है ताकि अदालतों को अंतरराष्ट्रीय जासूसी फर्म को पकड़ने के लिए कहा जा सके, जिसके लिए nso समूह जिम्मेदार है. हम हैकरों से सुरक्षा देने के लिए काम कर रहे हैं.

व्हाट्सएप ने इस सप्ताह इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने आरोप लगाया है कि इसने वैश्विक स्तर पर 1,400 चयनित (सलेक्टेड) उपयोगकर्ताओं की जासूसी की है.

इससे पहले कई मीडिया रिपोर्टो में कहा गया था कि भारत में लक्षित किए गए लोगों में वे मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्हें पिछले साल जनवरी में पुणे के पास भीमा-कोरेगांव दलित दंगों में उनकी कथित संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय पत्रकार भी व्हाट्सएप की जासूसी के शिकार बने. जासूसी से प्रभावित 1400 उपयोगकर्ताओं में से भारत के 20 से अधिक शिक्षाविद, वकील, दलित कार्यकर्ता व पत्रकार शामिल हैं.

एक व्हाट्सएप प्रवक्ता ने बताया, इस सप्ताह हमारे द्वारा संपर्क किए जाने वालों में भारतीय उपयोगकर्ता शामिल थे.

कुछ लोग हालांकि सोशल मीडिया पर खुद ही सामने आए, जिससे पता चलता है कि वे स्पाइवेयर से प्रभावित थे. संवाददाता सिद्धांत सिब्बल ने ट्वीट कर ऑनलाइन सुरक्षा के नाम पर इसे अच्छी खबर बताया है.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर की गई जासूसी की खबरें सामने आने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरा है. उन्होंने इस जासूसी के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप भी लगाया है.

कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर इस मामले पर तुरंत सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेने की बात कही.

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रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट

कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट कर कटाक्ष किया कि भाजपा सरकार चाहती है कि आधार को फोन से जोड़ा जाए.उन्होंने कहा कि निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना गया.

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रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट

उन्होंने कहा, 'इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए व्हाट्सएप जासूसी हुई. क्या अगली बार राष्ट्रवाद के नाम पर हमारे घरों में कैमरे होंगे? यह 'भ्रष्ट जासूसी पार्टी' के टोटके हैं.'

व्हाट्सएप के प्रमुख विल कैटहार्ट ने वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित एक ओप-एड में लिखा, इसने दुनिया भर में कम से कम 100 मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और समाज के अन्य नागरिकों को निशाना बनाया.

विशेषज्ञों के अनुसार, हाल ही में व्हाट्सएप के जरिए जासूसी का शिकार हुए लोगों को लोकेशन डेटा और ईमेल सामग्री सहित महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी डिलीट हो सकती है.

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Last Updated : Nov 2, 2019, 7:32 PM IST
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