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आईसीएमआर ने कोविड-19 का परीक्षण करने वाले प्रयोगशालाओं के लिए जारी किया निर्देश

देश में लगातर कोरोना वायरस के केस सामने आ रहे हैं. भारत सरकार के अलावा कुछ अन्य संस्थाओं द्वारा कोविड-19 की जांच की जा रही है. आईसीएमआर ने इन प्रयोगशालाओं के लिए निर्देश जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर....

बलराम भार्गव
बलराम भार्गव
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Published : Apr 6, 2020, 9:25 PM IST

हैदराबाद : देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. सरकार कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए देशभर में कई प्रयोगशालाओं को संचालित कर रही है. इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचएमआर) ने कई निजी प्रयोगशालाओं को भी कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए अनुमति प्रदान की है.

आईसीएमआर ने कहा कि आईसीएमआर के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के अंतर्गत कार्यरत सरकारी लैबों को परीक्षण शुरू करने में कोई आपत्ति नहीं है.

बता दें कि आईसीएमआर इन शोध संस्थानों को परीक्षण करने के लिए मंजूरी नहीं देगा. यह जिन संगठनों के अंतर्गत काम करती है, इन्हें उन्हीं से अनुमति मिल जाएगी.

भारत सरकार के सचिव संबंधित विभागों से उपयुक्त परीक्षण के शुरू करने के लिए अनुमोदन मांग सकते हैं. क्योंकि इन प्रयोगशालाओं की जिम्मेदारी संबंधित विभागों के पास होगी, न कि आईसीएमआर के पास.

आईसीएमआर ने परीक्षण शुरू करने से पहले इन संस्थाओं को सुरक्षात्मक उपायों के लिए सलाह दी.

जांच केंद्रों के लिए आईसीएमआर का निर्देश

  • आईसीएमआर ने कहा कि कोविड-19 उच्च संक्रमकता वाला रोग है. इसलिए इसकी जांच करते समय प्रशिक्षित कर्मचारियों को ही नमूने जांच के लिए दिए जाए.
  • विषाणुजनित (वायरोलॉजिकल) निदान (डायग्नोस्टिक) के लिए एक आणविक जीव विज्ञान व्यवस्था सहित जैव सुरक्षा स्तर-2 (BSL-2) की सुविधा लैब में उपलब्धता होनी चाहिए.
  • प्रयोगशालाओं में कामकाज के लिए कलिब्राटेड बायोसेफ्टी कैबिनेट (calibrated Biosafety cabinet) 2 A / 2B की उपलब्धता होनी चाहिए.
  • आरएनए निष्कर्षण के लिए कोल्ड सेंट्रीफ्यूज / माइक्रोफ्यूज होना चाहिए.
  • प्रयोगशालाओं में कामकाज के लिए रियल टाइम पीसीआर मशीन होना आवश्यक है.
  • प्रयोगशालाओं में जैव सुरक्षा और जैव विविधता की अच्छी समझ वाले कर्मचारी होने चाहिए.
  • वायरल निदान, आरएनए निष्कर्षण और रियल-टाइम पीसीआर और श्वसन सैंपल को को संभालने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी होने चाहिए.
  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन पर एक मजबूत संस्थागत नीति होना आवश्यक है.
  • जांच किए गए पदार्थों और अपशिष्ट पदार्थों के लिए परिभाषित जगह का प्रयोग करना आवश्यक है.

अतिरिक्त सलाह इस प्रकार है-

  • आइसीएमआर इन प्रयोगशालाओं को नैदानिक ​​किट / अभिकर्मक प्रदान नहीं करेगा. वाणिज्यिक किट के उपयोग की सलाह आईसीएमआर के वेबसाइट www.icmr.nic.in पर प्राप्त की जा सकती है.
  • प्रयोगशालाओं में परीक्षण केवल तभी किया जाना चाहिए जब नमूना राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों या राज्य आईडीएसपी द्वारा भेजा गया हो.
  • परीक्षण के लिए दिए गए दिशानिर्देश (www.icmr.nic.in पर उपलब्ध) का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. चूंकि मार्गदर्शन समय-समय पर परिवर्तित किया जाएगा, नवीनतम संशोधित निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.
  • जांच शुरू करने से पहले लैब राज्य सरकार और संबंधित आधिकारी को सूचना दें. इसके अतिरिक्त आईसीएमआर के ऑनलाइन पोर्टल पर एक रिपोर्ट भी अपलोड की जानी चाहिए.
  • कोविड -19 का परीक्षण शुरू करने वाली प्रत्येक प्रयोगशाला को अनिवार्य रूप से आईसीएमआर पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक है.

हैदराबाद : देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. सरकार कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए देशभर में कई प्रयोगशालाओं को संचालित कर रही है. इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचएमआर) ने कई निजी प्रयोगशालाओं को भी कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए अनुमति प्रदान की है.

आईसीएमआर ने कहा कि आईसीएमआर के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के अंतर्गत कार्यरत सरकारी लैबों को परीक्षण शुरू करने में कोई आपत्ति नहीं है.

बता दें कि आईसीएमआर इन शोध संस्थानों को परीक्षण करने के लिए मंजूरी नहीं देगा. यह जिन संगठनों के अंतर्गत काम करती है, इन्हें उन्हीं से अनुमति मिल जाएगी.

भारत सरकार के सचिव संबंधित विभागों से उपयुक्त परीक्षण के शुरू करने के लिए अनुमोदन मांग सकते हैं. क्योंकि इन प्रयोगशालाओं की जिम्मेदारी संबंधित विभागों के पास होगी, न कि आईसीएमआर के पास.

आईसीएमआर ने परीक्षण शुरू करने से पहले इन संस्थाओं को सुरक्षात्मक उपायों के लिए सलाह दी.

जांच केंद्रों के लिए आईसीएमआर का निर्देश

  • आईसीएमआर ने कहा कि कोविड-19 उच्च संक्रमकता वाला रोग है. इसलिए इसकी जांच करते समय प्रशिक्षित कर्मचारियों को ही नमूने जांच के लिए दिए जाए.
  • विषाणुजनित (वायरोलॉजिकल) निदान (डायग्नोस्टिक) के लिए एक आणविक जीव विज्ञान व्यवस्था सहित जैव सुरक्षा स्तर-2 (BSL-2) की सुविधा लैब में उपलब्धता होनी चाहिए.
  • प्रयोगशालाओं में कामकाज के लिए कलिब्राटेड बायोसेफ्टी कैबिनेट (calibrated Biosafety cabinet) 2 A / 2B की उपलब्धता होनी चाहिए.
  • आरएनए निष्कर्षण के लिए कोल्ड सेंट्रीफ्यूज / माइक्रोफ्यूज होना चाहिए.
  • प्रयोगशालाओं में कामकाज के लिए रियल टाइम पीसीआर मशीन होना आवश्यक है.
  • प्रयोगशालाओं में जैव सुरक्षा और जैव विविधता की अच्छी समझ वाले कर्मचारी होने चाहिए.
  • वायरल निदान, आरएनए निष्कर्षण और रियल-टाइम पीसीआर और श्वसन सैंपल को को संभालने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी होने चाहिए.
  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन पर एक मजबूत संस्थागत नीति होना आवश्यक है.
  • जांच किए गए पदार्थों और अपशिष्ट पदार्थों के लिए परिभाषित जगह का प्रयोग करना आवश्यक है.

अतिरिक्त सलाह इस प्रकार है-

  • आइसीएमआर इन प्रयोगशालाओं को नैदानिक ​​किट / अभिकर्मक प्रदान नहीं करेगा. वाणिज्यिक किट के उपयोग की सलाह आईसीएमआर के वेबसाइट www.icmr.nic.in पर प्राप्त की जा सकती है.
  • प्रयोगशालाओं में परीक्षण केवल तभी किया जाना चाहिए जब नमूना राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों या राज्य आईडीएसपी द्वारा भेजा गया हो.
  • परीक्षण के लिए दिए गए दिशानिर्देश (www.icmr.nic.in पर उपलब्ध) का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. चूंकि मार्गदर्शन समय-समय पर परिवर्तित किया जाएगा, नवीनतम संशोधित निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.
  • जांच शुरू करने से पहले लैब राज्य सरकार और संबंधित आधिकारी को सूचना दें. इसके अतिरिक्त आईसीएमआर के ऑनलाइन पोर्टल पर एक रिपोर्ट भी अपलोड की जानी चाहिए.
  • कोविड -19 का परीक्षण शुरू करने वाली प्रत्येक प्रयोगशाला को अनिवार्य रूप से आईसीएमआर पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक है.
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