नई दिल्लीः भारत ने अमेरिका से 30 संरक्षक ड्रोन खरीदने का फैसला किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत की समुद्री ताकत में इजाफा होगा. विशेषज्ञों ने कहा कि ये ड्रोन युद्ध परीक्षण और बेहतरीन प्रौद्योगिकी में से एक हैं.
आपको बता दें. भारत जो ड्रोन खरीद रहा है उसकी खासियत है कि इन्हें दूर से कंट्रोल किया जा सकेगा. इसके अलावा इसकी मदद से समुद्र के साथ जमीन पर भी टारगेट को खत्म किया जा सकेगा.
इस संबंध में ईटीवी भारत ने रक्षा और रणनीतिक विशेषज्ञ मेजर जनरल पी के सहगल (सेवानिवृत्त) से बातचीत की है. उन्होंने बताया कि यह ड्रोन अपनी किस्म का बेहतरीन सिस्टम है जो आज दुनिया में उपलब्ध है. अफगानिस्तान, सोमालिया आदि देशों ने अलग-अलग युद्धों में इसे आजमाया है और यह बहुत प्रभावी साबित हुए हैं.
पूर्व मेजर जनरल ने आगे बताया कि यह बेहद ही महत्वपूर्ण निगरानी करने वाला ड्रोन है. यह पहले लंबी दूरी तक निरीक्षण करता है और सुरक्षित तरीके से टारगेट पर वार करता है.
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आपको बता दें, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हासिल किए जाने वाले 30 ड्रोनों में से तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन दिए जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि ये ड्रोन भारत की समुद्री ताकत में इजाफा करने में काफी सहयोगी होंगे. इसमें एडवांस लेवल का जीपीएस इस्तेमाल होगा जो दुश्मन को बचकर निकलने नहीं देगा. नौसेना की बात करें तो इंडो-पेसिफिक और खासतौर पर मलक्का के राज्यों पर नजर रखने के लिए नौसेना की शक्ति को बढ़ाएगा. उन्होंने बताया कि इनका उपयोग चीनी नौसेना द्वारा हिंद महासागर की सतह पर बड़े पैमाने पर किया जाता है.