नई दिल्ली : कोविड-19 के कुल 1,38,845 मामलों के साथ, भारत अब दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल हो चुका है, जहां ऐसे मामलों की संख्या सबसे अधिक है.
वर्तमान में जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय (Johns Hopkins University) के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के आंकड़ों के अनुसार, भारत तुर्की (1,56,827) से पीछे है.
यूएस आधारित सीएसएसई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 मामलों के शीर्ष तीन राष्ट्रों में यह देश शामिल हैं :-
- अमेरिका (1,643,499)
- ब्राजील (363,211)
- रूस (353,427)
भारत में पिछले 24 घंटों में 154 ताजा मौतों के साथ 6,500 से अधिक मामलों की वृद्धि देखी गई है. इसके बाद यह आंकड़ा 4021 तक जा पहुंचा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में भारत में 77,103 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं.
अब तक कुल 57,720 लोग ठीक हो चुके हैं. पिछले 24 घंटों में 3,280 रोगियों को ठीक किया गया, जिसके बाद रिकवरी रेट 41.57 प्रतिशत बताया जा रहा है.
केंद्र सरकार कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ मिलकर कई अहम कदम उठा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 के प्रति 100 परीक्षणों दर बढ़कर पांच प्रतिशत हो गई है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली जैसे राज्यों में बढ़ते मामले अभी भी चिंता का विषय हैं.
इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि भारत ने अपनी कोरोना परीक्षण क्षमता में तेजी से वृद्धि की है और उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए ट्रैक पर है.
आईसीएमआर ने कहा कि भारत ने एक बुद्धिमान परीक्षण रणनीति विकसित की है. भारत वर्तमान में प्रति दिन 1.1 लाख से अधिक कोरोना परीक्षण कर रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की खरीद एजेंसी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं से व्यक्तिगत सुरक्षा परिधान (पीपीई) की खरीद कर रही है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित परीक्षण में उनके उत्पादों के योग्य होने के बाद ही उनकी खरीद की जाती है.
मंत्रालय ने कहा कि एचएलएल आपूर्ति के यादृच्छिक नमूने भी ले रहा है, जिसके लिए परीक्षण प्रोटोकॉल तैयार किया गया है. किसी भी विफलता के मामले में कंपनी को किसी भी आपूर्ति के लिए अयोग्य घोषित किया जा रहा है.
मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा जिन निर्माताओं ने अपने उत्पाद को स्लैब से योग्य पाया है, उन्हें भी सरकार के ई- मार्केटप्लेस पर रखा जा रहा है.
गौरतलब है कि पीपीई की घरेलू उत्पादन क्षमता, एन-95 मास्क और राज्यों की आवश्यकता को पर्याप्त रूप से पूरा किया जा रहा है. देश प्रतिदिन तीन लाख से अधिक पीपीई और एन-95 मास्क का उत्पादन कर रहा है.
मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्रीय संस्थाओं को 111.08 लाख एन-95 मास्क और लगभग 74.48 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान किए गए हैं.