रियासी: जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और धार्मिक उद्देश्य से यात्रा करने वालों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी खबर है. श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन से श्रीनगर रेलवे स्टेशन के बीच शनिवार को वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल रन पहली बार किया गया. इस ट्रेन का उद्घाटन अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की उम्मीद है.
लग्जरी और स्पीड के लिए मशहूर वंदे भारत ट्रेन को कटरा रेलवे स्टेशन से शनिवार सुबह 8 बजे रवाना किया गया और यह 11 बजे श्रीनगर रेलवे स्टेशन पहुंची. ट्रेन महज तीन घंटे में 150 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की. यह ट्रेन अंजी खड्ड ब्रिज से होकर गुजरेगी. ये भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल है. साथ ही चेनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है.
मौसम के अनुकूल है ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन को कश्मीर घाटी की ठंडी जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. सर्दी के मौसम में ये ट्रेन आसानी से फर्राटा भरेगी. इसे ऑल वेदर के अनुकूल बनाया गया है. इस ट्रेन में माइनस तापमान के दौरान ठंड से बचने के लिए हीटिंग पैड सहित कई खास सुविधाएं हैं. इसके अलावा, ट्रेन के विंडशील्ड में एंटी-फ्रॉस्ट तकनीक है, जो विशेष रूप से बर्फीली सर्दियों के लिए बनाई गई है.
#WATCH | Jammu and Kashmir: Visuals of Vande Bharat train crossing the world's highest railway bridge Chenab Rail Bridge
— ANI (@ANI) January 25, 2025
Indian Railways today started the trial run of the first Vande Bharat train from Shri Mata Vaishno Devi Railway Station Katra to Srinagar. The train will also… pic.twitter.com/6IgVfxCgYk
कई देशों ने वंदे भारत ट्रेनों के आयात में रुचि दिखाई है
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 24 जनवरी को कहा कि कई देशों ने भारत से सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के आयात में रुचि दिखाई है. वंदे भारत एक्सप्रेस 'मेक इन इंडिया' की बड़ी सफलता है. भारतीय रेलवे ने भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की और इसे 'मेक इन इंडिया' की सफलता की कहानी माना जाता है.
पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाई गई थी. वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वंदे भारत ट्रेनों में यात्रा करने के लिए लगभग 31.84 लाख बुकिंग हुई थी. इस अवधि के दौरान वंदे भारत ट्रेनों की कुल ऑक्यूपेंसी 96.62 प्रतिशत रही है.
हाई सिक्योरिटी और फैसिलिटी से लैस है ये ट्रेन
ये ट्रेन बेहतरीन सुविधाओं और उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस हैं. इसमें कवच सिस्टम, दिव्यांगजनों के लिए सुलभ शौचालय और इसके अनुकूल ब्रेल साइनेज लगाए गए हैं. वैष्णव ने कहा, 'इन चार ट्रेनों के संयोजन से हमारे देश में यात्रियों को अच्छी गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी.' मंत्री ने कहा कि वंदे भारत स्लीपर का परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में वास्तविक उत्पादन से पहले डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है.
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है
272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक से कनेक्टिविटी बेहतर होगी. कश्मीर को पहली बार ट्रेन से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है. 41,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित यह रेल दुनिया के कुछ सबसे दुर्गम इलाकों से होकर गुजरती है. इसमें चेनाब ब्रिज भी शामिल है. ये एक आश्चर्यजनक स्टील स्ट्रक्चर है जो नदी से 1178 फीट ऊंची है. बताया जा रहा है कि ये पुल एफिल टॉवर से भी ऊंची है.
इसके अलावा यह पहाड़ों में खोदी गई 100 किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंगों से होकर गुजरती है. भारतीय रेलवे के श्रीनगर के मुख्य क्षेत्र प्रबंधक साकिब यूसुफ ने ईटीवी भारत को बताया कि इस ट्रायल से ट्रेन हुआ. उन्होंने कहा कि वंदे भारत रेक को विशेष रूप से कश्मीर के शून्य से नीचे के मौसम की स्थिति के लिए डिजाइन किया गया है.
भारत ट्रेनें गति के लिए जानी जाती हैं, लेकिन यह 160 किमी प्रति घंटा की गति से संचालित नहीं हो सकती क्योंकि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने गति प्रतिबंध 85 किमी प्रति घंटे निर्धारित किया है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिचालन शुरू होने के बाद ट्रैक स्थिर होने पर गति में धीरे-धीरे वृद्धि होती है.