नई दिल्ली: अरब सागर में उठ रहा चक्रवाती तूफाव वायु का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है. इसके प्रभाव से बचने के लिए 10 चीनी जहाजों को भारत से मदद लेनी पड़ी है. इन्हें महाराष्ट्र के रत्नागिरी बंदरगाह में शरण मिली है. इस बात की जानकारी भारतीय तटरक्षक महानिरीक्षक केआर सुरेश ने दी है.
उन्होंने बताया कि भारतीय तटरक्षक बल ने उन्हें सुरक्षा घेरा के तहत वहां रहने की इजाजत दी है. वायु तूफान का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. इसके चलते विमानों के संचालन में भी बाधा पैदा हो रही है.
भारतीय वायुसेना के एक विमान ने नई दिल्ली से विजयवाड़ा के लिए उड़ान भरी थी. यह विमान एनडीआरएफ के 160 कर्मियों को लेने जा रहा था. इनका वहां जाने का मकसद तूफान में फंसे लोगों की मदद करना था.
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मौसम विभाग ने सूचना जारी करते हुए बताया कि अरब सागर में लो ग्रेविटेशन जोन बन गया है. ऐसे में वायु चक्रवात 13 जून तक गुजरात पहुंच सकता है. अगले 24 घंटे में इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा. गुजरात के वरावल पहुंचते समय इसकी गति 110 से 135 किलोमीटर हो सकती है.
इसके चलते तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को आगाह कर दिया गया है. मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है.