हैदराबाद : पांच अगस्त, 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे. इस फैसले के एक साल के बाद प्रदेश में क्या बदलाव हुए हैं, यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने फिल्म निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक पंडित से खास बातचीत की. बता दें अशोक पंडित भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्देशक एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं.
साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद को हमेशा कांग्रेस का समर्थन था. उन्होंने कांग्रेस पर कश्मीर के इस्लामीकरण का भी आरोप लगाया. 370 को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान के रवैये को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व हमेशा से ही आतंकवाद पर आधारित रहा है.
अशोक पंडित ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे नेता हैं जिन्हें पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि यह बहुत मजबूत लीडरशिप है. भारत को पता है, उसे जवाब कैसे देना है.
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के महत्व को रेखांकित करते हुए पंडित ने कहा कि प्रदेश में लोग अब बंदूकों की बजाय किताबें रख रहे हैं. लोगों को भविष्य को लेकर काफी उम्मीदे हैं. आने वाली पीढ़ी अंधेरे में नहीं जीने वाली.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में लगाए गए कर्फ्यू के साथ, अलगाववादियों और पाकिस्तान प्रायोजित समूहों ने पांच अगस्त को काला दिवस के रूप में मनाने की योजना बनाई है.
ऐसे में एक साल के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर अशोक पंडित ने कहा कि सुरक्षा संबंधी मुद्दों को सामान्य होने में समय लगेगा. वहां आतंकवाद ऐसे लोगों द्वारा समर्थित था, जो उसे कंट्रोल कर रहे थे, जो पाकिस्तान के साथ सपोर्ट में थे. लोगों की मनोदशा को बदलने में समय तो लगता है.