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जानें कितने भारतीय इस्तेमाल करते थे प्रतिबंधित चीनी एप - indian downloaders of chinese app

भारत चीन तनाव के बीच सरकार ने टिक-टॉक समेत 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया है. एप एनालिटिक्स फर्म सेंसर टॉवर के अनुसार भारत में टिक-टॉक को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. बता दें कि पूरे विश्व में इसे दो बिलियन बार डाउनलोड किया गया है.

59 Chinese app restrictions in India
भारत में 59 चीनी एप प्रतिबंध
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Published : Jul 1, 2020, 4:53 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 5:05 PM IST

हैदराबाद : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए टिक-टॉक समेत चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के इस फैसले से देश में सरकार की सराहना की जा रही है. यह 59 एप बहुत लोकप्रिय थे. टिक-टॉक, यूसी ब्राउजर, फाइल शेयरिंग एप्लिकेशन शेयर इट और कैम स्कैनर जैसे एप पर प्रतिबंध लगाया गया है.

कार्रवाई का कानूनी आधार : धारा 69 ए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत प्रतिबंध लागू किया गया है.

प्रतिबंध कैसे लागू किया जाएगा?
जैसे ही गूगल (एंड्रॉयड) और ऐप्पल को सरकारी आदेश की प्रतियां प्राप्त होगीं तो 59 प्रतिबंधित एप को गूगल प्ले स्टोर और आईओएस एप स्टोर से हटा दिया जाएगा.

सरकारी अधिकारियों ने पहले ही भारतीय इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) और टिलकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) को एप के साथ सभी डेटा ट्रैफिक को ब्लॉक करने के लिए कहा है. इसका मतलब यह है कि एक बार प्रक्रिया पूर्ण हो जाए फिर यह एप्स डिफॉल्ट रूप से कार्य नहीं करेंगे.

पढ़े : टीईएमए अध्यक्ष ने बताया, क्यों आवश्यक था चीनी एप्स पर प्रतिबंध

भारत में प्रमुख प्रतिबंधित एप के उपयोगकर्ता इस प्रकार हैं :

एप उपयोगकर्ता (मिलियन)
टिक टॉक 120
क्लब फैक्ट्री 100
कैम स्कैनर 100
यूसी ब्राउजर 130
एमआई कंम्यूनिटी 18
हैलो 4
शेयर इट 400

चीनी मीडिया (ग्लोबल टाइम्स) की प्रतिक्रिया
चीनी मीडिया ने इसको लेकर कहा कि चीनी कंपनियों के 59 एप पर भारत सरकार के प्रतिबंध से भारत को नुकसान होगा. क्योंकि भारत चीन के प्रौद्योगिकी और इंटरनेट स्टार्ट-अप के निवेश को खो देगा. चीनी निवेशकों ने भारत के हाई-टेक स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में निवेश किया था. इससे भारत की स्थिति में ही सुधार हुआ था.

भारत की फंड मैनेजमेंट कंपनी आयरन पिलर फंड के अनुसार 2019 के अंत तक चीन की कंपनी अलीबाबा और टेंसेंट ने भारत की 31 यूनिकॉर्न कंपनियों में से आधे से अधिक में निवेश किया था. पेटीएम, जोमौटो, ओला इन सभी में चीनी कंपनियां ने निवेश किया है.

बाइटडांस का टिकटॉक को 29 अप्रैल तक भारत में 600 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया गया है. मोबाइल एप मार्केट रिसर्च फर्म सेंसर टॉवर के अनुसार यह पूरे विश्व का 30 प्रतिशत है.

59 प्रतिबंधित एप में से वीबो भी है. जिसपर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अकाउंट है, जिसपर उनके 240,000 से अधिक फॉलोवर हैं

पढ़े :टिक-टॉक का विकल्प है भारतीय एप चिंगारी, 30 लाख लोगों ने किया डाउनलोड

चीनी एप्लिकेशन और पेरेंट कंपनी प्रतिबंधित
चीन की लगभग सभी बड़ी इंटरनेट कंपनियां भारत में कारोबार खो देंगी. इनमें टिक-टॉक बनाने वाली बाइटडांस, वीचैट बनाने वाली टेंसेंट, यूसी ब्राउजर बनाने वाली अलीबाबा आदि शामिल हैं.

एप निर्माता
टिक टॉक बाइट डांस
वीचैट टैंसेंट होल्डिंग्स
यूसी ब्राउजर अलीबाबा
बायडु बायडु
वीबो नैस्डैक-लिस्ड सिना (Nasdaq-listed Sina)
क्लब फैक्ट्री किमिंग वेंचर

दोनों देशों के बीच सीमा पर टकराव के बाद दर्जनों चीनी एप पर भारतीय प्रतिबंध है. एप एनालिटिक्स फर्म सेंसर टॉवर ने कहा कि 59 प्रतिबंधित एप को जनवरी 2014 से भारत में 4.9 बिलियन बार डाउनलोड किया गया है.

सेंसर टॉवर के अनुसार भाग में टिक-टॉक को 611 मिलियन बार डाउनलोड किया गया है. इस एप को कुल दो बिलियन बार डाउनलोड किया गया है.

हैदराबाद : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए टिक-टॉक समेत चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के इस फैसले से देश में सरकार की सराहना की जा रही है. यह 59 एप बहुत लोकप्रिय थे. टिक-टॉक, यूसी ब्राउजर, फाइल शेयरिंग एप्लिकेशन शेयर इट और कैम स्कैनर जैसे एप पर प्रतिबंध लगाया गया है.

कार्रवाई का कानूनी आधार : धारा 69 ए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत प्रतिबंध लागू किया गया है.

प्रतिबंध कैसे लागू किया जाएगा?
जैसे ही गूगल (एंड्रॉयड) और ऐप्पल को सरकारी आदेश की प्रतियां प्राप्त होगीं तो 59 प्रतिबंधित एप को गूगल प्ले स्टोर और आईओएस एप स्टोर से हटा दिया जाएगा.

सरकारी अधिकारियों ने पहले ही भारतीय इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) और टिलकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) को एप के साथ सभी डेटा ट्रैफिक को ब्लॉक करने के लिए कहा है. इसका मतलब यह है कि एक बार प्रक्रिया पूर्ण हो जाए फिर यह एप्स डिफॉल्ट रूप से कार्य नहीं करेंगे.

पढ़े : टीईएमए अध्यक्ष ने बताया, क्यों आवश्यक था चीनी एप्स पर प्रतिबंध

भारत में प्रमुख प्रतिबंधित एप के उपयोगकर्ता इस प्रकार हैं :

एप उपयोगकर्ता (मिलियन)
टिक टॉक 120
क्लब फैक्ट्री 100
कैम स्कैनर 100
यूसी ब्राउजर 130
एमआई कंम्यूनिटी 18
हैलो 4
शेयर इट 400

चीनी मीडिया (ग्लोबल टाइम्स) की प्रतिक्रिया
चीनी मीडिया ने इसको लेकर कहा कि चीनी कंपनियों के 59 एप पर भारत सरकार के प्रतिबंध से भारत को नुकसान होगा. क्योंकि भारत चीन के प्रौद्योगिकी और इंटरनेट स्टार्ट-अप के निवेश को खो देगा. चीनी निवेशकों ने भारत के हाई-टेक स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में निवेश किया था. इससे भारत की स्थिति में ही सुधार हुआ था.

भारत की फंड मैनेजमेंट कंपनी आयरन पिलर फंड के अनुसार 2019 के अंत तक चीन की कंपनी अलीबाबा और टेंसेंट ने भारत की 31 यूनिकॉर्न कंपनियों में से आधे से अधिक में निवेश किया था. पेटीएम, जोमौटो, ओला इन सभी में चीनी कंपनियां ने निवेश किया है.

बाइटडांस का टिकटॉक को 29 अप्रैल तक भारत में 600 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया गया है. मोबाइल एप मार्केट रिसर्च फर्म सेंसर टॉवर के अनुसार यह पूरे विश्व का 30 प्रतिशत है.

59 प्रतिबंधित एप में से वीबो भी है. जिसपर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अकाउंट है, जिसपर उनके 240,000 से अधिक फॉलोवर हैं

पढ़े :टिक-टॉक का विकल्प है भारतीय एप चिंगारी, 30 लाख लोगों ने किया डाउनलोड

चीनी एप्लिकेशन और पेरेंट कंपनी प्रतिबंधित
चीन की लगभग सभी बड़ी इंटरनेट कंपनियां भारत में कारोबार खो देंगी. इनमें टिक-टॉक बनाने वाली बाइटडांस, वीचैट बनाने वाली टेंसेंट, यूसी ब्राउजर बनाने वाली अलीबाबा आदि शामिल हैं.

एप निर्माता
टिक टॉक बाइट डांस
वीचैट टैंसेंट होल्डिंग्स
यूसी ब्राउजर अलीबाबा
बायडु बायडु
वीबो नैस्डैक-लिस्ड सिना (Nasdaq-listed Sina)
क्लब फैक्ट्री किमिंग वेंचर

दोनों देशों के बीच सीमा पर टकराव के बाद दर्जनों चीनी एप पर भारतीय प्रतिबंध है. एप एनालिटिक्स फर्म सेंसर टॉवर ने कहा कि 59 प्रतिबंधित एप को जनवरी 2014 से भारत में 4.9 बिलियन बार डाउनलोड किया गया है.

सेंसर टॉवर के अनुसार भाग में टिक-टॉक को 611 मिलियन बार डाउनलोड किया गया है. इस एप को कुल दो बिलियन बार डाउनलोड किया गया है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 5:05 PM IST
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