नई दिल्लीः भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड वैक्सीन के लिए लगभग 1000 स्वयंसेवक दो स्वैच्छिक कोविड 19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में भाग ले रहे हैं.
डॉ. भार्गव ने कहा कि चूहों और खरगोशों पर ट्रायल हो चुका है अब दो चरणों में मानव ट्रायल किया जाएगा.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और अहमदाबाद के जाइडस कैडिला को मानव परीक्षण के लिए सहमति दे दी है.
डॉ. भार्गव ने कहा कि भारत दुनिया में एक महत्वपूर्ण वैक्सीन आपूर्तिकर्ता के रूप में जाना जाता है. इसलिए दुनिया का कोई भी देश वैक्सीन को बनाए या उसका उत्पाद करे अंत में भारत या चीन को अंतिम रूप देना होगा.
डॉ. भार्गव ने यह भी जानकारी दी कि कोविड वैक्सीन के विकसित करने के पहले चरण में रुस ने सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि चीन ने भी अपने टीके के कार्यक्रम को तेजी से बढाया है.
डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि अमेरिका अपने दो वैक्सीन के लिए उम्मीदवारों के ट्रायल के परिणाम पर नजर रख रहा है. यूके भी देख रहा है कि वह ऑक्सफोर्ड वैक्सीन प्रोग्राम को तेजी से बढ़ा सकता है.
एक सवाल पर कि क्या कोविड 19 हवा से फैल सकता है इस पर डॉ. भार्गव ने कहा कि कोविड 19 एक छोटी बूंद का संक्रमण है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कई वैज्ञानिकों ने सुझाव दिए गए हैं कि माइक्रोड्रॉपलेट्स (आकार में 5 माइक्रोन से कम) के साथ कोरोना वायरस हवा द्वारा सीमित क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है. महत्वपूर्ण बात है यह है कि एक-दूसरे से दूरी बनाए रखनी है और मास्क का उपयोग करना है.
डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यदि आप 140 लोगों का रोज परीक्षण कर रहे हैं, तो यह व्यापक परीक्षण का संकेत होगा. हम(विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के मानदंडों को पूरा करने के लिए परीक्षण बढ़ाने के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को सलाह देते हैं.