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पीएम मोदी की चीनी गतिविधियों पर पैनी नजर, सेना दे रही है पल-पल की जानकारी - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सेना के अधिकारियों से चीन से जारी गतिरोध पर चर्चा की. चर्चा के दौरान पीएम मोदी को गालवान नाला के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के नजदीक बढ़ी चीन की गतिविधि के बारे में अवगत कराया गया.

पीएम मोदी
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Published : Jun 10, 2020, 3:30 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख सीमा मामले में लगातार नजर बनाए हुए हैं. उन्हें चीनी सेना की हर हरकत की खबर है. दरअसल, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 4 मई को अपने सैनिकों को अपने क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भेजना शुरू कर दिया था. जिसके बाद पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सेना के अधिकारियों से इस मुद्दे पर बातचीत की.

चर्चा के दौरान पीएम मोदी को गालवान नाला के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के नजदीक बढ़ी चीन की गतिविधि के बारे में अवगत कराया गया.

सूत्रों के अनुसार, सेना 14 कॉर्प्स हेडक्वार्टर के माध्यम पहले दिन से ही चीनी सैना की गतिविधियों पर नजर रख रही है. इसके अलावा सेना ने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सेना की तैयारियों में कमी है, जिस कारण चीन ने लद्दाख में एलएसी के पास निर्माण करने के मौका मिल गया.

सूत्रों के मुताबिक अगर सीमा पर सैनिकों को तैनात नहीं किया गया होता, तो चीनी दूसरे क्षेत्रों में जाने में प्रवेश कर सकते थे.

पढ़ें - चीन का पीछे हटना सिर्फ इरादे का प्रदर्शन, विवाद का ठोस समाधान नहीं

बता दें कि हाल ही में दोनों देश के बीच हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय वार्ता के बाद दोनों सेनाएं पीछे हट गई हैं. अब दोनों देशों के मेजर जनरल-रैंक के अधिकारियों की बैठक 10 जून को भी आयोजित होने की उम्मीद है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख सीमा मामले में लगातार नजर बनाए हुए हैं. उन्हें चीनी सेना की हर हरकत की खबर है. दरअसल, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 4 मई को अपने सैनिकों को अपने क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भेजना शुरू कर दिया था. जिसके बाद पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सेना के अधिकारियों से इस मुद्दे पर बातचीत की.

चर्चा के दौरान पीएम मोदी को गालवान नाला के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के नजदीक बढ़ी चीन की गतिविधि के बारे में अवगत कराया गया.

सूत्रों के अनुसार, सेना 14 कॉर्प्स हेडक्वार्टर के माध्यम पहले दिन से ही चीनी सैना की गतिविधियों पर नजर रख रही है. इसके अलावा सेना ने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सेना की तैयारियों में कमी है, जिस कारण चीन ने लद्दाख में एलएसी के पास निर्माण करने के मौका मिल गया.

सूत्रों के मुताबिक अगर सीमा पर सैनिकों को तैनात नहीं किया गया होता, तो चीनी दूसरे क्षेत्रों में जाने में प्रवेश कर सकते थे.

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बता दें कि हाल ही में दोनों देश के बीच हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय वार्ता के बाद दोनों सेनाएं पीछे हट गई हैं. अब दोनों देशों के मेजर जनरल-रैंक के अधिकारियों की बैठक 10 जून को भी आयोजित होने की उम्मीद है.

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