ETV Bharat / bharat

तनाव घटाने को अगले दौर की वार्ता पर बात कर रहे भारत-चीन : विदेश मंत्रालय

author img

By

Published : Oct 1, 2020, 7:43 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 11:08 PM IST

लद्दाख में सीमा गतिरोध पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत, चीन सैनिकों को शीघ्र हटाने को लेकर कदम उठाने के लिए अगले दौर की सैन्य वार्ता के कार्यक्रम को तय करने में जुटे हुए हैं.

विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली : भारतीय और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों को शीघ्र और पूर्ण रूप से पीछे हटाने को लेकर कदम उठाने के लिए सातवें दौर की अपनी वार्ता का कार्यक्रम तय करने पर काम कर रही है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह कहा.

मंत्रालय ने कहा कि यह प्रक्रिया मौजूदा द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के तहत की जाएगी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता होने के एक दिन बाद आई है, जो पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से जारी गतिरोध को दूर करने के लिये सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचे के तहत हुई थी.

दोनों पक्षों ने गतिरोध दूर करने के लिये सिलसिलेवार कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता की है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी.

अनुराग श्रीवास्तव का बयान.

छठे दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता 21 सितबर को हुई थी. इसके बाद उन्होंने कई फैसलों की घोषणा की थी. इनमें अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिकों को नहीं भेजना , जमीन पर स्थिति को एकरतफा तरीके से बदलने से दूर रहना तथा मुद्दों को और अधिक जटिल बना देने वाली गतिविधियां करने से बचना शामिल है.

सैन्य वार्ता, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से अलग हुई एक बैठक में बनी पांच सूत्री सहमति के क्रियान्वयन का खाका तैयार करने के खास एजेंडे के साथ हुई.

श्रीवास्तव ने कहा, 'कमांडरों की पिछली बैठक में बनी सहमति के मुताबिक दोनों पक्ष अब सातवें दौर की बैठक का कार्यक्रम तय करने पर काम कर रहे हैं, ताकि दोनों पक्ष मौजूदा द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के मुताबिक एलएसी से सैनिकों को शीघ्र एवं पूर्ण रूप से पीछे हटाने की दिशा में काम कर सकें.'

उन्होंने कहा कि बुधवार की कूटनीतिक वार्ता में दोनों पक्षों ने यह विचार प्रकट किया कि वरिष्ठ कमांडरों की पिछली बैठक में तय किये गये कदमों को क्रियान्वित करना आवश्यक है, ताकि गलतफहमी से बचा जा सके और जमीन पर शांति एवं स्थिरता कायम रहे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों ने एलएसी पर स्थिति की समीक्षा की और इस पर विस्तृत चर्चा भी की. इसके अलावा 21 सितंबर को हुई छठे दौर की सैन्य वार्ता के नतीजों की समीक्षा की गई.

श्रीवास्तव ने कहा, 'जैसा कि मैंने पिछले हफ्ते जिक्र किया था कि बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई और दोनों पक्ष जमीन पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये कुछ कदम डठाने पर सहमत हुए क्योंकि वे टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने पर काम कर रहे हैं. '

यह भी पढ़ें- ओडिशा : बेटे ने किया मां को जान से मारने का प्रयास, पुलिस ने बचाया

जयशंकर-वांग की मास्को बैठक में जो पांच सूत्री सहमति बनी थी, उसमें सैनिकों को शीघ्रता से हटाना, तनाव भड़काने वाली गतिविधियां करने से बचना, सीमा प्रबंधन पर सभी समझौतों एवं प्रोटोकॉल का पालन करना तथा एलएसी पर शांति बहाल करने के लिये कदम उठाना शामिल है.

इसबीच, जयशंकर ने चीन की स्थापना की 71वीं सालगिरह पर बृहस्पतिवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी, वहां की सरकार एवं लोगों को बधाई दी.

जयशंकर ने ट्वीट किया, 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 71वीं सालगिरह पर विदेश मंत्री वांग यी, सरकार तथा पीआरसी के लोगों को बधाई.'

बीस वर्षों तक चले गृह युद्ध में कम्युनिस्ट ताकतों की जीत के बाद चेयरमैन माओत्सेतुंग ने एक अक्टूबर 1949 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के गठन की घोषणा की थी.

नई दिल्ली : भारतीय और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों को शीघ्र और पूर्ण रूप से पीछे हटाने को लेकर कदम उठाने के लिए सातवें दौर की अपनी वार्ता का कार्यक्रम तय करने पर काम कर रही है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह कहा.

मंत्रालय ने कहा कि यह प्रक्रिया मौजूदा द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के तहत की जाएगी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता होने के एक दिन बाद आई है, जो पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से जारी गतिरोध को दूर करने के लिये सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचे के तहत हुई थी.

दोनों पक्षों ने गतिरोध दूर करने के लिये सिलसिलेवार कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता की है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी.

अनुराग श्रीवास्तव का बयान.

छठे दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता 21 सितबर को हुई थी. इसके बाद उन्होंने कई फैसलों की घोषणा की थी. इनमें अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिकों को नहीं भेजना , जमीन पर स्थिति को एकरतफा तरीके से बदलने से दूर रहना तथा मुद्दों को और अधिक जटिल बना देने वाली गतिविधियां करने से बचना शामिल है.

सैन्य वार्ता, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से अलग हुई एक बैठक में बनी पांच सूत्री सहमति के क्रियान्वयन का खाका तैयार करने के खास एजेंडे के साथ हुई.

श्रीवास्तव ने कहा, 'कमांडरों की पिछली बैठक में बनी सहमति के मुताबिक दोनों पक्ष अब सातवें दौर की बैठक का कार्यक्रम तय करने पर काम कर रहे हैं, ताकि दोनों पक्ष मौजूदा द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के मुताबिक एलएसी से सैनिकों को शीघ्र एवं पूर्ण रूप से पीछे हटाने की दिशा में काम कर सकें.'

उन्होंने कहा कि बुधवार की कूटनीतिक वार्ता में दोनों पक्षों ने यह विचार प्रकट किया कि वरिष्ठ कमांडरों की पिछली बैठक में तय किये गये कदमों को क्रियान्वित करना आवश्यक है, ताकि गलतफहमी से बचा जा सके और जमीन पर शांति एवं स्थिरता कायम रहे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों ने एलएसी पर स्थिति की समीक्षा की और इस पर विस्तृत चर्चा भी की. इसके अलावा 21 सितंबर को हुई छठे दौर की सैन्य वार्ता के नतीजों की समीक्षा की गई.

श्रीवास्तव ने कहा, 'जैसा कि मैंने पिछले हफ्ते जिक्र किया था कि बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई और दोनों पक्ष जमीन पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये कुछ कदम डठाने पर सहमत हुए क्योंकि वे टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने पर काम कर रहे हैं. '

यह भी पढ़ें- ओडिशा : बेटे ने किया मां को जान से मारने का प्रयास, पुलिस ने बचाया

जयशंकर-वांग की मास्को बैठक में जो पांच सूत्री सहमति बनी थी, उसमें सैनिकों को शीघ्रता से हटाना, तनाव भड़काने वाली गतिविधियां करने से बचना, सीमा प्रबंधन पर सभी समझौतों एवं प्रोटोकॉल का पालन करना तथा एलएसी पर शांति बहाल करने के लिये कदम उठाना शामिल है.

इसबीच, जयशंकर ने चीन की स्थापना की 71वीं सालगिरह पर बृहस्पतिवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी, वहां की सरकार एवं लोगों को बधाई दी.

जयशंकर ने ट्वीट किया, 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 71वीं सालगिरह पर विदेश मंत्री वांग यी, सरकार तथा पीआरसी के लोगों को बधाई.'

बीस वर्षों तक चले गृह युद्ध में कम्युनिस्ट ताकतों की जीत के बाद चेयरमैन माओत्सेतुंग ने एक अक्टूबर 1949 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के गठन की घोषणा की थी.

Last Updated : Oct 1, 2020, 11:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.