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देश की संवैधानिक व्यवस्था में राज्यपाल और उप राज्यपाल की महत्वपूर्ण भूमिका : कोविंद - important role of governor

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश की संवैधानिक व्यवस्था में राज्यपाल और उप राज्यपाल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. जानें क्या कुछ कहा कोविंद ने...

कोविंद
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Published : Nov 23, 2019, 10:22 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 10:37 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि देश की संवैधानिक व्यवस्था में राज्यपाल और उप राज्यपाल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. खास तौर पर जब, सहकारी एवं प्रतिस्पर्धी संघवाद की बात हो.

राष्ट्रपति कोविंद ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों एवं उप राज्यपालों के 50वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल उनको प्रदत्त संवैधानिक अधिकार का उपयोग करके उपयुक्त मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं.

कोविंद ने इस बात पर बल दिया कि राज्यपाल की भूमिका केवल संविधान की रक्षा और संरक्षण तक सीमित नहीं है. उनकी अपने राज्य के लोगों की सेवा और कल्याण के लिए निरंतर काम करने की संवैधानिक प्रतिबद्धता भी है.

उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के संदर्भ में कहा, 'आदिवासियों का विकास एवं सशक्तिकरण समावेशी विकास के साथ-साथ हमारी आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है.'

राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारी नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को 'ज्ञान महाशक्ति' बनाना है.''

कोविंद ने कहा, 'इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए हमारे सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास करना चाहिए.

जामिया का 99वां दीक्षांत समारोह संपन्न, मुख्य अतिथि रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

उन्होंने कहा कि कुलपति के रूप में राज्‍यपाल संरक्षक की जिम्मेदारी भी निभाते हैं. इसलिए उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे भावी पीढ़ियों को कौशल एवं ज्ञान की प्राप्ति के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करें

सम्मेलन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे.

इस दो दिवसीय सम्मेलन में पांच मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा की जाएगी. इन मुद्दों में जनजातीय मुद्दों, कृषि में सुधार, जल जीवन मिशन, उच्च शिक्षा के लिए नई शिक्षा नीति और ईज ऑफ लिविंग शामिल हैं.

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि देश की संवैधानिक व्यवस्था में राज्यपाल और उप राज्यपाल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. खास तौर पर जब, सहकारी एवं प्रतिस्पर्धी संघवाद की बात हो.

राष्ट्रपति कोविंद ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों एवं उप राज्यपालों के 50वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल उनको प्रदत्त संवैधानिक अधिकार का उपयोग करके उपयुक्त मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं.

कोविंद ने इस बात पर बल दिया कि राज्यपाल की भूमिका केवल संविधान की रक्षा और संरक्षण तक सीमित नहीं है. उनकी अपने राज्य के लोगों की सेवा और कल्याण के लिए निरंतर काम करने की संवैधानिक प्रतिबद्धता भी है.

उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के संदर्भ में कहा, 'आदिवासियों का विकास एवं सशक्तिकरण समावेशी विकास के साथ-साथ हमारी आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है.'

राष्ट्रपति ने कहा, ''हमारी नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को 'ज्ञान महाशक्ति' बनाना है.''

कोविंद ने कहा, 'इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए हमारे सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास करना चाहिए.

जामिया का 99वां दीक्षांत समारोह संपन्न, मुख्य अतिथि रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

उन्होंने कहा कि कुलपति के रूप में राज्‍यपाल संरक्षक की जिम्मेदारी भी निभाते हैं. इसलिए उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे भावी पीढ़ियों को कौशल एवं ज्ञान की प्राप्ति के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करें

सम्मेलन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे.

इस दो दिवसीय सम्मेलन में पांच मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा की जाएगी. इन मुद्दों में जनजातीय मुद्दों, कृषि में सुधार, जल जीवन मिशन, उच्च शिक्षा के लिए नई शिक्षा नीति और ईज ऑफ लिविंग शामिल हैं.

Intro:New Delhi: President Ram Nath Kovind on Saturday said that the role of Governors and Lt Governors has become very important when country's emphasise is on cooperative and competitive federalism for progress of the nation.


Body:Addressing the two-day-long conference of Governors and Lt Governors here at Rastrapati Bhawan, Kovind said that Governors can give all proper guidance by using the constitutional powers given to them.

He emphasised that the role of the Governor is not limited to the protection and preservation of the constitution. "They also have a constitutional commitment to remain persistent in the service and welfare of the people of their states," he said.

The two-day-long conference has been widely discussiin on five major issues including tribal issues, reforms in agriculture, Jal Jeevan Mission, New education policy for higher education and governance for ease of living.

In an emphatic reference to welfare of tribals, Kovind said that development and empowerment of tribals is linked to inclusive growth as well as to country's internal security.

" Preparation of this conference has been done in accordance with the new work culture of New India so as to make the conference more useful and goal oriented," he said.



Conclusion:The President said that the goal of India's New education policy is to make the country a 'knowledge super power.'

"In order to materialize this ambition, all our institutions of higher education should make every effort to promote research and innovation," said President Kovind adding "Governors as Chancellor, also perform the responsibility of guardianship. Therefore, They are expected to give proper guidance to the future generations in their efforts to acquire skills and knowledge."

Vice President Venkiah Naidu, Prime Minister Narendra Modi, Home Minister Amit Shah among other dignitaries were also present in the conference.

Significantly, while inaugurating the 50th conference of Governors and Lt Governors of states and union territories, Preaident Kovind made a special mention about Lt Governor of Ladakh and Jammu & Kashmir-RK Mathur and GC Murmu respectively.

It was the first representation at the conference from the two newly carved out union territories, which came into existence on October 31.

end.
Last Updated : Nov 23, 2019, 10:37 PM IST
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