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त्रिपुरा : आदिवासी प्रतिनिधिमंडल की राज्य को CAA के दायरे से बाहर रखने की मांग

त्रिपुरा के आदिवसी प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री अमित शाह से त्रिपुरा को संशोधित नागरिकता कानून के बाहर रखने की बात कही है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से आईएनपीटी के महासचिव जगदीश देबबर्मा ने. उन्होनें कहा कि हमने गृहमंत्री के सामने त्रिपुरा को CAA के दायरे से बाहर रखने की मांग की है. जानें और क्या कुछ बोले देबबर्मा...

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जगदीश देबबर्मा
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Published : Jan 18, 2020, 12:28 PM IST

नई दिल्ली : इंडीजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ ट्विप्रा (आईएनपीटी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ संयुक्त आंदोलन (जेएमएसीएए) के नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दायरे से बाहर रखने की अपील की.

संयुक्त आईएनपीटी और जेएमएसीएए प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार शाम को गृह मंत्री शाह को उनके आवास पर त्रिपुरा के अविभाज्य लोगों की चिंता से अवगत कराया.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए जेएमएसीएए के प्रवक्ता और आईएनटीपी के महासचिव जगदीश देबबर्मा ने कहा कि इस अधिनियम से राज्य की संस्कृति और लोगों की पहचान के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

आईएनपीटी के महासचिव से बातचीत

पढ़ें- त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 30 हजार ब्रू शरणार्थी, 600 करोड़ रुपये का पैकेज : अमित शाह

देबबर्मा ने कहा कि अगर सरकार नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और यहां तक कि मेघालय को भी अधिनियम के दायरे से बाहर रख सकती है, तो त्रिपुरा क्यों नहीं.

देबबर्मा ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन विधेयक का तब से विरोध कर रहे थे, जब से यह 2016 में शुरू किया गया था. उन्होंने कहा कि आईएमपीटी कभी भी संशोधित नागरिकता अधिनियम का समर्थन नहीं करेगी.

बता दें कि दोनों पक्षों ने हाल ही में सीएए के विरोध में त्रिपुरा में सड़क और रेल यातायात रोक दिया था. वहीं इससे उलट, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सीएए का स्वागत किया है.

नई दिल्ली : इंडीजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ ट्विप्रा (आईएनपीटी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ संयुक्त आंदोलन (जेएमएसीएए) के नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दायरे से बाहर रखने की अपील की.

संयुक्त आईएनपीटी और जेएमएसीएए प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार शाम को गृह मंत्री शाह को उनके आवास पर त्रिपुरा के अविभाज्य लोगों की चिंता से अवगत कराया.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए जेएमएसीएए के प्रवक्ता और आईएनटीपी के महासचिव जगदीश देबबर्मा ने कहा कि इस अधिनियम से राज्य की संस्कृति और लोगों की पहचान के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

आईएनपीटी के महासचिव से बातचीत

पढ़ें- त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 30 हजार ब्रू शरणार्थी, 600 करोड़ रुपये का पैकेज : अमित शाह

देबबर्मा ने कहा कि अगर सरकार नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और यहां तक कि मेघालय को भी अधिनियम के दायरे से बाहर रख सकती है, तो त्रिपुरा क्यों नहीं.

देबबर्मा ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन विधेयक का तब से विरोध कर रहे थे, जब से यह 2016 में शुरू किया गया था. उन्होंने कहा कि आईएमपीटी कभी भी संशोधित नागरिकता अधिनियम का समर्थन नहीं करेगी.

बता दें कि दोनों पक्षों ने हाल ही में सीएए के विरोध में त्रिपुरा में सड़क और रेल यातायात रोक दिया था. वहीं इससे उलट, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सीएए का स्वागत किया है.

Intro:New Delhi: Leaders of Indigenous Nationalist Party of Twipra (INPT) and Joint Movement against Citizenship Amendment Act (JMACAA) on Friday appealed Home Minister Amit Shah to keep Tripura out of the ambit of Citizenship Amendment Act (CAA).


Body:The joint INPT and JMACAA delegation called on Home Minister Shah at his residence Friday evening and appraised him about the concern of the indeginious people of Tripura.

Talking to ETV Bharat, JMACAA spokesperson Jagadish Debbarma said that this Act has posed as a serious threat to the culture and identity of the people of the state.

"If Government can keep Nagaland, Arunachal Pradesh, Manipur, Mizoram and even Meghalaya out of the ambit of the Act, why not Tripura!" said Debbarma.

Debbarma is also the general secretary of INPT.


Conclusion:Debbarma said that they had been opposing the Citizenship Amendment Bill ever since it was initiated in 2016.

He said that INPT will never accept CAA.

It may be mentioned here that both the parties have already observed road and rail blockade in Tripura in the recent past opposing the CAA.

Interestingly, Tripura Chief Minister Biplab Kumar Deb has welcomed CAA.

end.

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