नई दिल्ली: निजी कंपनियों को ट्रेनों का संचालन सौंपने के विचार को अमली जामा पहनाने के लिए, भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को अंतिम रूप से 50 प्रमुख मार्गों का चयन किया, जिन पर प्राइवेट ट्रेनें चलाई जा सकती हैं.
एक उच्च स्तरीय बैठक में, सदस्य यातायात रेलवे बोर्ड की अध्यक्षता में, जोनल रेलवे को इन मार्गों की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए कहा गया है. इस बैठक में उत्तरी, मध्य, दक्षिण पूर्वी, उत्तर मध्य, दक्षिण मध्य और दक्षिणी रेलवे सहित छह प्रमुख रेलवे जोन के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक भी उपस्थित थे.
रेलवे के आधिकारि बयान के अनुसार, ' सरकार के परिवर्तनशील विचारों में से एक पैसेंजर ट्रेनों के निजी संचालन का पर प्रस्ताव था.
यह फैसला 100 दिनों के एक्शन प्लान के तहत आता है, जहां यह निर्णय लिया जा रहा था कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टरों को प्रमुख रेल मार्गों पर निजी कंपनियों को ट्रेनों के संचालन के लिए सौंप दिया जाएगा.
पढ़ें- केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगी सीपीएम
आधुनिक यात्री ट्रेनों को निजी कंपनियों द्वारा पेश किया जाएगा, और इन्हें पारदर्शी रिक्वेस्ट फॉर कोट (RFQ) और रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा. इन ट्रेनों को लागू शुल्क के भुगतान के बाद उन्हें आवंटित रास्तों पर संचालित किया जाएगा.
बयान में कहा गया कि प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के लिए 50 रुट निर्धारित किए गए हैं. जोनल रेलवे ढांचागत परियोजनाओं और क्षमता वृद्धि कार्यों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त और नई ट्रेनों को शुरू करने की व्यवहार्यता की भी जांच करेगा.
अतिरिक्त ट्रेनों की शुरुआत और संचालन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, लाइन क्षमता वृद्धि के साथ कोचिंग टर्मिनलों को विकसित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई