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निशंक की अपील- सालाना फीस वृद्धि से बचें और तीन माह की फीस न लें प्राइवेट स्कूल

कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. देश में लगभग सभी शिक्षण संस्थाए बंद हैं. लोग घरों में बैठे हुए हैं. लेकिन प्राईवेट स्कूल ऐसी विकट परिस्थिति में भी स्कूल फीस के मामले में कोई सहानुभूति दिखाने को तैयार नहीं हैं. इस बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्राइवेट स्कूलों से अपील जारी कर फीस के मामले में विचार करने की बात कही है.

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रमेश पोखरियाल निशंक
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Published : Apr 17, 2020, 9:19 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्राइवेट स्कूलों से सालाना फीस वृद्धि न करने और तीन महीने की फीस न लेने की अपील की है. प्राइवेट स्कूल के चलाने वालों से इस मुद्दे पर सहानभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया है.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने आज एक दिशा निर्देश जारी करते हुए सभी प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि वे कोरोना संकट और उसकी वजह से लॉकडाउन की परिस्थिति को देखते हुए इस साल फीस में वृद्धि न करें और वार्षिक फीस भी अभिभावकों से ना मांगें. इसके साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार अब प्राइवेट स्कूल तीन महीनों तक केवल ट्यूशन फीस ही चार्ज कर सकेंगे.

बता दें कि कुछ दिनों से ऐसी शिकायतें सामने आ रही थीं कि प्राइवेट स्कूल रेगुलर क्लास न चलने के बावजूद भी ट्रांसपोर्ट, वार्षिक शुल्क, स्मार्ट क्लास और डेवलपमेंट फीस इत्यादि जमा करने के लिए पैरेंट्स पर दबाव बना रहे हैं.

दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की जा रही थी, जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से इस पर प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में भी कई स्कूल अपनी सालाना फीस में वृद्धि और तीन महीने की वर्तमान फीस भी एक साथ ले रहे हैं. इस वैश्विक आपदा की स्थिति में मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है की सालाना स्कूल फीस वृद्धि और 3 महीने की फीस एक साथ न लेने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें.

यह भी पढ़ें- कोविड 19 महामारी का मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा बुरा असर

गौरतलब है कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी शिक्षण संस्थानें बंद हैं. ऐसे में प्राइवेट स्कूल की तरफ से ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से कुछ घंटों की पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन ज्यादातर स्कूलों की तरफ से लॉकडाउन और कोरोना संकट की स्थिति को देखते हुए भी फीस में कोई रियायत देखने को नहीं मिल रही है. लगभग सभी प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से फीस की मांग कर रहे हैं.

आपको बता दें कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के बाद देश की राजधानी में स्थित सभी प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसी गई है और अब पूरे देश से इस तरह की मांगें सामने आ रही हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्राइवेट स्कूलों से सालाना फीस वृद्धि न करने और तीन महीने की फीस न लेने की अपील की है. प्राइवेट स्कूल के चलाने वालों से इस मुद्दे पर सहानभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया है.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने आज एक दिशा निर्देश जारी करते हुए सभी प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि वे कोरोना संकट और उसकी वजह से लॉकडाउन की परिस्थिति को देखते हुए इस साल फीस में वृद्धि न करें और वार्षिक फीस भी अभिभावकों से ना मांगें. इसके साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार अब प्राइवेट स्कूल तीन महीनों तक केवल ट्यूशन फीस ही चार्ज कर सकेंगे.

बता दें कि कुछ दिनों से ऐसी शिकायतें सामने आ रही थीं कि प्राइवेट स्कूल रेगुलर क्लास न चलने के बावजूद भी ट्रांसपोर्ट, वार्षिक शुल्क, स्मार्ट क्लास और डेवलपमेंट फीस इत्यादि जमा करने के लिए पैरेंट्स पर दबाव बना रहे हैं.

दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की जा रही थी, जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से इस पर प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में भी कई स्कूल अपनी सालाना फीस में वृद्धि और तीन महीने की वर्तमान फीस भी एक साथ ले रहे हैं. इस वैश्विक आपदा की स्थिति में मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है की सालाना स्कूल फीस वृद्धि और 3 महीने की फीस एक साथ न लेने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें.

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गौरतलब है कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी शिक्षण संस्थानें बंद हैं. ऐसे में प्राइवेट स्कूल की तरफ से ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से कुछ घंटों की पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन ज्यादातर स्कूलों की तरफ से लॉकडाउन और कोरोना संकट की स्थिति को देखते हुए भी फीस में कोई रियायत देखने को नहीं मिल रही है. लगभग सभी प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से फीस की मांग कर रहे हैं.

आपको बता दें कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के बाद देश की राजधानी में स्थित सभी प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसी गई है और अब पूरे देश से इस तरह की मांगें सामने आ रही हैं.

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